तीन कारणों से अमेरिकी बाजारों में रहेगा तेज उतार चढ़ाव, अनिल संघवी ने ट्रेडर्स को दी ये सलाह
अमेरिका और योरोप के बाजारों में सोमवार को गिरावट देखी गई. ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी के मुताबिक भारतीय निवेशकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस उतार चढ़ाव को गंभीरता से लेना चाहिए. 15 नवम्बर तक अमेरिकी बाजार में तेज उतार चढ़ाव देखा जा सकता है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार चढ़ाव का भारतीय बाजारों पर भी होगा असर ( फोटो- जी बिजनेस)
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार चढ़ाव का भारतीय बाजारों पर भी होगा असर ( फोटो- जी बिजनेस)
अमेरिका और योरोप के बाजारों में सोमवार को गिरावट देखी गई. ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी के मुताबिक भारतीय निवेशकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस उतार चढ़ाव को गंभीरता से लेना चाहिए. 15 नवम्बर तक अमेरिकी बाजार में तेज उतार चढ़ाव देखा जा सकता है.
ट्रेडर्स को दी ये सलाह
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी के मुताबिक अमेरिकी बाजारों में 15 नवंबर तक उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है. इसका असर हमारे बाजारों पर पर भी पड़ेगा. इसको ध्यान में रखते हुए ट्रेडर्स को अपनी पोजिशन हल्की रखनी चाहिए. साथ ही उन्होंने इंट्रा डे ट्रेड को बेहतर बताया है क्योंकि ओवरनाइड पोजिशन रखने में रिस्क बढ़ेगा.
इन तीन वजहों से बाजार में है उतार चढ़ाव
सिंघवी के मुताबिक अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान शेयर बाजार में उतार चढ़ाव रहता ही है. अमेरिका में स्टिमुलस पैकेज को लेकिर भी अनिश्चितता है. इस पैकेज के आने में देरी से भी बाजार पर असर पड़ रहा है. वहीं अमेरिका में जबरदस्त अर्ली वोटिंग हुई है जिसमें ट्रंप के पक्ष में कम और बाइडन के पक्ष में ज्यादा वोट पड़े हैं इससे भी बाजार के सेंटिमेंट पर असर पड़ा है.
15 नवंबर तक अमेरिकी बाजार में जारी रहेगा उतार-चढ़ाव...
— Zee Business (@ZeeBusiness) October 27, 2020
अनिल सिंघवी- स्टिमुलस पैकेज पर अनिश्चितता, अर्ली वोटिंग में ट्रंप के पिछड़ने और कोरोना के नए मामले बढ़ने से अमेरिकी बाजार में कमजोरी... पोजीशन कम रखकर करें ट्रेड#EditorsTake #USElection2020 #DonaldTrump @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/ReYqaJ5j0d
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बाजार में अस्थिरता का तीसरा सबसे बड़ा कारण अमेरिका ओर योरोप में बढ़ते कोराना के मामले हैं. कोरोना के मामले बढ़ने से इकोनॉमिक रिकवरी में देरी होगी साथ ही लॉकडाउन के खतरे के खतरे भी बढ़ेंगे.
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इस वजह से भारतीय बाजार में रह सकती है मजबूती
भारतीय बाजारों में 12000 के आसपास बड़ा मनोवैज्ञानिक स्तर ऊंचा है. वहीं भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है. कोरोना के मामले घटने से आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. वहीं 15 नवम्बर के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतार चढ़ाव कम होने से भारतीय बाजारों में भी तेजी रिकवरी देखी जा सकती है.
12:16 PM IST