EV चार्जिंग सिस्टम को और मजबूत बनाने पर फोकस! 2030 तक ₹16000 करोड़ के निवेश की जरूरत
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए सार्वजनिक चार्जिंग ढांचे की बढ़ती मांग पूरा करने और वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत से अधिक ईवी की मौजूदगी का लक्ष्य हासिल करने क लिए 16,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की जरूरत है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान पेश किया गया है.
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर सरकार और ऑटो कंपनी दोनों की ही तरफ से पुश किया जा रहा है. हालांकि इसके बाद भी लोगों के मन में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर रेंज का बड़ा इश्यू रहता है. अभी देश में ईवी को लेकर उतने बड़े स्तर पर इंफ्रा डेवलेप नहीं हुआ है लेकिन सरकार की ओर से लगातार काम किया जा रहा है. वहीं ऑटो कंपनियां भी ज्यादा से ज्यादा रेंज के साथ नए प्रोडक्ट्स को पेश कर रही हैं, ताकि लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में रुचि हो और ईवी को बड़े स्कैल पर बेचा जा सके. अब ईवी और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए पहले के मुकाबले और ज्यादा निवेश की जरूरत है.
16000 करोड़ रुपए का निवेश
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए सार्वजनिक चार्जिंग ढांचे की बढ़ती मांग पूरा करने और वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत से अधिक ईवी की मौजूदगी का लक्ष्य हासिल करने क लिए 16,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की जरूरत है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान पेश किया गया है.
उद्योग मंडल फिक्की की ईवी चार्जिंग अवसंरचना पर जारी रिपोर्ट कहती है कि भारत में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए वर्तमान वित्तीय व्यवहार्यता दो प्रतिशत से कम उपयोग दरों के साथ नीचे बनी हुई है और इसे वर्ष 2030 तक 8-10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखना होगा.
निश्चित शुल्क पर करना होगा काम
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
रिपोर्ट के मुताबिक, निश्चित शुल्क के साथ बिजली शुल्क की मौजूदा लागत संरचना और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का कम इस्तेमाल होने से स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. हालांकि, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में कम या शून्य निश्चित शुल्क है लेकिन कई राज्यों में अधिक शुल्क होने से चार्जिंग स्टेशनों की व्यवहार्यता पर सवाल खड़े होते हैं. रिपोर्ट में स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ स्थिति की तरफ भारत के बढ़ते कदम को आसान बनाने के लिए नीति निर्माताओं, ईवी कंपनियों और सरकारी निकायों सहित प्रमुख हितधारकों की तरफ से कदम उठाने का अनुरोध किया गया है.
ईवी चार्जिंग पर जीएसटी दर को कम करने का सुझाव
इसमें सार्वजनिक चार्जिंग के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए वित्तीय व्यवहार्यता, बिजली से संबंधित मुद्दे, जमीन की उपलब्धता, परिचालन से जुड़ी चुनौतियों और मानकीकरण के मुद्दों पर गौर करने की बात कही गई है. ईवी चार्जिंग सेवाओं के लिए जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का सुझाव भी दिया गया है. रिपोर्ट में शीर्ष-40 शहरों और 20 राजमार्ग खंडों में सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्राथमिकता देने की मांग भी की गई है.
05:02 PM IST