₹12 लाख मिलती है Salary तो भी आपकी इनकम होगी Tax Free! ₹1 भी नहीं देना होगा टैक्स, HR से ऐसे बनवाएं सैलरी ब्रेकअप
How to save income tax: अगर आप प्लानिंग करेंगे तो टैक्स बचा सकते हैं. यकीन मानिए अगर प्लानिंग सही रही तो आपकी कमाई यानि सैलरी (Salary) पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. मतलब जीरो टैक्स (Zero Tax).
How to save income tax: नया साल शुरू हो चुका है. नई फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) का वक्त है. लेकिन, उससे पहले मौजूदा वित्त वर्ष के लिए टैक्स बचाने (Tax Savings) की कोशिश करनी चाहिए. अगर आप प्लानिंग करेंगे तो टैक्स बचा सकते हैं. यकीन मानिए अगर प्लानिंग सही रही तो आपकी कमाई यानि सैलरी (Salary) पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. मतलब जीरो टैक्स (Zero Tax).
Reimbursement का उठाएं फायदा
Income Tax नियमों के मुताबिक, अगर टैक्स डिडक्शन (Tax Deductions) और टैक्स एग्जम्प्शंस (Tax Exemptions) को ठीक से इस्तेमाल करें तो टैक्स बचाया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए आपको अपना सैलरी स्ट्रक्चर भी ऐसा रखना होगा, जिसमें टैक्स का दायरा ज्यादा ना हो. इसके अलावा रीइम्बर्समेंट का ज्यादा फायदा उठा सकें.
टैक्स को Zero करने के लिए क्या करें?
अब मामला ये है कि सैलरी पर कोई टैक्स न लगे इसके लिए इन्वेस्टमेंट और सेविंग्स का तालमेल ठीक रखना होगा. अगर आपकी सैलरी 12 लाख रुपए है और आप रिइम्बर्समेंट और इन्वेस्टमेंट टूल्स का भरपूर फायदा लेते हैं तो निश्चित तौर पर सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. पूरी सैलरी बिना टैक्स के ही हासिल हो जाएगी.
Salary स्ट्रक्चर जरूर बदलें
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सैलरी स्ट्रक्चर को बदलने का ऑप्शन आपके हाथ में रहता है. आप इसकी रिक्वेस्ट कंपनी HR से भी कर सकते हैं. रीइम्बर्समेंट की एक लिमिट होती है. लेकिन, इसमें मल्टीपल टूल हो सकते हैं. रीइम्बर्समेंट में कन्वेंस, LTA, एंटरटेनमेंट, ब्रॉडबैंड बिल, पेट्रोल बिल्स और एंटरटेनमेंट या फूड-कूपंस भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इन सबकी मदद से टैक्स बचाया जा सकता है. इसके अलावा टैक्स बचाने के लिए HRA का भी ऑप्शन होता है.
HRA का ऐसे लें फायदा
HRA क्लेम करने में 3 आंकड़ों को शामिल किया जाता है. इन तीनों में जो सबसे कम होगा, उस पर टैक्स छूट मिलेगी. सैलरी स्ट्रक्चर में कंपनी की तरफ से मिलने वाला HRA मेट्रो और नॉन मेट्रो शहरों के हिसाब से होता है. मेट्रो शहर में बेसिक सैलरी का 50% और नॉन मेट्रो शहर में बेसिक सैलरी का 40% तक HRA क्लेम करने की छूट होती है. कुल रेंट में से बेसिक सैलरी का 10 फीसदी घटाने पर जो राशि बचती है, उतना HRA क्लेम किया जा सकता है.
कैसे तय होता है HRA?
मेट्रो शहर में किराया 20 हजार रुपए है. मतलब आपकी कुल मंथली सैलरी का 20 फीसदी. बेसिक सैलरी CTC की 50 फीसदी होगी. ऐसे में आपकी बेसिक हुई 6 लाख रुपए है. कंपनी की तरफ से बेसिक सैलरी का करीब 40 फीसदी HRA मिला तो करीब 2.40 लाख रुपए सालाना HRA मिलेगा. लेकिन, मेट्रो शहर में रहने की वजह से आप 50 फीसदी यानी 3 लाख रुपए तक HRA ले सकते हैं. 20 हजार रुपए के हिसाब से सालाना किराया 2.40 लाख रुपए हुआ. इसमें से बेसिक सैलरी का 10 फीसदी यानी 60 हजार रुपए घटाने के बाद कुल HRA 1.80 लाख रुपए हुआ. अब ऊपर दिए गए तीनों आंकड़ों में 1.80 लाख रुपए सबसे कम है. इस स्थिति में आप 1.80 लाख रुपए सालाना क्लेम कर सकते हैं.
LTA- लीव ट्रैवल अलाउंस का फायदा
LTA का फायदा 4 साल में दो बार लिया जा सकता है. इसमें ट्रैवल प्लान का किराया शामिल होता है. ये आपकी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी होता है. 6 लाख रुपए की बेसिक सैलरी पर 60 हजार रुपए LTA मिलेगा. सालाना एवरेज देखें तो 30 हजार रुपए पर टैक्स छूट ली जा सकती है.
Reimbursement का कैसे मिलेगा फायदा?
1. कन्वेंस अलाउंस: 12 लाख के सैलरी ब्रैकेट वालों को आमतौर पर 1-1.50 लाख रुपए का रीइम्बर्समेंट मिलता है. मतलब 1.50 लाख रुपए का कन्वेंस अलाउंस पूरी तरह से नॉन-टैक्सेबल होगा.
2. ब्रॉडबैंड बिल: ब्रॉडबैंड बिल पर भी टैक्स छूट मिल सकती है. इसे रीइम्बर्समेंट में शामिल कराएं. इसके लिए हर महीने 700-1000 रुपए में बतौर अलाउंस मिलते हैं. मान लेते हैं कि इसके तहत आपको हर महीने 1000 रुपए मिलते हैं यानी सालाना 12000 रुपए नॉन-टैक्सेबल सैलरी होगी.
3. एंटरटेनमेंट अलाउंस: एंटरटेनमेंट रीइम्बर्समेंट में खाने-पीने का बिल दिखाकर इसे क्लेम कर सकते हैं. 12 लाख तक की सैलरी वालों को हर महीने 2000 रुपए यानी 24 हजार रुपए तक नॉन टैक्सेबल होंगे.
4. यूनीफॉर्म, बुक्स या पेट्रोल बिल्स: अलग-अलग कंपनियां यूनीफॉर्म, पेट्रोल या फिर बुक्स बिल के नाम पर रीइम्बर्समेंट देती हैं. इस कैटेगरी में भी 1000-2000 रुपए तक ले सकते हैं. हर महीने 1000 रुपए रीइम्बर्समेंट के तौर पर लेने से सालाना 12 हजार रुपए नॉन टैक्सेबल कैटेगरी में आ जाएंगे.
मिलेगा Income tax डिडक्शन
इनकम टैक्स एक्ट में कुछ डिडक्शन मिलते हैं, जो टैक्सेबल सैलरी को कम करने में मदद करते हैं.
1- बेसिक इनकम छूट: 2.5 लाख रुपए तक की सैलरी को इनकम टैक्स के नियमों में नॉन-टैक्सेबल रखा गया है. मतलब आपकी कुल सैलरी में से 2.5 लाख रुपए तक कोई छूट टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन, इसे आखिर में कैलकुलेट किया जाता है.
2. स्टैंडर्ड डिडक्शन: सबसे पहले 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा. मतलब आपकी जितनी भी सैलरी हो, उसमें से 50 हजार रुपए कम कर दीजिए.
3- सेक्शन 80C: इसमें 1.50 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट पा हासिल कर सकते हैं. इसमें EPF, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, NPS, बच्चे की ट्यूशन फीस, LIC, होम लोन प्रिंसिपल जैसे टूल्स आते हैं. इसकी पूरी लिमिट का इस्तेमाल करके 1.50 लाख रुपए का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
3- सेक्शन 80CCD(1B): इसमें NPS में अतिरिक्त 50 हजार रुपए के निवेश का फायदा मिलता है.
4- सेक्शन 80D: इसमें खुद के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर 25 हजार रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं. इसके अलावा पैरेंट्स के हेल्थ इंश्योरेंस पर भी 25 हजार रुपए तक टैक्स छूट ले सकते हैं. इसमें कुल डिडक्शन 50 हजार रुपए तक हो सकता है. अगर पैरेंट्स 65 की उम्र से ज्यादा के हैं तो सीनियर सिटीजन डिडक्शन की लिमिट 50 हजार रुपए होगी. ऐसे में 75 हजार रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं. फिलहाल 80D में कुल 50 हजार रुपए पर टैक्स बचा पाएंगे.
टैक्सेबल और नॉन-टैक्सेबल की पूरी कैलकुलेशन समझें
पहला HRA- इसमें 1.80 लाख रुपए तक टैक्स छूट मिलेगी.
दूसरा रीइम्बर्समेंट- सारे रीइम्बर्समेंट को जोड़कर देखें तो कुल 1.98 लाख रुपए का रीइम्बर्समेंट मिलेगा.
तीसरा डिडक्शन- कुल 3 लाख रुपए का डिडक्शन मिलेगा.
चौथा लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA)- 30 हजार रुपए की टैक्स छूट मिलेगी. आपकी कुल सैलरी से 7.08 लाख रुपए पर टैक्स नहीं लगेगा.
12 लाख सैलरी पर 0 होगा इनकम टैक्स
कुल सालाना सैलरी 12 लाख रुपए है. इसमें से 7.08 लाख रुपए पर टैक्स नहीं लगेगा. अब टैक्सेबल सैलरी बची 4.92 लाख रुपए. अब यहां आएगा इनकम टैक्स का एक और नियम. टैक्सेबल सैलरी 5 लाख रुपए से कम है तो सेक्शन 87A के तहत रिबेट पर मिलेगी. 2.5 से 5 लाख रुपए तक की सैलरी पर 5 फीसदी टैक्स है, लेकिन अगर कुल टैक्सेबल सैलरी 5 लाख से कम है तो 2.5 लाख रुपए पर 12,500 रुपए की रिबेट मिलेगी. इसके बाद बचे हुए 2.50 लाख रुपए को बेसिक एग्जम्पशन छूट के दायरे में रखा जाएगा. इस तरह आपकी पूरी सैलरी टैक्स फ्री हो जाएगी. इस तरह आपका सारा टैक्स जीरो (0) हो जाता है.
06:50 PM IST