इस राज्य के किसानों के चेहरों पर पसरी मायूसी, लागत निकाल पाना भी हुआ मुश्किल, जानें क्यों खुद रौंद रहे खेतों में लगी सब्जी
Vegetable Cultivation: बाजार में पिछले एक हफ्ते के दौरान सब्जियों के भाव में जबरदस्त गिरावट आई है और इसके चलते उनके लिए फसल की लागत निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है.
Vegetable Cultivation: सब्जियों का बंपर उत्पादन करने वाले झारखंड के किसानों के चेहरों पर मायूसी पसरी है. बाजार में पिछले एक हफ्ते के दौरान सब्जियों के भाव में जबरदस्त गिरावट आई है और इसके चलते उनके लिए फसल की लागत निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है. रांची शहर के बाजारों में भी फूलगोभी, पत्ता गोभी, पालक, टमाटर जैसी सब्जियां 5 से लेकर 10 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही हैं. गांवों के बाजारों में कीमतें इससे भी कम हैं. आढ़तिए किसानों को उनकी लागत जितनी कीमत भी देने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में कई इलाकों के किसान खेतों में लगी सब्जी की फसल खुद रौंद रहे हैं.
पत्ता गोभी की फसल ट्रैक्टर चलाकर रौंदा
रामगढ़ के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के बड़कीपोना गांव के किसान राधेश्याम महतो ने अपनी एक एकड़ जमीन में लगी पत्ता गोभी की फसल ट्रैक्टर चलाकर रौंद दिया. इसके पहले गोला प्रखंड में भी एक किसान ने फूलगोभी की उचित कीमत न मिलने से नाराज होकर अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था.
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बाजार तक फसल ले जाने पर होने वाला भी नहीं निकल रहा खर्चा
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रांची जिले के ओरमांझी इलाके में भी कई किसान खेत से सब्जी की फसल उखाड़कर फेंक रहे हैं. ओरमांझी के उकरीद गांव के किसान कामेश्वर महतो बताते हैं कि उन्होंने 5 से 6 एकड़ जमीन पर फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती की थी. अब तैयार फसल 2 से 3 रुपए प्रति किलो की दर से भी नहीं बिक रही. बाजार तक फसल ले जाने पर होने वाला खर्च भी नहीं निकल रहा.
बोकारो जिले के कसमार प्रखंड अंतर्गत जम्हार गांव के किसान रमेश वर्मा, रामचंद्र महतो, लखनलाल महतो और निरंजन महतो ने बताया कि उन्होंने बड़ी मेहनत से फूलगोभी तथा पत्तागोभी की खेती की थी. पहले बेमौसम बरसात ने फसल को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद फिर भी हिम्मत जुटाकर दोबारा फसल लगाई तो अब बाजार में भाव गिर जाने की वजह से लागत भी नहीं निकल पा रही है.
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हरी सब्जियों का जबरदस्त उत्पादन
रांची जिले के इटकी, बेड़ो, ठाकुरगांव, ब्रांबे, पिठौरिया, रातू और मांडर, बोकारो जिले के पेटरवार, कसमार, खैराचातर, रामगढ़ जिले के गोला, चितरपुर, सोसो, पोना, कोडरमा जिले के डोमचांच, फुलवरिया, पुरनाडीह, धरगांव, चतरा जिले के इटखोरी, सिमरिया, पत्थलगड्डा, गिद्धौर, लातेहार जिले के बालूमाथ और बारियातू, हजारीबाग जिले के बड़कागांव, केरेडारी, चुरचू, कटकमसांडी, गिरिडीह जिले के डुमरी, बगोदर, गांवा, बेंगाबाद, पीरटांड़ सहित कई अन्य इलाकों में हरी सब्जियों का जबरदस्त उत्पादन हुआ है.
प्रोसेसिंग यूनिट का अभाव
हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के दादपुर निवासी शिबू महतो बताते हैं कि लोकल मार्केट में मूली और पत्तागोभी 4 से 5 रुपए प्रति किलो बिक रही है. बाहर के खरीदार इतनी भी कीमत देने को तैयार नहीं. किसानों के सामने स्थिति यह है कि खेत से बाजार तक फसल लाना भी मुनासिब नहीं लग रहा. चतरा जिले के इटखोरी निवासी पत्रकार रामदेव केसरी बताते हैं कि इस इलाके में हर साल फरवरी से लेकर अप्रैल-मई तक सब्जियों का भाव बेहद नीचे गिर जाता है. जब तक इलाके में सब्जियों के प्रसंस्करण की इकाइयां नहीं लगेंगी या फिर फसलों की उचित कीमत पर खरीदारी की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक किसानों की हालत में सुधार की गुंजाइश नहीं दिखती.
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06:26 PM IST