बढ़ेगी आमदनी, कम होगा प्रदूषण, नोएडा अथॉरिटी बनाएगी जैविक खाद
नोएडा अथॉरिटी ने मेगा कम्पोस्ट प्लान शुरू कर दिया है. इस प्रोजेक्ट के तहत नोएडा के 735 पार्कों और 181 ग्रीन बेल्ट एरिया से इकट्ठा किया गए हॉर्टिकल्चर वेस्ट से खाद बनाया जाएगा.
नोएडा में करीब 735 पार्क हैं जहां इस तरह का कचरा इकट्ठा होता है और फिर डंपरों में भर कर सेक्टर 145 के डंपिंग ग्राउंड में फेंक दिया जाता है.
नोएडा में करीब 735 पार्क हैं जहां इस तरह का कचरा इकट्ठा होता है और फिर डंपरों में भर कर सेक्टर 145 के डंपिंग ग्राउंड में फेंक दिया जाता है.
नोएडा को ज़ीरो हॉर्टिकल्चर वेस्ट जोन बनाने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने मेगा कम्पोस्ट प्लान शुरू कर दिया है. इस प्रोजेक्ट के तहत नोएडा के 735 पार्कों और 181 ग्रीन बेल्ट एरिया से इकट्ठा किया गए हॉर्टिकल्चर वेस्ट से खाद बनाया जाएगा. इसके साथ ही नोएडा को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए फैक्टरियों से इकट्ठा की गई स्क्रैप की लकड़ियों से खूबसूरत पार्क भी बनाया गया है.
अप्रैल को अर्थ डे के मौके पर नोएडा अथॉरिटी ने नोएडा को जीरो हॉर्टिकल्चर जोन बनाने का प्रण लिया था. इसके लिए अथॉरिटी ने नोएडा की करीब 184 जगहों पर मेगा कम्पोस्ट प्रोजेक्ट्स की शुरूआत कर दी है. ये प्रोजेक्ट पर्यावरण को साफ रखने के साथ-साथ नोएडा अथॉरिटी के लिए अतिरिक्त आय का भी इंतजाम करेगा. हर एक साइट पर 40 दिन में करीब 3 से 5 टन खाद तैयार की जाएगी.
पेड़-पौधे के कचरे से बनेगी खाद
हॉर्टिकल्चर वेस्ट यानी पेड़-पौधों से गिरी सूखी पत्तियों, जो आमतौर पर या तो जला दी जाती है या फिर लैंडफिल साइट पर फेंक दी जाती है, को लैंडफिल साइट तक ले जाने में काफी खर्चा होता है. नोएडा में करीब 735 पार्क हैं जहां इस तरह का कचरा इकट्ठा होता है और फिर डंपरों में भर कर सेक्टर 145 के डंपिंग ग्राउंड में फेंक दिया जाता है. ये लैंडफिल साइट्स पहले ही कचरे से ही इतना भर चुका हैं कि इनमें और कचरे की जगह नहीं है.
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नोएडा में प्रदूषण की गंभीर समस्या है. इसी समस्या से निजात पाने के लिए नोएडा अथॉरिटी हॉर्टिकल्चर वेस्ट को फेंकने की बजाय उसका इस्तेमाल खाद बनाने में कर रही है. इस से पहले भी मशीनों की मदद से कम्पोस्ट बनाया जाता रहा है लेकिन उन से बहुत ही कम मात्रा में खाद तैयार होता है और मशीनों में बिजली की खपत ज़्यादा होती है. इसलिए इस प्रोजेएक्ट पर खास तौर पर खाद के ज़्यादा उत्पादन पर ध्यान दिया जा रहा है.
डिकम्पोजर से बनने खाद
नोएडा अथॉरिटी के हॉर्टिकल्चर प्रोफेशनल डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए खास हनी कोंब स्ट्रक्चर तैयार किया गया है, जिसमें हॉर्टिकल्चर वेस्ट भर के डिकम्पोजर की मदद से खाद बनाया जाएगा. कुदरती तरीके से बनने वाली खाद में 9 से 10 महीने का समय लगता है जबकि इस प्रक्रिया से 40 से 50 दिनों के अंदर खाद बनके तैयार हो जाता है.
एक्सपर्ट की ली जा रही है मदद
इस खास प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली-एनसीआर से हॉर्टिकल्चर और कम्पोस्टिंग एक्सपर्ट्स की टीम तैयार की गई है जिसमें आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर भी शामिल हैं. ये प्रोजेक्ट 10 मई तक 3 चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में सेक्टर 14A,15A,16 से 50 तक. दूसरे चरण में सेक्टर 51 से 100 तक और तीसरे चरण में सेक्टर 101 से 150 तक पूरा किया जाएगा. ये नोएडा का ऐसा पहला प्रोजेक्ट है जिसमें सभी एक्सपर्ट्स और वालंटियर्स जीरो बजट इनिशिएटिव पर काम कर रहे हैं. इसमें तैयार किया गया खाद नोएडा के सभी डिपार्टमेंट्स में इस्तेमाल किया जाएगा और अतिरिक्त खाद को बाजार में बेचा जाएगा.
नोएडा अथॉरिटी के हॉर्टिकल्चर कंसलटेंट मनीष कुमार के मुताबिक, ये प्रोजेक्ट नोएडा को प्रदूषण से मुक्त करने का प्रयास है. इससे न सिर्फ कचरे की समस्या दूर होगी बल्कि ट्रांसपोर्ट, खाद और कीटनाशक पर खर्च होने वाला अथॉरिटी का पैसा भी बचेगा.
(पीयूष शर्मा की रिपोर्ट)
06:34 PM IST