Chandrayaan-3 के लिए आज का दिन भी बेहद अहम्, डीबूस्टिंग के जरिए घटाई जाएगी विक्रम लैंडर की स्पीड
चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिग के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है. लैंडिंग में बस कुछ दिन बचे हैं. लैंडिंग की प्रक्रिया में आज का दिन भी बहुत खास है क्योंकि आज शाम को करीब 4 बजे चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को डीबूस्टिंग के जरिए थोड़ी निचली कक्षा में लाया जाएगा.
Chandrayaan-3 के लिए आज का दिन भी बेहद अहम्, डीबूस्टिंग के जरिए घटाई जाएगी विक्रम लैंडर की स्पीड
Chandrayaan-3 के लिए आज का दिन भी बेहद अहम्, डीबूस्टिंग के जरिए घटाई जाएगी विक्रम लैंडर की स्पीड
चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिग के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 23 तारीख को चंद्रयान चांद की सतह पर लैंड करेगा. इस प्रक्रिया में 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया. अब दोनों अपनी-अपनी यात्राओं पर निकल चुके हैं. प्रोपल्शन मॉड्यूल अब चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा, वहीं लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद की कक्षा में उतरने के लिए तैयार हैं.
इस कड़ी में आज का दिन भी बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि आज शाम को करीब 4 बजे चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को डीबूस्टिंग के जरिए थोड़ी निचली कक्षा में लाया जाएगा. डीबूस्टिंग यानी लैंडर की स्पीड को घटाया जाएगा. डीबूस्टिंग की ये प्रक्रिया 20 अगस्त को भी दोहराई जाएगी. इसके बाद 23 अगस्त को शाम 5:47 बजे चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग होगी.
5 अगस्त को चांद की कक्षा में पहुंचा था चंद्रयान
बता दें कि भारत का चंद्रयान 5 अगस्त को चांद की कक्षा में पहुंच गया था. ऑर्बिट में प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं, जिसे इसरो ने ट्विटर पर शेयर किया था. इसके बाद 6 अगस्त को चंद्रयान की ऑर्बिट पहली बार घटाकर 170 Km x 4313 Km की गई. 9 अगस्त को इसे घटाकर 174 km x 1437 km कर दिया गया. 14 अगस्त को तीसरी बार चंद्रयान की ऑर्बिट घटाया गया था और इसे 150 Km x 177 Km कर दिया गया था. 16 अगस्त को चंद्रयान 153 Km X 163 Km की करीब-करीब गोलाकार कक्षा में आ गया. 17 अगस्त को चंद्रयान दो हिस्सों में बंट गया. प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग-अलग कर दिया गया. अब 23 अगस्त को चंद्रयान चांद पर लैंड करेगा.
चांद की सतह पर कैसे लैंडर और रोवर करेंगे काम
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चांद की सतह पर लैंडर विक्रम लैंडिंग के करने के बाद उसके अंदर रखे प्रज्ञान रोवर की बैटरी एक्टिवेट हो जाएगी और उसके सोलर पैनल खुल जाएंगे. इसके बाद रोवर चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा. सतह पर पहुंचने के बाद उसका कैमरा और दूसरे हिस्से एक्टिव हो जाएंगे. इसके बाद रोवर सतह पर आगे बढ़ने लगेगा और वहां डेटा इकट्ठा करने का काम करेगा. रोवर जो डेटा इकठ्ठा करेगा उसे लैंडर के पास भेजेगा, जिसे लैंडर जमीन पर इसरो के कमांड सेंटर को भेजेगा. रोवर का कार्यकाल एक चंद्रदिवस (धरती पर 14 दिन) के बराबर होगा.
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08:26 AM IST