1300 साल पुराना आम का पेड़ चलता है... 250 साल में 200 मीटर आगे बढ़ा, दुनियाभर के लोग हैरान, नहीं खोज पाए रहस्य
ये पेड़ गुजरात के वलसाड जिले के सजान गांव में आम के बागीचे में लगा है और अपनेआप में एक अजूबा है. कहा जाता है कि ये पेड़ अपने मूल स्थान से कई मीटर की दूरी पर खिसक चुका है.
Image Source- Sanjan.Gujarat Facebook Page
Image Source- Sanjan.Gujarat Facebook Page
आम एक ऐसा फल है जो अक्सर लोगों को पसंद होता है. आम को फलों का राजा कहा जाता है. ये गर्मियों का फल है और इसकी कई प्रजातियां होती हैं. आम सेहत-स्वाद दोनों का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है. लेकिन आज हम आपको आम नहीं, बल्कि आम के पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी बदौलत आपको इतना स्वादिष्ट फल खाने को मिलता है. ये पेड़ गुजरात के वलसाड जिले के सजान गांव में आम के बागीचे में लगा है. ये पेड़ अपनेआप में एक अजूबा है. कहा जाता है कि ये पेड़ अपने मूल स्थान से कई मीटर की दूरी पर खिसक चुका है. इस कारण इस पेड़ को चलने वाला पेड़ भी कहा जाता है. आइए आपको बताते है इस आम के पेड़ के बारे में रोचक बातें.
हेरिटेज पेड़ घोषित हो चुका है
पेड़ के खिसकने की बात सुनकर आश्चर्य होना लाजमी है, लेकिन ये बात हम नहीं कह रहे, वन विभाग ने भी इसके खिसकने की बात को माना है और इसे एक अजूबा करार दिया है. कहा जाता है कि ये पेड़ 1300 साल पुराना है और बीते 250 साल में 200 मीटर तक खिसक चुका है. कहा जाता है कि ये पेड़ सदियों से आगे बढ़ रहा है. इस पेड़ की तमाम विशेषताओं को देखते हुए इसे साल 2011 में हेरिटेज पेड़ घोषित किया गया है.
वन विभाग के बोर्ड पर है खिसकने की बात
पेड़ के पास सामाजिक वनीकरण विभाग ने एक बोर्ड लगा रखा है. इस बोर्ड में पेड़ के हेरिटेज होने की बात लिखी है, साथ ही ये भी लिखा गया है कि पिछले 20 से 25 वर्ष में ही यह पेड़ अपने मूल स्थान से तकरीबन तीन-चार मीटर यानी 10 फीट तक पूर्व दिशा में आगे बढ़ चुका है. वन विभाग के अफसरों की मानें तो ये पेड़ ऊपर के साथ जमीन के समानांतर भी बढ़ रहा है.
रहस्य आज तक समझ नहीं आया
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
कहा जाता है कि इस पेड़ की टहनियां ऊपर से उठकर तिरछी दिशा में बढ़ती है. धीरे-धीरे ये टहनियां जमीन में धंसने लगती हैं और एक पेड़ में तब्दील हो जाती है. पेड़ पर फल आने लगते हैं और पुराने पेड़ की टहनी सूखने लगती है. इसके पीछे आखिर माजरा क्या है, इसके बारे में वन विभाग भी रिसर्च कर चुका है, लेकिन कोई सटीक जानकारी नहीं जुटा सका.
श्रद्धा का केंद्र है पेड़
इस पेड़ के किस्से इलाके में दूर-दूर तक मशहूर हैं और लोग काफी दूर से इस पेड़ को देखने के लिए आते हैं. माना जाता है कि समुद्र के तट पर संजान टोला को पारसी प्रवासियों ने उस समय बसाया था जब 936 में गुजरात में शरण के लिए उन्होंने आवेदन दिया था. अनुमान लगाया जाता है कि उन लोगों ने ही इस पेड़ को लगाया होगा. आज ये पेड़ लोगों की श्रद्धा का केंद्र है. यहां रहने वाले लोग इसकी पूजा करते हैं. तमाम समस्याओं में दवा के तौर पर इसके पत्तों का इस्तेमाल भी किया जाता है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
01:37 PM IST