शेयर बाजार में लौटा केतन पारेख का जिन्न,विदेश से चल रहा था फ्रंट रनिंग का खेल, सेबी ने किया बैन
Ketan Parekh, SEBI Order: केतन पारेख शेयर बाजार में फिर से सक्रिय हो गया है. सेबी ने फ्रंट रनिंग के मामले में अंतरिम ऑर्डर जारी किया है. विदेशी क्लाइंट के सौदों पर होती थी फ्रंट रनिंग.
Ketan Parekh, SEBI Order: मार्केट रेगुलेटर सिक्युरिटी बोर्ड ऑफ एक्सचेंज ऑफ इंडिया (सेबी) ने गुरुवार को केतन पारेख सहित तीन लोगों को तत्काल प्रभाव से सिक्युरिटी मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है. इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने ‘फ्रंट-रनिंग’ योजना में कथित तौर पर शामिल होकर 65.77 करोड़ रुपये का अवैध लाभ कमाया. केतन पारेख विदेशी क्लाइंट के सौदों पर फ्रंट रनिंग करता था. सिंगापुर में बैठकर फ्रंट रनिंग होती थी.
अप्रकाशित संवेदनशील सूचना के आधार पर होती थी खरीद-फरोख्त
फ्रंट रनिंग में कंपनी की अप्रकाशित संवेदनशील सूचना के आधार पर शेयरों की खरीद-फरोख्त की जाती है. इसके अलावा, सेबी ने पारेख समेत 22 यूनिट्स द्वारा कथित उल्लंघनों से अर्जित 65.77 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को संयुक्त रूप से और अलग-अलग जब्त करने का निर्देश दिया है. सेबी ने केतन पारेख, रोहित सालगांवकर और अशोक कुमार पोद्दार को सेबी के साथ रजिस्टर्ड किसी भी मध्यस्थ से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तत्काल प्रभाव से जुड़ने से भी रोक दिया .
पारेख, सालगावंकर समेत 22 यूनिट्स को कारण बताओ नोटिस जारी
सेबी ने पारेख, सालगांवकर और पोद्दार समेत 22 यूनिट्स को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न धन वापसी, प्रतिबंध और जुर्माना लगाने सहित उचित निर्देश पारित किए जाएं. नियामक ने कहा कि इन इकाइयों को इस आदेश की प्राप्ति की तिथि से 21 दिन के भीतर सेबी के समक्ष अपने जवाब दाखिल करने होंगे. 188 पेज के अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा कि ‘रोहित सालगांवकर और केतन पारेख ने ‘फ्रंट-रनिंग’ गतिविधियों को अंजाम देकर बड़े ‘ग्राहकों’ से संबंधित एनपीआई (गैर-सार्वजनिक सूचना) से अनुचित तरीके से लाभ कमाने की पूरी योजना बनाई.’
अशोक कुमार पोद्दार ने की थी फ्रंट रनिंग में मदद
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नियामक ने बताया कि अशोक कुमार पोद्दार ने माना है कि उन्होंने फ्रंट-रनिंग में मदद की थी. केतन पारेख और दूसरे लोगों ने जो तरीका अपनाया था, उसके बारे में सेबी को पता चला कि शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले, फ्रंट रनर को वॉट्सऐप चैट या कॉल के जरिए निर्देश मिल रहे थे. ये निर्देश एक ऐसे व्यक्ति से आ रहे थे जिसका नंबर मोबाइल में जैक, जैक न्यू या जैक लेटेस्ट, न्यू/बॉस जैसे नामों से सेव किया गया था. जब इन नंबरों की जांच की गई, तो पता चला कि ये नंबर केतन पारेख के थे. केतन पारेख को ये अंदरूनी जानकारी रोहित सालगांवकर नाम के एक व्यक्ति से मिल रही थी.
पहले भी लगाई गई थी पाबंदी
केतन पारेख से सीधे या किसी के ज़रिए खास समय पर निर्देश मिलने के बाद, फ्रंट रनर उन निर्देशों के हिसाब से शेयर खरीदता-बेचता था और गलत तरीके से पैसे कमाता था. इन गलत कामों के लिए केतन पारेख और अशोक कुमार पोद्दार को पहले भी शेयर खरीदने-बेचने से रोका गया था और शेयर बाज़ार से जुड़े रहने पर पाबंदी लगाई गई थी. आदेश में कहा गया है कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, सालगांवकर, पारेख और पोद्दार को तुरंत प्रभाव से शेयर खरीदने,बेचने या लेन-देन करने से, या सेबी के साथ रजिस्टर किसी भी ब्रोकर या कंपनी के साथ सीधे या किसी के जरिए भी जुड़ने से रोका जाएगा.
(भाषा इनपुट के साथ)
10:18 PM IST