Sebi लाया Mutual Funds Lite, पैसिव तरीके से मैनेज होने वाले म्यूचुअल फंड्स के लिए है ये नई व्यवस्था
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने मंगलवार को म्यूचुअल फंड लाइट (MF Lite) की शुरुआत की है. यह फ्रेमवर्क पैसिव तरीके से मैनेज की जाने वाली म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए लाया गया है. म्यूचुअल फंड्स के लिए मौजूदा फ्रेमवर्क हर तरह की एमएफ स्कीम्स पर लागू है, चाहे वह एक्टिव हों या पैसिव.
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने मंगलवार को म्यूचुअल फंड लाइट (MF Lite) की शुरुआत की है. यह फ्रेमवर्क पैसिव तरीके से मैनेज की जाने वाली म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए लाया गया है. म्यूचुअल फंड्स के लिए मौजूदा फ्रेमवर्क हर तरह की एमएफ स्कीम्स पर लागू है, चाहे वह एक्टिव हों या पैसिव. ऐसे में नेटवर्थ, ट्रैक रिकॉर्ड और प्रॉफिटेबिलिटी के आधार पर एंट्री से जुड़े किसी भी प्रोविजन को लेकर एक्टिव और पैसिव दोनों के लिए एक जैसे नियम हैं.
सेबी ने 16 मार्च 2025 से 'MF Lite' फ्रेमवर्क के पहले चरण को लागू करने का ऐलान किया है. इस फ्रेमवर्क के तहत कुछ चुनिंदा पैसिव म्यूचुअल फंड्स को कवर किया जाएगा, जो निवेशकों को सरल और पारदर्शी तरीके से निवेश का अवसर देंगे.
फेज-1 के तहत, केवल डोमेस्टिक इक्विटी पैसिव फंड्स को कवर किया जाएगा, जिनका कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 31 दिसंबर तक 5000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा होगा. इस कैटेगरी में सरकारी सिक्योरिटी (G-Sec), ट्रेजरी बिल (T-bills) और राज्य विकास ऋण (SDL) जैसे डोमेस्टिक टारगेट मैच्योरिटी डेट पैसिव फंड्स भी शामिल होंगे. बता दें SDL वह बॉन्ड होते हैं, जिन्हें राज्य सरकारें जारी करती हैं.
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इसके अलावा, सभी गोल्ड ETFs, सिल्वर ETFs और गोल्ड या सिल्वर ETFs पर आधारित फंड-ऑफ-फंड्स (FoFs) को भी इस फ्रेमवर्क में शामिल किया जाएगा. SEBI ने यह भी फैसला किया है कि जिन विदेशी ETFs और FoFs का एक ही विदेशी पैसिव फंड का अंडरलाइंग होगा, उन्हें भी MF Lite फ्रेमवर्क में कवर किया जाएगा, बशर्ते उनके विदेशी बेंचमार्क्स MF Lite फ्रेमवर्क के नियमों के अनुरूप हों. अगर कोई FoF एक से ज्यादा इंडेक्स में निवेश करता है, तो उसे MF Lite फ्रेमवर्क के तहत कवर नहीं किया जाएगा.
इस फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए SEBI ने एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया था, जो पैसिव रूप से मैनेज होने वाले म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए एक सरल और लचीली व्यवस्था बनाने पर काम कर रहा था. इसके बाद, यह सिफारिशें म्यूचुअल फंड्स एडवाइजरी कमेटी (MFAC) के सामने रखी गईं. आखिरकार, SEBI ने अपनी 16 दिसंबर 2024 की अधिसूचना के जरिए SEBI (Mutual Funds) Regulations, 1996 में संशोधन किया.
SEBI के इस कदम से निवेशकों को पैसिव फंड्स में निवेश करने के और अधिक अवसर मिलेंगे, जो कम लागत वाले और सरल तरीके से निवेश करने का एक अच्छा विकल्प प्रदान करते हैं.
09:39 PM IST