क़िस्सा-ए-कंज़्यूमर: फौजी के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल, आप भी रहें सावधान
फोन उठते ही मैंने पूछा- ‘यार एसी तो आपका बिल्कुल नया लग रहा है, बेच क्यों रहे हैं?’ जवाब मिला- ‘ट्रांसफर हो रहा है सर. कल रात तक मुझे निकलना है. अर्जेंट में बेच रहा हूं.
इस सच्ची कहानी को आपसे शेयर करने का मकसद यही है कि आप ऐसे किसी झांसे में न आएं. (Zeebiz.com)
इस सच्ची कहानी को आपसे शेयर करने का मकसद यही है कि आप ऐसे किसी झांसे में न आएं. (Zeebiz.com)
ब्रांड न्यू एसी. LG का. डेढ़ टन. फाइव स्टार. सिर्फ 14000 रुपए में! तस्वीरें भी बता रही थीं कि प्रोडक्ट बिल्कुल नया है. ज़ाहिर है किसी का भी ध्यान अटक जाएगा. मेरा भी अटका. हालांकि दिमाग का एंटिना अलर्ट पर था. एसी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि इसकी कीमत 40,000 रुपए से कम तो नहीं होगी. ऐड था OLX पर. यूज़र नेम था Chucx. ये भी संदिग्ध. सोचा- खेलते हैं ज़रा. चैट पर नंबर मांगा. मिल गया.
मछली फंसाने के लिए कैसी-कैसी चाल!
फोन उठते ही मैंने पूछा- ‘यार एसी तो आपका बिल्कुल नया लग रहा है, बेच क्यों रहे हैं?’ जवाब मिला- ‘ट्रांसफर हो रहा है सर. कल रात तक मुझे निकलना है. अर्जेंट में बेच रहा हूं. 6 महीने पहले बेटे के बर्थडे पर खरीदा था. बिल भी है. कम से कम साढ़े तीन साल की वारंटी में है.‘ मैंने कहा- ‘मुझे खरीदना है. क्या करना होगा?’ भाई बोला- ‘मैं आर्मी में हूं, दिल्ली कैंट से बोल रहा हूं. कोरोना की वजह से यहां आना किसी को अलाउड नहीं है. मैं आर्मी के पार्सल वैन से आपके पास भिजवा सकता हूं. आपको ठीक लगे तो पैसे दे देना नहीं तो गाड़ी वापस ले आएगी. ‘यहां तक सब ठीक चल रहा था. मैंने सोचा थोड़ा मोल-भाव करके देखते हैं. बात 14 हजार की जगह 12 हजार पर तय हो गई. ये सब हो रहा था 8 अगस्त 2020 को. उसने कहा- ‘आप अपना ऐड्रेस इसी नंबर पर व्हॉट्सऐप कर दीजिए. कल सुबह 8 बजे तक मेरी परेड होती है, उसके बाद एक बार कॉल कर लीजिएगा.’
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आर्मी पार्सल वैन की फर्जी कहानी
9 अगस्त की सुबह मैने फिर कॉल किया. उसने ऐसे रिस्पॉन्ड किया जैसे पहली बार बात हो रही हो. मैंने कल की बातचीत याद दिलाई. बोला- ‘कल से इतने सारे फोन आ रहे हैं कि याद रखना मुश्किल है किससे क्या बात हुई.’ मैंने कहा- ‘मैं 12 हजार में आपका एसी खरीदने को तैयार हूं, आप कब तक भेजेंगे ये बताइये.’ उसने कहा- ‘मुझे अपने ट्रांसफर के लिए कई कागजी कार्रवाई करनी है, उन्हीं सब में फंसा हुआ हूं. आज रात तक निकलना है. मैने आर्मी टू आर्मी तो पार्सल भिजवाए हैं, लेकिन किसी सिविलियन के पास आर्मी पार्सल वैन भेजने के लिए मुझे अपने साहब से पूछना पड़ेगा. मैं पूछकर फिर आपको कॉल-बैक करता हूं.’
ये सुनते ही बजी दिमाग की घंटी
उसने कॉल बैक नहीं किया. करीब 3 घंटे बाद मैंने फिर नंबर मिलाया. पूछा- ‘क्या सीन है? कब भेज रहे हैं? साहब से बात हुई?’ कहने लगा- ‘हां सर, बात हुई. प्रॉसेस ये है कि आपके नाम से एक चालान कटेगा 2100 रुपए का. क्योंकि आप सिविलियन हैं. वो आपकी सिक्योरिटी मनी होगी. क्योंकि सरकारी गाड़ी जा रही है, कहीं आपने फोन नहीं उठाया, या ऐड्रेस पर कोई नहीं मिला तो क्या होगा. इसलिए 2100 रुपए पहले जमा कराना होगा. आप एसी खरीदें तो 2000 कम दे देना.’ ये सुनते ही मेरा शक यकीन में बदल गया. मैंने कहा- ‘आप ऐसा करो, वो चालान आप बनवा दो और एसी भिजवा दो. जो भी होगा मैं पेमेंट में एडजस्ट कर दूंगा’. जवाब मिला- ‘लेकिन सर मेरे नाम से वो बन ही नहीं सकता ना, आपके नाम की ट्रांजैक्शन आईडी चाहिए. तभी वैन निकल पाएगी. वो गेट पास जैसा होता है.’ मैने कहा- ‘भाई मेरे, क्या गारंटी है कि 2100 रुपए देने के बाद वैन मेरे पास आएगी ही. एडवांस में तो मैं कुछ नहीं देने वाला. कोई दूसरा तरीका हो तो बताओ.‘ उसने कहा- ‘दूसरा कोई तरीका नहीं है सर’. मैंने कहा- ‘तो फिर धन्यवाद.’
वेबसाइट पर रिपोर्ट करके बंद करा दी दुकान
OLX पर एक ऑप्शन होता है- Report Ad. मैंने उसका इस्तेमाल किया. लिखा कि ये शख्स कई लोगों से बात कर रहा होगा, कोई भी इसके झांसे में आ सकता है. इसका अकाउंट फौरन डी-एक्टिवेट किया जाए. OLX ने भी देर नहीं लगाई. कुछ ही सेकेंड्स के भीतर उसके अकाउंट पर दिखने लगा- Suspicious User Detected. और इसके कुछ देर बात ही यूज़र इन-ऐक्टिव हो गया. अब जो लोग उससे सिर्फ उसके मोबाइल नंबर पर डील कर रहे हों और OLX पर देखने भी नहीं आ रहे हों, उनका तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इस तरह कम से कम उसे नया शिकार मिलने का रास्ता तो बंद हो गया.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
आपके लिए सबक क्या है?
इस सच्ची कहानी को आपसे शेयर करने का मकसद यही है कि आप ऐसे किसी झांसे में न आएं. कोरोना काल में ऑनलाइन की तरफ रुझान कुछ ज्यादा हो गया है. इसके साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं. मूल मंत्र यही है कि जब तक सामान आपके हाथ में नहीं आए, एक पैसा नहीं देना है. किसी भी कीमत पर नहीं देना है. बस इतना कर लीजिए तो जालसाजों का सारा प्लान खुद-ब-खुद फेल हो जाएगा.
01:20 PM IST