Money Guru: निवेश का इको फ्रेंडली प्लान है सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड, ब्याज दरें और बॉन्ड पर रिटर्न को यहां समझें
Money Guru: बॉन्ड एक निश्चित समय अवधि के लिए होता है. जो बॉन्ड कंपनी जारी करती है, उसे कॉर्पोरेट बॉन्ड कहते हैं. बॉन्ड के लिए एक तय ब्याज निर्धारित किया जाता है.
Money Guru: सरकारी बॉन्ड का नया अवतार है सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड. यह बॉन्ड (sovereign green bond) निवेशक के लिए पैसा लगाने का एक शानदार साधन है. जो अपार मुनाफा दिलाने की क्षमतदा रखता है. ग्रीन बॉन्ड-कितना फायदा,कितना रिटर्न? इसे समझना भी जरूरी है. ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला और मॉर्निंगस्टार के डायरेक्टर (मैनेज्ड पोर्टफोलियो)धवल कपाड़िया से हम यहां यह समझने की कोशिश करते हैं कि कैसे सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड सुरक्षित निवेश भी है और बेहतर रिटर्न का मौका भी देता है. यानी सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड-निवेश का इको फ्रेंडली प्लान कितना है.
बॉन्ड (Bond) क्या हैं?
पैसा जुटाने का एक माध्यम है
बॉन्ड से जुटाया गया पैसा कर्ज की श्रेणी में आता है
सरकार द्वारा जारी किए गए बॉन्ड को सरकारी बॉन्ड कहते हैं
बॉन्ड एक निश्चित समय अवधि के लिए होता है
जो बॉन्ड कंपनी जारी करती है, उसे कॉर्पोरेट बॉन्ड कहते हैं
बॉन्ड के लिए एक तय ब्याज निर्धारित किया जाता है
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड
पर्यावरण फ्रेंडली योजना के लिए रकम इक्कट्ठा करने के लिए जारी
सरकार की तरफ से ₹16000 करोड़ के ग्रीन बॉन्ड जारी
कर्ज क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए जुटाया जाएगा
ग्रीन बॉन्ड से मिली रकम को हरित परियोजनाओं में लगाया जाता है
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड RBI जारी करेगी, बॉन्ड पर सॉवरेन गारंटी
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड-कितनी रकम जारी?
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सरकार का ग्रीन बॉन्ड से ₹16000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य
₹8000 करोड़ की पहली किस्त 25 जनवरी 2023 को जारी हुई
दूसरी ₹8000 करोड़ की किस्त 9 फरवरी 2023 को जारी
₹4000 करोड़ के ग्रीन बॉन्ड 5 साल की अवधि के लिए
बाकी ₹4000 करोड़ के ग्रीन बॉन्ड 10 साल के लिए
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड-क्यों जरूरी?
जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए
अर्थव्यवस्था में कार्बन तीव्रता को कम करना
पर्यावरणीय परियोजनाओं को पूंजी बाजार और निवेशकों के साथ जोड़ना लक्ष्य
निवेशक ग्रीन बॉन्ड के जरिए ग्रीन एनर्जी जैसी प्रैक्टिस में शामिल होंगे
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड
निवेशकों को फायदा
ग्रीन बॉन्ड (sovereign green bond) पूरी तरह सुरक्षित निवेश
निवेशकों को तय ब्याज दर पर मिलेगा रिटर्न
कम समय में बेहतर रिटर्न और सुरक्षित निवेश का मौका
₹4000 करोड़ वाले ग्रीन बॉन्ड 5 साल के लिए जारी किए जाएंगे
दूसरे ₹4000 करोड़ के बॉन्ड 10 साल के लिए जारी होंगे
पांच साल वाले ग्रीन बॉन्ड (sovereign green bond)पर 7.38% यील्ड तय
दस साल वाले ग्रीन बॉन्ड की यील्ड 7.35% तय
2023-फिक्स्ड इनकम का साल?
मौजूदा समय फिक्स्ड इनकम से पैसे बनाने का
RBI की पॉलिसी में ब्याज दरें बढ़ाने के संकेत
छोटी बढ़ोतरी के बाद,ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं
फिक्स्ड इनकम निवेश के लिहाज से लग रहा आकर्षक
ब्याज दरें और बॉन्ड पर रिटर्न
सितंबर 2021 दिसंबर 2022 बढ़ोतरी
रेपो रेट 4% 6.25% 2.25%
6-mth comm. paper 4.05% 7.65% 3.6%
1 yr बॉन्ड 4.2% 7.55% 3.55%
2 yr बॉन्ड 4.8% 7.57% 2.77%
3 yr बॉन्ड 5.3% 7.58% 2.28%
फिक्स्ड इनकम निवेश
यहां रखें फोकस
- टार्गेट मैच्योरिटी फंड
- सरकारी बॉन्ड
- फ्लोटिंग रेट फंड
- डायनमिक बॉन्ड फंड
टार्गेट मैच्योरिटी फंड
खासियत:
ऊंची ब्याज दर पर निवेश लॉक-इन करने का मौका
ब्याज दरों के बदलाव में जोखिम कम करने में कारगर
इसमें बाकी निवेश विकल्प के मुकाबले ज्यादा लिक्विडिटी
टार्गेट मैच्योरिटी फंड में कभी भी एंट्री और एग्जिट
टार्गेट मैच्योरिटी फंड में बेहतर रिटर्न
टार्गेट मैच्योरिटी फंड में मिलता है इंडेक्सेशन लाभ
फ्लोटिंग रेट बॉन्ड
RBI करता है जारी
फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड (टैक्सेबल)
7 साल की अवधि, ब्याज दर हर 6 महीने में धोषित
मिनिमम ₹1000 निवेश, मैक्सिमम निवेश सीमा नहीं
हर 6 महीने में ब्याज की रकम अकाउंट में
ब्याज पर कटता है टैक्स
NRI नहीं कर सकते निवेश
सेकेंडरी मार्केट पर ट्रेड नहीं होते
इस बॉन्ड (investment in bonds)की एवज में लोन नहीं ले सकते
सरकारी बॉन्ड
G-SEC केंद्र या राज्य सरकारें जारी करती हैं
इनकी अवधि 5 से लेकर 30 साल तक होती हैं
सरकारी सेक्योरिटीज में डिफॉल्ट का खतरा नहीं
मेच्योरिटी से पहले बेचना संभव नहीं
ऊंची ब्याज दरों में खरीद फायदेमंद
लंबी अवधि और मेच्योरिटी तक निवेश का फायदा.
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07:42 PM IST