नए साल में इंटरनेशनल फंड आपके पोर्टफोलियो को दे सकते हैं मजबूती, जानिए इसमें निवेश के फायदे
इंटरनेशनल फंड आपको ऐसे यूनिक या नए जमाने या भविष्य के बिजनेस के मॉडल लिए एक्सपोजर हासिल करने में मदद कर सकते हैं, जो भारत में बहुतायत से उपलब्ध नहीं हो सकते हैं.
ग्रोथ स्टॉक बेहतर विकल्प. (Photo- Pixabay)
ग्रोथ स्टॉक बेहतर विकल्प. (Photo- Pixabay)
Investment Tips: ग्लोबल निवेश न सिर्फ एक निवेशक को डाइवर्सिफिकेशन से लाभ लेने में मदद कर सकता है, बल्कि घरेलू बाजार में मौके न होने पर भी दुनियाभर में निवेश के अवसरों में भागीदारी लेकर मुनाफा बनाने की अनुमति देता है. अगर आप भी ऐसे मौके की तलाश में हैं तो उन म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं जो इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड (International Mutual Fund) में निवेश करते हों. ऐसे करके आप अपना पोर्टफोलियो मजबूत कर सकते हैं.
इंटरनेशनल फंड में निवेश के फायदे
PGIM India Mutual Fund के सीईओ अजीत मेनन ने कहा, इंटरनेशनल फंड आपको ऐसे यूनिक या नए जमाने या भविष्य के बिजनेस के मॉडल लिए एक्सपोजर हासिल करने में मदद कर सकते हैं, जो भारत में बहुतायत से उपलब्ध नहीं हो सकते हैं. भारत में ऐसी सर्विसेज या इस तरह के बिजनेस में निवेश करने के लिए बहुत कम विकल्प हैं. REITs जैसा एसेट क्लास भी भारत में बहुत अच्छी तरह से अभी डेवलप नहीं है. REITs में निवेश भी पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइड करते हैं क्योंकि ये अलग तरह के आर्थिक परिदृश्यों में इक्विटी से अलग प्रदर्शन कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- सरकार ने नए साल का दिया तोहफा! छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में की बढ़ोतरी, NSC-KVP पर मिलेगा ज्यादा ब्याज
TRENDING NOW
6 शेयर तुरंत खरीद लें और इस शेयर को बेच दें; एक्सपर्ट ने निवेशकों को दी कमाई की स्ट्रैटेजी, नोट कर लें टारगेट और SL
इस कंपनी को मिला 2 लाख टन आलू सप्लाई का ऑर्डर, स्टॉक में लगा अपर सर्किट, 1 साल में 4975% दिया रिटर्न
PGIM इंडिया 3 इंटरनेशनल फंड ऑफ फंड्स (FoFs) ऑफर कर रहा है. इनमें पीजीआईएम इंडिया ग्लोबल इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड, पीजीआईएम इंडिया इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी फंड और पीजीआईएम इंडिया ग्लोबल सेलेक्ट रियल एस्टेट सिक्योरिटीज फंड हैं. लंबी अवधि में इन्होंने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है, हालांकि शॉर्ट टर्म में निगेटिव रिटर्न रहा है. दो इक्विटी फंडों के लिए, अंडर परफॉर्मेंस का एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिक व्हीकल, ई-कॉमर्स और सेमीकंडक्टर जैसे बिजनेस में कंपनियों से आया है. रियल एस्टेट के मोर्चे पर लिस्टेड REITs ने बढ़ती ब्याज दरों के साथ पर्याप्त प्राइस करेक्शन देखा है.
कौन सी थीम करेगी बेहतर प्रदर्शन
हम अभी भी इन थीम पर पॉजिटिव हैं, क्योंकि वे नेचर में स्ट्रक्चरल हैं और ग्रोथ के लिए एक लंबा रास्ता है. इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट से ग्रोथ का अनुभव हो सकता है. इसी तरह, ई-कॉमर्स कंपनियां एक अन्य ग्रोथ एरिया हो सकती है, जो विशेष रूप से उभरते बाजारों में बढ़ते एडॉप्शन और इंटरनेट पेनिट्रेशन से संचालित होती हैं. सेमीकंडक्टर, चल रहे डिजिटलीकरण का एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट होने के नाते, एक बेनेफिशियरी हो सकता है.
ये भी पढ़ें- मखाने की खेती से लाखों कमाने का मौका, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, जानिए सभी जरूरी बातें
ग्रोथ स्टॉक बेहतर विकल्प
हमारे इंटरनेशनल इक्विटी फंड उन कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं जो अपने ग्रोथ में तेजी लाने के शुरुआती चरण में हैं. ग्रोथ स्टॉक ने रेट हाइक साइकल के दौरान ऐतिहासिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है. पिछले तीन दशकों में पिछले चार यूएस फेड रेट हाइक साइकिल संकेत मिलता है कि जब दरों में बढ़ोतरी की शुरुआत में घोषणा की गई थी, तब ग्रोथ स्टॉक्स ने कमजोर प्रदर्शन किया था. हालांकि, ग्रोथ स्टॉक आगे फिर मार्केट लीडर के रूप में उभर सकते हैं. इसके अलावा, रसेल 1000 ग्रोथ इंडेक्स द्वारा दर्शाए गए ग्रोथ स्टॉक्स के लिए अर्निंग ग्रोथ लगातार मजबूत बनी हुई है, जबकि वैल्यूएशन मल्टीपल (पी/ई) ने 2 को कंप्रेस किया है.
REITs पर क्या है राय
रियल एस्टेट की बात करें तो लिस्टेड REITs ने मैक्रो-एनवायरनमेंट को लेकर ज्यादा प्रतिक्रिया दिखाई है. जैसे-जैसे ब्याज दरें बढ़ती हैं, अत्यधिक लीवरेज वाले खरीदारों को ट्रांजेक्शन के लिए फाइनेंस मुश्किल हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप रियल एस्टेट एम एंड ए गतिविधि धीमी हो जाती है. दूसरी ओर, ऊंची दरें लैंडलॉर्ड के लिए अधिक प्राइसिंग पावर की अनुमति दे सकती हैं. रियल एस्टेट और REITs के लिए रिफ्लेक्शन ऐतिहासिक रूप से अच्छा रहा है. ऑक्यूपेंसी कम होने और मांग में कमी के कारण बहुत सारी कंपनियां मजबूत टॉप लाइन ग्रोथ जारी रखे हुई हैं.
ये भी पढ़ें- साहिवाल, गिर नस्ल की गायों से शुरू किया डेयरी बिजनेस, दूध बेचकर कमा लिया ₹30 लाख
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
11:41 AM IST