Budget 2023: आम बजट का क्या है इतिहास, किसने पेश किया था पहला बजट और अब तक इसमें क्या-क्या हुआ बदलाव, जानें सबकुछ
एक फरवरी 2023 को फिर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगी. ये उनका लगातार पांचवां बजट होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का पहला बजट किसने पेश किया था?
आम बजट का क्या है इतिहास, किसने पेश किया था पहला बजट और अब तक इसमें क्या-क्या हुआ बदलाव?
आम बजट का क्या है इतिहास, किसने पेश किया था पहला बजट और अब तक इसमें क्या-क्या हुआ बदलाव?
आम बजट (Union Budget 2023) के लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. वित्त मंत्रालय आम बजट (Union Budget) के जरिए आगामी साल के लिए सरकार के पूरे साल की कमाई और खर्च का लेखा-जोखा पेश करती है. एक फरवरी 2023 को फिर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगी. ये उनका लगातार पांचवां बजट होगा. लेकिन क्या आपके मन में कभी ये जानने की उत्सुकता हुई है कि भारत का पहला बजट कब पेश किया गया था और किसने पेश किया था? आइए आपको बताते हैं बजट से जुड़े तमाम रोचक तथ्य.
किसने पेश किया था पहला बजट
गुलाम भारत में पहला बजट 18 फरवरी 1860 को पेश किया गया था. ये बजट वायसराय की परिषद में ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन ने पेश किया था. लेकिन भारत के आजाद होने के बाद पहला बजट भारत के पहले वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी (R. K. Shanmukham Chetty) ने 26 नवंबर, 1947 को पेश किया था.
सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री
देश में सबसे ज्यादा बार बजट (Budget) पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है. मोरारजी देसाई ने आठ सालाना बजट और दो अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश किए. मोरारजी देसाई (Morarji Desai) ने अपने जन्मदिन (29 फरवरी) के दिन दो बार बजट पेश किया. जन्मदिन के दिन उन्होंने पहला बजट 1964 और दूसरा बजट 1968 में पेश किया था. मोरार जी देसाई के बाद इस मामले में दूसरा नाम पी चिदंबरम, तीसरा नाम प्रणब मुखर्जी और यशवंत सिन्हा और चौथा नाम मनमोहन सिंह (छह) का आता है.
बजट में कब क्या हुए बदलाव
- वर्ष 1955 तक बजट को अंग्रेजी भाषा में ही पेश किया जाता था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही पेश करना शुरू कर दिया था.
- इसके अलावा वर्ष 1999 तक बजट भाषण फरवरी के अंतिम कार्यदिवस को शाम पांच बजे पेश किया जाता था, लेकिन यशवंत सिन्हा ने 1999 में इसे बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था.
- अगला बदलाव बजट की तारीख को लेकर किया गया. अरुण जेटली ने 2017 में बजट भाषण एक फरवरी को पेश किया और तब से हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जाने लगा. इससे पहले बजट फरवरी की आखिरी तारीख 28 या 29 फरवरी को पेश किया जाता था.
- वर्ष 2017 से पहले तक रेल बजट और आम बजट अलग-अलग हुआ करते थे, लेकिन 2017 में रेल बजट को आम बजट में समाहित कर दिया गया. इसके बाद से हर साल 1 फरवरी को देश का एक ही आम बजट पेश किया जाता है.
- कोविड-19 महामारी आने के बाद पेपरलेस बजट की शुरुआत हुई. वर्ष 2021-22 का बजट पहली बार कागज-रहित पेश किया गया.
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02:01 PM IST