Budget 2019: केंद्र सरकार अपने बजट का सबसे बड़ा हिस्सा किसलिए खर्च करती है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में आम बजट 2019 को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. विभिन्न उद्योग संघ, मीडिल क्लास, किसान, गरीब और जवान सभी ने अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख दिया है.
सरकार के कुल खर्च में ब्याज अदायगी की हिस्सेदारी 18% है (फोटो- बजट दस्तावेज).
सरकार के कुल खर्च में ब्याज अदायगी की हिस्सेदारी 18% है (फोटो- बजट दस्तावेज).
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में आम बजट 2019-20 को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. विभिन्न उद्योग संघ, मीडिल क्लास, किसान, गरीब और जवान सभी ने अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख दिया है. कृषि, शिक्षा, स्वस्थ्य, रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में खर्च बढ़ाने के लिए हमेशा सरकार पर दबाव रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकार अपने बजट का सबसे बड़ा हिस्सा किस मद में खर्च करती है. ये खर्च किया जाता है सरकार द्वारा लिए गए कर्ज का ब्याज चुकाने में. जब सरकार का खर्च उसकी आमदनी से अधिक होता है, तो उस अंतर को पूरा करने के लिए उसे कर्ज लेना होता है. इसे राजकोषीय घाटा कहते हैं.
पिछली मोदी सरकार ने राजकोषीय अनुशासन पर जोर दिया, लेकिन मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए अनुमान जताया जा रहा है कि शायद सरकार इस बार घाटे के लक्ष्य को हासिल न कर सके. इससे पहले अंतरिम बजट में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष द्वारा पेश किए गए बजट दस्तावेज के मुताबिक सरकार के कुल खर्च में ब्याज अदायगी की हिस्सेदारी 18% है. इससे समझा जा सकता है कि सरकार के लोकलुभावन फैसले की कीमत अंत में जनता ही चुकाती है क्योंकि अगर सरकार पर कर्ज न होता तो ये 18% हिस्सा आम लोगों की बेहतरी के लिए दूसरे मद में खर्च हो सकता था.
ब्याज पर अदा की जाने वाली राशि कितनी अधिक है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि सरकार कुल खर्च का 8 प्रतिशत रक्षा बजट पर खर्च किया जाता है. ये राशि ब्याज चुकाने पर की जाने वाली राशि के मुकाबले आधे से भी कम है. केंद्र सरकार पेंशन पर पांच प्रतिशत राशि खर्च करती है. राज्यों को करों और शुल्कों के हिस्से के रूप में 23 पैसे दिए जाते हैं. केंद्र सरकार की योजनाओं पर 9 पैसे खर्च किए जाते हैं. यानी अगर ब्याज का बोझ न हो तो सरकार केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं पर खर्च बढ़ाकर तीन गुना कर सकती है.
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जहां तक सरकार की आमदनी की बात है तो उसे सेवा कर और अन्य करों से 21 प्रतिशत, केंद्रीय उत्पाद शुल्क से 7 प्रतिशत, सीमा-शुल्क से 4 प्रतिशत, आयकर से 17 प्रतिशत, कॉरपोरेशन टैक्स से 21 प्रतिशत और उधार तथा अन्य लाइबिलिटी से 19 पैसे की आय होती है.
02:44 PM IST