SAT ने ZEEL प्रमोटर्स के मामले में SEBI को एक और WTM नियुक्त करने का दिया निर्देश
ZEEL SEBI Matter: अपीलकर्ताओं की आपत्तियों पर SAT ने अपने ऑर्डर में कहा है कि 'हमारी राय में WTM को उन भौतिक साक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो रिकॉर्ड पर हैं. व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर कोई फैसला नहीं लेना चाहिए.
सिक्योरिटीज एंड एपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने SEBI को ज़ी एंटरटेनमेंट लिमिटेड (ZEEL) के प्रमोटर्स डॉ. सुभाष चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) और पुनित गोयनका (Punit Goenka) की आपत्तियों को सुनने के लिए एक और पूर्णकालिक सदस्य (WTM) नियुक्त करने का निर्देश दिया है. SAT की नजर में यह इसलिए जरूरी है कि पक्षपात पूर्ण नजरिए से बचा जा सके.
पिछले महीने, SEBI WTM अश्विनी भाटिया ने पुनीत गोयनका और डॉ. चंद्रा के खिलाफ एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसने उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या उसकी सहायक कंपनियों में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद (KMP) रखने से रोक दिया था. सोमवार को अपने आदेश में SAT ने पाया कि भाटिया वही WTM थे, जिन्होंने अप्रैल में ज़ी समूह के प्रमोटरों से जुड़ी एक इकाई के खिलाफ एक और आदेश पारित किया था. भाटिया उस समिति का भी हिस्सा थे, जिसने मौजूदा मामले में पुनीत गोयनका और डॉ. चंद्रा की समझौता याचिका खारिज कर दी थी. SAT ने पाया कि सेटलमेंट की कार्रवाई में हुई चर्चाओं से WTM के प्रभावित होने की संभावना थी.
अपीलकर्ताओं की आपत्तियों पर SAT ने अपने ऑर्डर में कहा है कि 'हमारी राय में WTM को उन भौतिक साक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो रिकॉर्ड पर हैं. व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर कोई फैसला नहीं लेना चाहिए. इसलिए पक्षपात पूर्ण स्थिति को साफ करने के लिए हम SEBI को विचार करने के लिए एक और WTM नियुक्त करने का निर्देश देते हैं.
TRENDING NOW
6 शेयर तुरंत खरीद लें और इस शेयर को बेच दें; एक्सपर्ट ने निवेशकों को दी कमाई की स्ट्रैटेजी, नोट कर लें टारगेट और SL
इस कंपनी को मिला 2 लाख टन आलू सप्लाई का ऑर्डर, स्टॉक में लगा अपर सर्किट, 1 साल में 4975% दिया रिटर्न
टिकट बुकिंग से लेकर लाइव ट्रेन स्टेटस चेक करने तक... रेलवे के एक Super App से हो जाएगा आपकी जर्नी का हर काम
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
इसके अलावा, SAT ने पाया कि शिरपुर गोल्ड मामले में SEBI के पहले आदेश में भले ही पुनीत गोयनका और डॉ. चंद्रा को पार्टी नहीं बनाया गया था, फिर भी ZEEL मामले में अश्विनी भाटिया को निर्देश जारी करने में इसने प्रभावित किया हो.
SAT ने SEBI को अपने निर्देश जारी करते हुए तर्क दिया कि ऐसा लगता है कि WTM ने विवादित आदेश पारित करते समय 25 अप्रैल, 2023 को शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी मामले में जारी किए अंतरिम आदेश से प्रभावित था. हालांकि, अपीलकर्ता ऐसे मामले में पक्षकार ही नहीं हैं. SAT ने ये भी माना कि शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी लिमिटेड में पारित आदेश उसी WTM ने जारी किया था, जिसने ZEEL मामले में विवादित आदेश दिया था.
SAT ने आगे कहा कि पुनीत गोयनका और डॉ. चंद्रा ने जो तर्क ट्रिब्यूनल के सामने रखे हैं वो सभी तर्क SEBI के समक्ष भी रखे जा सकते हैं, जिस पर विचार किया जाएगा. इसके बाद WTM मामले में उचित आदेश पारित करेंगे. "WTM कथित उल्लंघन की तुलना में विवादित आदेश में दिए गए निर्देशों की समानता को भी ध्यान में रखेगा."
समानता का सिद्धांत कानूनी प्रणाली का मूल है, जो बताता है कि किसी कार्रवाई की वैधता उद्देश्य और उपयोग किए गए साधनों और तरीकों के साथ-साथ कार्रवाई के परिणामों के बीच संतुलन के आधार पर निर्धारित की जानी चाहिए.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
07:04 PM IST