किस्सा-ए-कंज्यूमर : SBI Customer Care के नाम पर आई फ्रॉड कॉल ने कर दिया हैरान, आप भी रहना सावधान
डराने वाली बात ये है कि फोन करने वाले को अकाउंट नंबर ही नहीं, अकाउंट बैलेंस तक की पूरी जानकारी थी
तारीख- 10 मार्च 2021. दिन- गुरुवार. वक्त- दिन के करीब 12:30 बजे. मेरी पत्नी रुपाली अपने दफ्तर में थीं. काम में मसरूफ. तभी उनके मोबाइल फोन की घंटी बजी. कॉल करने वाले का नंबर था 7076403856. उसने कहा, ‘मैम मैं State Bank of India से बोल रहा हूं, आपका SBI अकाउंट आपके Aadhaar से लिंक्ड नहीं है. जल्दी करा लीजिए नहीं तो आपका अकाउंट बंद हो जाएगा और बैलेंस ज़ीरो हो जाएगा.’ पत्नी थोड़ा हैरान हुईं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन SBI की तरफ से तो मुझे ऐसा कोई कम्यूनिकेशन नहीं मिला!?’ जवाब मिला, ‘मैम आपको एक हफ्ते पहले मेल भेजी गई थी, SMS भी गया था. आपने देखा नहीं होगा. अब जल्दी से करा लीजिए नहीं तो अकाउंट बंद हो जाएगा.’ रुपाली के दिमाग में शक की घंटी बज चुकी थी. फोन करने वाले के अंदाज में डराने की कोशिश साफ दिख रही थी. रुपाली ने कहा, ‘ठीक है, कोई बात नहीं. मैं अपने बैंक ब्रांच जाकर देखती हूं. जो भी जरूरी होगा, मैं वहां जाकर करवा लूंगी.’ लेकिन इसके बाद जो सुनने को मिला उसने रुपाली को बुरी तरह हैरत में डाल दिया.
फोन करने वाले को अकाउंट नंबर भी पता थे, अकाउंट बैलेंस भी!
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फोन करने वाले ने कहा,’ मैम आपका खाता SBI के फलां ब्रांच में है ना? आपका सेविंग अकाउंट नंबर xyz है ना?, उसमें इतने पैसे पड़े हैं ना?’ रुपाली ने हैरान होते हुए कहा, ‘हां!?’. वो यहीं नहीं रुका, ‘आपका PPF अकाउंट नंबर ये है और उसमें इतने पैसे पड़े हैं? और आपका एक FD अकाउंट है जिसका नंबर है ये और उसमें इतना बैलेंस है. सही है ना?’ रुपाली की हैरत की कोई सीमा नहीं थी. उनके साथ ये पहली बार हो रहा था कि बैंक का कथित कर्मचारी फोन पर उनका अकाउंट नंबर और बैलेंस सब कुछ बता रहा था. फोन करने वाले ने फिर कहा, ‘मैम, मैं SBI से ही बोल रहा हूं, वर्ना मुझे ये सब कैसे पता होता? मैं जैसे-जैसे बता रहा हूं, वैसे कीजिए. आपका अकाउंट अपडेट हो जाएगा वर्ना आपके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी. आपका अकाउंट क्लोज हो जाएगा और बैलेंस भी जीरो हो जाएगा.’ असमंजस में रुपाली ने पूछा,‘ मुझे क्या करना होगा?’ अब आप इस हिस्से पर गौर कीजिएगा, क्योंकि यहां सबक लेने वाली बात है. उसने कहा, ’मैं आपको SMS पर एक रेफरेंस नंबर भेज रहा हूं, वो नंबर आप मुझे बता दीजिए. उससे मैं आपका अकाउंट अपडेट कर दूंगा तो अकाउंट क्लोज नहीं होगा. फिर यही नंबर लेकर आप अपने ब्रांच में चले जाइयेगा.’ इतना सुनने के बाद रुपाली ने तय किया कि अब इस शख्स से और बात नहीं करनी और फोन काट दिया. लेकिन इसके बाद जो देखने को मिला वो डराने वाला था. रुपाली अपने पैसे गंवाने से बाल-बाल बच गई थीं.
जालसाज कर चुका ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, बस OTP पाने की फिराक में था
फोन डिस्कनेक्ट करने के बाद रुपाली ने गौर किया कि मैसेज बॉक्स में दो मैसेज आए थे. दोनों मैसेज इस किस्से के साथ शेयर किए गए हैं. उन्हें देखेंगे तो पता चलेगा कि दरअसल फोन करने वाला रुपाली के सेविंग्स अकाउंट से 25 हजार रुपए का ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस इनिशिएट कर चुका था. उसे पैसों के Quick Transfer के लिए सिर्फ एक OTP का इंतजार था. यानी जिस नंबर को वो रेफरेंस नंबर बताकर शेयर करने की सलाह दे रहा था वो दरअसल One Time Passwords था जिसे शेयर करते ही वो 25,000 रुपए की चपत लगाने में कामयाब हो जाता. फिर शायद वो ऐसे ही कुछ और ट्रांजैक्शंस की कोशिश करता. मैसेज के मुताबिक ये रकम किसी टिंकू के अकाउंट में जाने वाली थी. ये फ्रॉड मैसेज देखने में असली लगे इसके लिए आखिर में Do not share with anyone. Download Yono भी जोड़ा गया था, जो आम तौर पर SBI की तरफ से आने वाले मैसेजेज में दिखने को मिलता है. लेकिन रुपाली अपनी सूझबूझ से इस झांसे में आने बच गईं. बाद में हमने True caller की मदद से वो नंबर चेक किया जिससे कॉल आई थी. सर्च में 7076403856 डालने पर लिखकर आ रहा था State Bank Of India Office (Scam).
सिर्फ OTP की दीवार ने नाकाम कर दी साइबर ठग की चाल
ये पूरा वाकया किसी को भी सकते में डाल देने के लिए काफी है. रुपाली ने डर के मारे अपना बैंक अकाउंट भी चेक नहीं किया, सबसे पहले SBI Customer Care Number पर फोन किया. कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘बैंक अपने ग्राहकों को कभी ऐसी कोई कॉल नहीं करता. अपने खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी अंजान के साथ शेयर न करें.’ साथ ही ये भी कहा कि आप पूरी घटना का ब्यौरा report.phishing@sbi.co.inपर मेल कर दें. रुपाली ने बैंक को जो ई-मेल भेजा उसका मजमून भी यहां शेयर किया जा रहा है और बैंक का रिस्पॉन्स भी.
बैंक ने एक सिस्टम जनरेटेड ई-मेल भेज दिया जिसमें लिखा था कि आपकी शिकायत पर केस आईडी क्रिएट कर दी गई है और कुछ दिनों में मामला हल कर लिया जाएगा. हालांकि बैंक ने ये नहीं बताया कि हल कितने दिनों में निकलेगा. खैर, बैंक अब क्या करेगा और कब तक करेगा ये तो बैंक ही जाने लेकिन बड़ा सवाल ये है कि उस अंजान शख्स को बैंक खाते से जुड़ी गोपनीय जानकारियां कैसे मिलीं? उसे रुपाली का बैंक अकाउंट नंबर कैसे पता था, किस ब्रांच में खाता है ये कैसे पता था? रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर तो फिर भी कहीं से मिल सकता है लेकिन उसके पास तो इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड तक था, वर्ना वो 25,000 का ट्रांजैक्शन कैसे इनिशिएट कर पाता? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अभी खोजे जाने बाकी हैं और ये जवाब खोजने की जिम्मेदारी ग्राहक की ही नहीं, State Bank Of India की भी बनती है. लेकिन फिलहाल समझने की बात यही है ऑनलाइन फ्रॉड्स पर हम जैसे-जैसे हम जागरूक हो रहे हैं, जालसाज और भी शातिर होते जा रहे हैं. और सबक ये भी है कि फ्रॉड करने वाला खाते में सेंध लगाने की जितनी भी कोशिश कर ले, अगर OTP उसके हाथ न लगने दें, तो बात संभल सकती है.
(लेखक ज़ी बिज़नेस हिन्दी डिजिटल के ए़डिटर हैं)
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09:08 PM IST