ट्रेन कैंसिल और मुसाफिर को खबर ही नहीं! Railway को भरना पड़ा 15,000 रुपए हर्जाना
राहत की बात ये है कि कंज्यूमर को कष्ट हुआ तो माफी किसी को नहीं. चाहे वो Indian Railways ही क्यों न हो. आपको सुनाते हैं ऐसे ही एक कंज्यूमर पी रामचंद्र राव का किस्सा जिन्होंने भारतीय रेलवे को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया.
पी रामचंद्र राव का किस्सा जिन्होंने भारतीय रेलवे को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया
पी रामचंद्र राव का किस्सा जिन्होंने भारतीय रेलवे को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया
सोचिए, आप लगेज लेकर कूच करने वाले हों और पता चले ट्रेन कैंसिल हो गई. वैसे आमतौर पर ऐसा होता नहीं. आम तौर पर तो ट्रेन कैंसिल होने की जानकारी एडवांस में मिल जाती है. खाते में रिफंड भी आ जाता है. आप यात्रा मुल्तवी कर देते हैं या दूसरी ट्रेन तलाश लेते हैं. लेकिन भई, एशिया का सबसे बडा रेल नेटवर्क है अपना. और 135 करोड़ की आबादी भी है. तो तमाम सिस्टम के बाद भी कुछ न कुछ लोचा तो हो ही जाता है. लेकिन राहत की बात ये है कि कंज्यूमर को कष्ट हुआ तो माफी किसी को नहीं. चाहे वो Indian Railways ही क्यों न हो. आपको सुनाते हैं ऐसे ही एक कंज्यूमर पी रामचंद्र राव का किस्सा जिन्होंने भारतीय रेलवे को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया.
जब सफ़र की जगह रेलवे ने करा दिया Suffer
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पी रामचंद्र राव सीनियर सिटिजन हैं. सिकंदराबाद के न्यू भोईगुड़ा इलाके में रहते हैं. उन्हीं के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी. दरअसल राव साहब को 16 फरवरी 2019 को बेंगलुरू से काचीगुड़ा जाना था. उन्होंने 9 फरवरी 2019 को टिकट बुक किया. IRCTC की वेबसाइट से. ट्रेन- काचीगुड़ा एक्सप्रेस. ट्रेन नंबर- 12786. टिकट के 249 रुपए कट गए. पता चला PNR Status वेटिंग में है. बाद में स्टेट स्टेटस RAC (Reservation Against Cancellation) दिखाने लगा. साथ ही ये भी दिख रहा था कि ये टिकट कन्फर्म होने का चांस 97 परसेंट है.लेकिन जिस दिन उन्हें यात्रा करनी थी उस दिन खेल हो गया. 16 फरवरी को जब उन्होंने स्टेटस चेक किया तो डुअल स्टेटस दिखा रहा था, RAC और Cancelled दोनों. टेंशन के मारे बेचारे रामचंद्र राव का शुगर लेवल बढ़ गया.
आनन-फानन में गरीब रथ में बुक कराया Tatkal Ticket
राव साहब को अपने क्लाइंट्स से मिलने के लिए हैदराबाद पहुंचना जरूरी था. बड़ी मुश्किल से उन्हें गरीब रथ में ‘तत्काल टिकट’ मिल पाया. इस टिकट पर उनके 1063 रुपए खर्च हो गए. इस सारी कवायद के दौरान पी रामचंद्र राव ने ये भी नोटिस किया कि इनकी ट्रेन जो शाम 6.20 पर जानी थी वो तो कैंसिल थी लेकिन उसी स्टेशन से करीब डेढ़ घंटे बाद यानी रात 8 बजे जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस कैंसिल नहीं थी. मामला कुछ समझ में नहीं आया. आखिर उनकी ही ट्रेन कैंसिल क्यों हुई? रेलवे ने कुछ बताया भी नहीं.
कैंसिलेशन पर बुलेटिन जारी करके बैठ गया रेलवे!
पी रामचंद्र राव ने IRCTC और साउथ सेंट्रल रेलवे के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट जाने का फैसला किया. मामला पहुंचा डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन-II हैदराबाद में. रेलवे ने पहले तो ये सफाई दी कि बेंगलुरू सिटी और व्हाइट फील्ड सेक्शन के बीच सिग्नल सिस्टम को मॉडर्नाइज करना था. इसलिए उस रूट की कई ट्रेनें कैंसिल की गई थीं. राजधानी एक्सप्रेस के रूट पर ऐसी कोई दिक्कत नहीं थी इसलिए कैंसिल नहीं की गई. इसके बाद बात आई यात्री को जानकारी देने की. रेलवे की दलील थी कि ट्रेन कैंसिल होने की सूचना तो उसने एक दिन पहले ही यानी 15 फरवरी को ही दे दी थी. कैसे? इसके बारे में न्यूज बुलेटिन जारी करके. उधर IRCTC ने ये कहकर किनारा कर लिया कि ट्रेनें चलाने का काम रेलवे के एडमनिस्ट्रेशन कंट्रोल में है, हमारा इससे कोई लेना देना नहीं. बात सही भी थी.
रेलवे की सफाई, कंज्यूमर कमीशन को नहीं भाई
लेकिन रेलवे की तो जवाबदेही बनती थी. सारी दलीलें और सबूत देखने सुनने के बाद कंज्यूमर कमीशन ने कहा- ‘अगर रेलवे ने न्यूज बुलेटिन जारी करने के साथ ही उसी दिन यानी 15 फरवरी 2019 को यात्री को कैंसिलेशन की जानकारी दे दी होती तो वो कुछ और इंतजाम कर लेते. उन्हें शायद देरी भी नहीं होती और इतनी मुश्किल भी नहीं झेलनी पड़ती. लेकिन कैंसिलेशन की जानकारी देर से देने की वजह से शिकायतकर्ता को 1063 रुपए खर्च करके गरीब रथ में तत्काल टिकट बुक करना पड़ा.अचानक ट्रेन रद्द कर देना, कोई विकल्प नहीं सुझाना और सबसे बड़ी बात कैंसिलेशन की जानकारी यात्रा के दिन ही देना रेलवे की गलती है.’ कमीशन ने हुक्म सुनाया कि पहले तो रेलवे पी रामचंद्र राव को ‘तत्काल टिकट’ के 1063 रुपए वापस करे. इसके अलावा यात्री को जो असुविधा और मानसिक पीड़ा हुई उसके एवज में 10,000 रुपए का मुआवजा चुकाए. साथ ही कानूनी खर्चों की भरपाई के लिए 5000 और अदा करे.
(लेखक ज़ी बिज़नेस हिन्दी डिजिटल के ए़डिटर हैं)
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10:55 PM IST