CAR की टंकी में कम से कम कितना फ्यूल रखना है जरूरी? गाड़ी मेंटेनेंस से जुड़ी खास बातें यहां करें नोट, ड्राइविंग होगी शानदार
Car Maintenance tips: टर्बो चार्जर के लाइफ को बढ़ाने के लिए इंजन को स्टार्ट करने के तुरंत बाद तेज न करें और इंजन को बंद करने से पहले इंजन को कम से कम 2 मिनट के लिए न्यूट्रल रखें.
Car Maintenance tips: कार या कोई गाड़ी एक अहम मशीन है जिसे समय-समय पर मेंटेनेंस (Car Maintenance) की जरूरत पड़ती है. मेंटेनेंस जितना स्मार्ट और दुरुस्त होगा, गाड़ी आपका उतना ही शानदार तरीके से साथ निभाएगी. कार की देखभाल आप चाहें तो काफी हद तक सही जानकारी के दम पर आप खुद भी कर सकते हैं. महिंद्रा राइज ने कार की मेंटेनेंस को लेकर कुछ पते की बात बताई है जिसको फॉलो कर आप अपनी गाड़ी को हेल्दी और फिट (Basic car maintenance) रख सकते हैं. आइए हम यहां जान लेते हैं.
नोट कर लें Car Maintenance की जरूरी बातें
- एयर लॉक की समस्या से बचने के लिए हमेशा फ्यूल टैंक की क्षमता के 30 प्रतिशत से ज्यादा फ्यूल का लेवल बनाए रखें.
- अगर एयर ट्रैप के चलते इंजन बार-बार बंद हो जाता है, तो जांचें कि क्या फ्यूल फिल्टर या वाटर सेपरेटर चोक है या सक्शन लाइन ढीली है. फ्यूल सिस्टम को ब्लीड करें ताकि हवा की रुकावट दूर हो जाए.
- स्टार्ट करते समय स्टार्टर मोटर को 15 सेकंड से ज्यादा समय तक क्रैंक न करें. स्टार्टर मोटर को बड़ी क्षति से बचाने के लिए हर क्रैंकिंग के बीच कम से कम 10 सेकंड का अंतर रखें.
- टर्बो चार्जर के लाइफ को बढ़ाने के लिए इंजन को शुरू करने के तुरंत बाद तेज न करें और इंजन को बंद करने से पहले इंजन को कम से कम 2 मिनट के लिए न्यूट्रल रखें.
- गाड़ी की मेंटेनेंस (vehicle Maintenance guide) के दौरान प्राइमरी एयर फिल्टर को 50 घंटे या जब क्लस्टर पर बिना असफल हुए चेतावनी दिखाई दे तो साफ किया जाना चाहिए.
- एयर फिल्टर की सफाई करते समय हमेशा हवा को अंदर से बाहर की ओर फूंकें और फिल्टर पर कभी टैप न करें. ऐसा करने से फिल्टर डैमेज हो सकता है और कार (Car )इंजन के फेल होने का कारण बन सकता है.
- मैनुफैक्चरर की तरफ से रेकमेंड किए गए गैप (अंतराल) पर प्राइमरी और सेकेंडरी एयर फिल्टर दोनों को बदलें. Basic car maintenance के उदाहरण के लिए महिंद्रा अर्थमास्टर के लिए प्राइमरी और सेकेंडरी एयर फिल्टर दोनों के लिए बदलाव का अंतराल 1000 घंटे है.
- अगर इंजन ऑयल प्रेशर गिर जाता है, तो इंजन ऑयल लेवल और किसी बाहरी लीकेज की जांच करें. अगर तेल का लेवल कम है तो तेल का लेवल ऊपर करें और अगर तेल का लेवल ज्यादा है तो यह इंजन के तेल के साथ डीजल के मिश्रण का संकेत देता है.अगर समस्या अभी भी बनी रहती है तो ऑथोराइज्ड डीलर को कॉल करें.
- अगर इंजन ऑयल इंडिकेटर टॉप अप के बाद भी कम दिखाता है तो फॉल्ट इलेक्ट्रिक कनेक्शन या इंजन ऑयल फिल्टर क्लॉगिंग या इंजन ऑयल कूलर क्लॉगिंग की जांच करें.
- कार मेंटेनेंस (Car Maintenance) में एक बात का ध्यान जरूर रखें कि इंजन कूलेंट लेवल की जांच तभी करें जब इंजन ठंडा हो.
- ट्रांसमिशन ऑयल की जांच तभी करें जब सामान्य तौर पर इंजन रन कर रहा हो और ट्रांसमिशन ऑयल ठंडा हो जाए.ऐसे में ट्रांसमिशन ऑयल लेवल डिपस्टिक पर MAX और MIN निशान के बीच गिरना चाहिए.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
TRENDING NOW
6 शेयर तुरंत खरीद लें और इस शेयर को बेच दें; एक्सपर्ट ने निवेशकों को दी कमाई की स्ट्रैटेजी, नोट कर लें टारगेट और SL
इस कंपनी को मिला 2 लाख टन आलू सप्लाई का ऑर्डर, स्टॉक में लगा अपर सर्किट, 1 साल में 4975% दिया रिटर्न
टिकट बुकिंग से लेकर लाइव ट्रेन स्टेटस चेक करने तक... रेलवे के एक Super App से हो जाएगा आपकी जर्नी का हर काम
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
Written By:
सौरभ सुमन
Updated: Tue, Dec 06, 2022
10:58 AM IST
10:58 AM IST
नई दिल्ली
ट्रेंडिंग न्यूज़