AI से हमास का सफाया कर रहा है इजरायल, एक दिन में 100 ठिकानों को बना सकता है निशाना
Israel-Hamas War, AI:गाजा में हमास के खिलाफ जारी युद्ध में इजरायल ‘हबसोरा’ नाम के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है. हबसोरा प्रणाली एक दिन में 100 लक्ष्य तैयार कर सकती है.
Israel-Hamas War, AI: इजराइल रक्षा बल (IDF) गाजा में हमास के खिलाफ जारी युद्ध में ‘हबसोरा’ नाम के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस प्रणाली का इस्तेमाल बमबारी के लिए और निशाने चुनने, हमास के चरमपंथियों के ठिकानों का पता लगाने और पहले से ही मृतकों की संभावित संख्या का अनुमान लगाने के लिए कथित तौर पर किया गया है. एआई प्रणालियां युद्ध के मैदान में अधिक सुविधाजनक तरीके से सेनाओं की मदद करती हैं. इससे सैनिकों के लिए जोखिम कम हो जाता है.
Israel-Hamas War, AI: हर साल 50 स्थानों को बनाया जा सकता है निशाना
आईडीएफ के एक पूर्व प्रमुख ने कहा है कि मानव खुफिया विश्लेषक के जरिए हर साल गाजा में बमबारी के लिए 50 स्थानों को निशाना बनाया जा सकता है, लेकिन हबसोरा प्रणाली एक दिन में 100 लक्ष्य तैयार कर सकती है. प्रणाली मशीन लर्निंग एल्गोरिदम द्वारा प्रस्तुत संभावित तर्क के जरिए ऐसा करती है. मशीन लर्निंग एल्गोरिदम डेटा के माध्यम से सीखते हैं. वे डेटा के विशाल ढेर में पैटर्न खोजकर सीखते हैं और उनकी सफलता डेटा की गुणवत्ता और मात्रा पर निर्भर होती है. वे संभावनाओं के आधार पर सिफारिशें करते हैं.
Israel-Hamas War, AI: युद्ध के चरित्र को बदल रहा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, घातक हो सकता है युद्ध
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी कैनबरा की बियांका बैगियारिनी ने इन प्रणालियों के सैन्य उपयोग के सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक निहितार्थों पर स्टडी की है. स्टडी में आया कि एआई पहले से ही युद्ध के चरित्र को बदल रहा है. सेनाएं अपने सैनिकों का प्रभाव बढ़ाने और उनके जीवन की रक्षा के लिए इन प्रणालियों का उपयोग करती हैं. एआई प्रणाली सैनिकों को अधिक कुशल बना सकती है और इससे युद्ध की गति और घातकता के बढ़ने की आशंका होती है.
Israel-Hamas War, AI: युद्ध के सभी स्तरों पर पड़ रहा है प्रभाव, घातक हथियार प्रणालियों का हो रहा है इस्तेमाल
TRENDING NOW
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
सिगरेट बनाने वाली कंपनी ने किया 1750% डिविडेंड का ऐलान, नोट कर लें रिकॉर्ड डेट, सालभर में 187% दिया रिटर्न
एआई का युद्ध के सभी स्तरों पर प्रभाव पड़ रहा है, "खुफिया, निगरानी और टोही" गतिविधियों से लेकर "घातक हथियार प्रणालियों" के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है, जिसके जरिए मानव हस्तक्षेप के बिना निशाना बनाकर हमला किया जा सकता है. आईडीएफ की हबसोरा प्रणाली भी इसी तरह काम करती है. इन प्रणालियों में युद्ध के चरित्र को नया रूप देने की क्षमता है, जिससे संघर्ष में प्रवेश करना आसान हो जाता है. ये प्रणालियां संघर्ष बढ़ने की सूरत में किसी के इरादों का संकेत देने या किसी प्रतिद्वंद्वी के इरादों की व्याख्या करने को भी कठिन बना सकती हैं.
Israel-Hamas War, AI: गलतफहमी और दुष्प्रचार में दे सकता है योगदान
एआई प्रणाली युद्ध के समय खतरनाक गलतफहमी पैदा करने या दुष्प्रचार में योगदान दे सकता है. यह प्रणाली मशीनों के सुझावों पर भरोसा करने की मानवीय प्रवृत्ति को बढ़ा सकती है. यह बात हबसोरा प्रणाली से सामने आई है. किसी एआई सिस्टम की सीमाएं स्पष्ट नहीं हो सकतीं. एआई द्वारा संचालित सबसे बुनियादी और महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक परिवर्तन जो हमें देखने को मिल सकता है, वह है युद्ध की तीव्रता में वृद्धि.
एआई का उपयोग इस आधार पर संभावित रूप से उचित है कि यह बड़ी मात्रा में डेटा की व्याख्या और संश्लेषण कर सकता है, इसे संसाधित कर सकता है और मानव अनुभूति से कहीं अधिक दर पर जानकारी दे सकता है.
04:57 PM IST