आज के वक्त में हर चीज जल्दी मिलने लगी है. पिज्जा आधे घंटे में पहुंच जाता है और ग्रॉसरी 10 मिनट में. यहां तक कि आपके टैक्सी चाहिए तो वो भी सिर्फ 5-10 मिनट में आपके दरवाजे पर होती है. टैक्सी या पिज्जा आने में अगर देर भी हो जाए तो क्या होगा? उसके बिना कोई मर तो नहीं जाएगा. लेकिन जरा सोचिए, अगर एंबुलेस को आने में देर हो जाए तो... तब तो वाकई कोई मर सकता है. इस समस्या को समझा नोएडा में रहने वाले रवजोत सिंह अरोड़ा ने और अपने दोस्त प्रणव बजाज के साथ मिलकर जून 2017 में की Medulance की शुरुआत. बता दें कि यह स्टार्टअप शार्क टैंक इंडिया-2 में भी आ चुका है और इसे 2 करोड़ रुपये की फंडिंग का कमिटमेंट मिला हुआ है.
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