Govardhan Puja: गोवर्धन बनाने के बाद क्यों उस पर लगा दी जाती हैं सफेद सींकें, कभी सोचा है आपने?
गोवर्धन पूजा के दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाए जाते हैं और उसके ऊपर सफेद रंग की सींकें लगा दी जाती हैं और उन पर रुई लपेट दी जाती है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है?
गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का पर्व आज 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इस दिन गोवर्धन पर्वत के रूप में प्रकृति और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है. इस बीच गोबर से गोवर्धन घर के आंगन में बनाए जाते हैं और गोवर्धन बनाने के बाद उसके ऊपर सफेद रंग की सींकें लगा दी जाती हैं और उन पर रुई लपेट दी जाती है. इसे देखकर क्या कभी आपके मन में ये सवाल नहीं उठा कि आखिर ये सफेद सींकें लगाने के पीछे कारण क्या है? आइए आपको बताते हैं इसकी वजह.
क्यों होती है गोवर्धन पूजा?
दरअसल गोवर्धन पर्वत की पूजा का मतलब प्रकृति की पूजा से है. जब इंद्र का घमंड भगवान श्रीकृष्ण ने तोड़ा था तो प्रकृति से जुड़ी चीजों के बल पर ही लोगों को जीवनदान मिला था. पर्वत के नीचे रहकर पानी से बचाव हुआ था और साग, सब्जियां, दूध, दही और छाछ आदि से उनकी भूख मिटी थी. प्रकृति से जुड़ी हर चीज बहुत कीमती और बहुमूल्य है, और उसका हम सभी को आदर करना चाहिए, इस सीख के तौर पर हर साल गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस पूजा को करने से भगवान श्रीकृष्ण अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
क्यों गोवर्धन पर लगाई जाती हैं सफेद सींकें?
घर में गोवर्धन पर्वत को प्रतीक के तौर पर गाय के गोबर से बनाया जाता है क्योंकि गाय के गोबर को सबसे शुद्ध माना जाता है और इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है. आमतौर पर पर्वतों पर बड़े-बड़े पेड़ लगे होते हैं. घर में गोबर से बने पर्वत पर पेड़ों के प्रतीक के तौर पर सफेद सींकें लगा दी जाती हैं और उन पर रुई के गुच्छे लगा दिए जाते हैं.
कैसे होती है गोवर्धन पूजा?
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इस दिन गोवर्धन बनाने के लिए लोग श्रीकृष्ण भगवान की गोवर्धन पर्वत उठाए हुए प्रतिमा को गोबर से बनाते हैं. इस दौरान गाय, कुत्ते, ब्रजवासियों आदि की प्रतिमाएं भी बनाई जाती हैं और उनकी पूजा की जाती है. पूजा के दौरान भगवान को रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाया जाता है. खील बताशे, अन्नकूट, कढ़ी चावल और 56 भोग लगाए जाते हैं. गोवर्धन की कथा पढ़ी जाती है. इसके बाद गोबर से तैयार गोवर्धन की सात बार परिक्रमा की जाती है.
09:29 AM IST