भारत का एग्री सेक्टर FY25 में मजबूत बढ़ोतरी के लिए तैयार, दाल और तिलहन उत्पादन में चुनौतियां बरकरार
Monsoon: वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र की ग्रोथ रेट घटकर 1.4% रह गई थी. हालांकि, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में संकेत दिया था कि अच्छे मानसून से चालू वित्त वर्ष में यह क्षेत्र 3.5 से 4% की दर से बढ़ सकता है.
Monsoon: प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा ने कहा है कि मानसून की अनुकूल स्थिति से भारत का कृषि क्षेत्र वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूत बढ़ोतरी के लिए तैयार है. मिश्रा ने कहा, मानसून अच्छा रहा है. मैं इस साल बहुत आशावादी हूं. वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र की ग्रोथ रेट घटकर 1.4% रह गई थी. हालांकि, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में संकेत दिया था कि अच्छे मानसून से चालू वित्त वर्ष में यह क्षेत्र 3.5 से 4% की दर से बढ़ सकता है.
दाल और तिलहन उत्पादन में चुनौतियां बरकरार
मिश्रा ने कहा कि 2016-17 और 2022-23 के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में औसतन पांच प्रतिशत की एनुअल ग्रोथ रेट देखी गई, जिसे पशुधन व मत्स्य पालन में मजबूत प्रदर्शन से समर्थन मिला. यह क्षेत्र कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भी मजबूत बना रहा था और इसने समग्र इकोनॉमिक ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. हालांकि, दाल और तिलहन उत्पादन में चुनौतियां बनी हुई हैं.
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मिश्रा ने कहा कि दालों का उत्पादन एक दशक पहले के 1.4 करोड़ टन से बढ़कर 2.4-2.5 करोड़ टन हो गया, लेकिन भारत इस मामले अब भी आत्मनिर्भर नहीं है. उन्होंने कहा, कई शोध किए जा रहे हैं और हमें महत्वपूर्ण प्रगति करनी चाहिए.
कृषि संबंधी कच्चे माल और उपकरणों पर उच्च करों के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा कि कृषि मुद्दों को व्यापक कर नीति विचारों से अलग कर नहीं देखा जा सकता है. उन्होंने कहा, टैक्स से संबंधित कई मुद्दे हैं और उन पर समग्र रूप से विचार करने की जरूरत है.
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05:30 PM IST