पंडित नेहरू के जन्मदिन पर क्यों मनाया जाता है बाल दिवस, जानें 17 साल तक PM पद पर रहे चाचा से जुड़ी खास बातें
Children's Day 2023: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का आज जन्मदिन है. नेहरू को बच्चों से काफी ज्यादा लगाव था. बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कह कर बुलाते थे.
पंडित नेहरू के जन्मदिन पर क्यों मनाया जाता है बाल दिवस, जानें 17 साल तक PM पद पर रहे चाचा से जुड़ी खास बातें
पंडित नेहरू के जन्मदिन पर क्यों मनाया जाता है बाल दिवस, जानें 17 साल तक PM पद पर रहे चाचा से जुड़ी खास बातें
Children's Day 2023: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का आज जन्मदिन है. नेहरु को बच्चों से काफी ज्यादा लगाव था. बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कह कर बुलाते थे. इसलिए हर साल नेहरू के जन्मदिन (Jawaharlal Nehru birthday) के मौके पर हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है.
क्या है इस दिन का महत्व
बाल दिवस के दिन स्कूल और कॉलेजों में यह दिन खास तरीके से मनाया जाता है. कई जगहों पर कई एक्टिविटी का आयोजन किया जाता है. वहीं डिबेट, क्विज, पेंटिंग और प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है. बच्चों को गिफ्ट भी दिए जाते हैं. कई स्कूल इस दिन बच्चों को टूर पर भी लेकर जाते हैं.
17 साल तक पद पर रहें नेहरू
जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का आज जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था. वे जब 58 साल के हुए उसी साल वे देश के प्रधानमंत्री चुने गए. वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे. जिन्होंने 17 साल प्रधानमंत्री की पद को बखूबी निभाया. पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था. लेकिन नेहरू के सम्मान में इसे 14 नवंबर को मनाया जाने लगा.
कैम्ब्रिज से नेहरू ने की थी पढ़ाई
पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था. उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक बैरिस्टर थे. घर में किसी चीज की कमी नहीं थी. पैसे की कोई दिक्कत नहीं थी इसलिए उनके पापा ने उनके लिए घर पर ही पढ़ाई का इंतजाम कर दिया था. 16 साल की उम्र तक उन्होंने घर पर ही पढ़ाई की. इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) ने हैरो और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी की. उन्होंने इनर टेम्पल से कानून की पढ़ाई की और लॉ ग्रेजुएट हुए.
जेल में लिखी ऑटोबायोग्राफी पर किताब
जवाहरलाल नेहरू का जीवन जेल में भी बीता. वे जनवरी 1934 से फरवरी 1935 तक जेल में रहे. जेल में ही उन्होंने 'स्वतंत्रता की ओर'(Toward Freedom) अपनी आत्मकथा (ऑटोबायोग्राफी) लिखी. पीएम बनने के बाद नेहरू को अपने साथ सुरक्षा गार्ड ले जाना पसंद नहीं था. वे कहते थे कि इससे लोगों को काफी परेशानी होती है. नेहरू एक कश्मीरी पंडित थे. इसलिए उनके नाम के पीछे पंडित लगा है.
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कई बार हुए नॉमिनेट
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) को कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट भी किया गया था. उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से लगभग 11 बार नॉमिनेट किया गया था. जवाहर लाल नेहरू ने इंडिया एंड द वर्ल्ड डिस्कवरी ऑफ इंडिया (India and the World Discovery of India) और ग्लिम्प्सेज ऑफ द वर्ल्ड (Glimpses of the World) पर दो किताबें लिखी. ये दोनों किताबें काफी फेमस हुई.
चार बार हत्या की भी हुई थी कोशिश
कई बार नेहरू की हत्या की भी कोशिश की गई लेकिन वे बच गए. 27 मई, 1964 को जवाहर लाल नेहरू का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.
09:30 AM IST