नैनीताल-मनाली छोड़िए, इस बार भारत के सबसे छोटे Hill Station की कीजिए सैर, यहां पॉल्यूशन का नामोंनिशां नहीं
भीड़-भाड़ और प्रदूषित हवा से बाहर निकलकर अगर आप सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो इस बार नैनीताल-मनाली जैसी जगहों की बजाय ऐसी जगह घूमने का प्लान बनाइए, जहां आपको सुकून भी मिले और पॉल्यूशन से छुटकारा भी. भारत का सबसे छोटा हिल स्टेशन इसके लिए अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है.
दिल्ली-एनसीआर समेत तमाम शहरों में सर्दियों के दिनों में प्रदूषण काफी बढ़ जाता है. बीते दिनों बारिश होने के बाद प्रदूषण से कुछ राहत तो मिली, लेकिन ये अभी भी खत्म नहीं हुआ है. भीड़-भाड़ और प्रदूषित हवा से बाहर निकलकर अगर आप सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो इस बार नैनीताल-मनाली जैसी जगहों की बजाय आप माथेरान घूमने का प्लान बनाइए. ये भारत का सबसे छोटा हिल स्टेशन कहलाता है.
माथेरान, महाराष्ट्र के टॉप हिल स्टेशनों में से एक है. अगर आप किसी दूसरे राज्य में रहते हैं तो आपने महाराष्ट्र में खंडाला, पंचगनी, महाबलेश्वर जैसी जगहों के बारे में सुना होगा लेकिन माथेरान के बारे में शायद जानकारी न हो. मुंबई-पुणे और आसपास के लोग वीकेंड की यात्रा के लिए अक्सर इस हिल स्टेशन पर घूमने के लिए जाते हैं. महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित माथेरान हिल स्टेशन (Matheran Hill Station) की. जानिए इसके बारे में खास बातें.
पॉल्यूशन फ्री हिल स्टेशन
माथेरान महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट की सह्याद्री पहाड़ी श्रृंखला में स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन है. इसे पॉल्यूशन फ्री हिल स्टेशन भी कहा जाता है. ये जगह दुनिया की उन गिनी-चुनी जगहों में से एक है जहां खतरनाक रास्ते होने के कारण गाड़ी ले जाने की इजाजत नहीं है. यहां घूमने के लिए आपको टॉय ट्रेन (Toy Train) से जाना होता है. ये टॉय ट्रेन ऊंचे पहाड़ों के किनारे बेहद कठिन रास्तों से होकर गुजरती है. ऐसे में टॉय ट्रेन में बैठकर सफर करने वालों को भी भगवान याद आ जाते हैं. माथेरान में दस्तूरी प्वाइंट से आगे किसी भी वाहन को जाने अनुमति नहीं है. यहां से टूरिस्ट को पैदल, पालकी या टट्टू से करीब 2.5 किमी की दूरी को तय करना पड़ता है. रास्ते में आपको खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं.
बेहद खतरनाक रास्तों से गुजरती है टॉय ट्रेन
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माथेरान पहुंचने के लिए नेरल जंक्शन से दो फुट चौड़ी नैरो गेज लाइन पर चलने वाली ट्वॉय-ट्रेन सबसे बेहतर विकल्प है. ये टॉय ट्रेन वन क्षेत्र के बड़े क्षेत्रों में 20 किमी की दूरी तय करती है और सवारियों को माथेरान बाजार के बीच स्थित रेलवे स्टेशन तक पहुंचाती है. ये ट्रेन बेहद घुमावदार रास्तों से और खाई के बगल से होकर गुजरती है. इसके लिए ट्रेन के ड्राइवर को खास ट्रेनिंग दी जाती है. सफर के दौरान पर्यटकों को भी विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
कुदरत के बेहद करीब होने का अहसास
अगर आप इस हिल स्टेशन पर घूमने के लिए जाते हैं तो आपको कुदरत के बेहद करीब होने का अहसास होगा. यहां आपको बादलों से घिरे पहाड़ और पहाड़ों से गिरते झरने, खूबसूरत झीलें, पार्क और तमाम व्यू पॉइंट्स देखने को मिलेंगे. यहां मौसम भी काफी अच्छा रहता है. बारिश के दिनों में बादलों के चलते दूर के नजारे कम देखने को मिल पाते हैं, साथ ही कच्चे रास्ते होने की वजह से फिसलने का डर बना रहता है.
कैसे पहुंचें माथेरान
अगर आप भी इस खूबसूरत हिल स्टेशन की सैर करना चाहते हैं तो आपको पहले मुंबई या पुणे पहुंचना होगा. वहां से रेल मार्ग, बस या टैक्सी के जरिए आप नेरल जंक्शन तक पहुंच सकते हैं. नेरल जंक्शन से आप टॉय ट्रेन लेकर माथेरान पहुंच सकते हैं.
12:50 PM IST