Deepfake का शिकार हुए क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, X पर दी लोगों को रिपोर्ट करने की सलाह
सचिन तेंदुलकर ने अपने एक फेक वीडियो को लेकर लोगों को खबरदार किया है. वीडियो में तेंदुलकर को एक ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को प्रमोट करते दिखाई दे रहे हैं.
आइकॉनिक क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर डीपफेक वीडियो (Deepfake) का शिकार हुए हैं. सोमवार को, तेंदुलकर ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट X पर जानकारी दी कि गेमिंग एप्लिकेशन को बढ़ावा देने वाला उनका डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ये वीडियो नकली है. टेक्नोलॉजी का इस तरह से दुरुपयोग परेशान करने वाला है. सभी से अनुरोध है कि वे इस तरह के वीडियो, विज्ञापन और ऐप्स की बड़ी संख्या में रिपोर्ट करें.
क्या था वीडियो
वीडियो में तेंदुलकर को 'स्काईवर्ड एविएटर क्वेस्ट' नाम के ऐप का प्रचार करते हुए दिखाया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि उनकी बेटी सारा तेंदुलकर इस एप्लिकेशन पर खेलकर अच्छा पैसा कमा रही हैं. वीडियो में तेंदुलकर आराम से बैठकर ऐप का प्रचार करते नजर आ रहे हैं, लेकिन करीब से देखने पर पता चलता है कि वीडियो फर्जी है.
These videos are fake. It is disturbing to see rampant misuse of technology. Request everyone to report videos, ads & apps like these in large numbers.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 15, 2024
Social Media platforms need to be alert and responsive to complaints. Swift action from their end is crucial to stopping the… pic.twitter.com/4MwXthxSOM
ये सेलिब्रिटी भी रहे डीपफेक का शिकार
तेंदुलकर डीपफेक वीडियो का शिकार होने वाले पहले सेलिब्रिटी नहीं हैं. हाल ही में, इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दो नए डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए गए थे, जिसमें कथित तौर पर इंवेस्टिंग प्लेटफॉर्म 'क्वांटम एआई' का प्रचार किया गया था. इसमें दावा किया गया था कि इस नई टेक्नोलॉजी का यूजर पहले दिन 3,000 डॉलर (लगभग 2.5 लाख रुपये) कमा सकेगा.
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इस फर्जी वीडियो में दावा किया गया कि वह तकनीकी अरबपति एलन मस्क के साथ 'क्वांटम एआई' प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. हाल के दिनों में रश्मिका मंदाना, आलिया भट्ट, प्रियंका चोपड़ा, कैटरीना कैफ आदि बॉलीवुड सितारों और राजनेताओं के डीपफेक वीडियो भी वायरल हुए.
क्या है Deepfake टेक्नोलॉजी?
Deepfake शब्द Deep learning और Fake से मिलकर बना है. ये एक फेक टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से किसी दूसरे की फोटो या वीडियो पर किसी सेलिब्रिटी वीडियो के फेस के साथ फेस स्वैप कर दिया जाता है. ये दिखने में हूबहू असली फोटो और वीडियो की तरह नजर आता है. ये टेक्नोलॉजी Generative Adversarial Networks (GANs) का यूज करती है, जिससे फेक वीडियो और इमेज बनाए जाते हैं.
कैसे करें Deepfake की पहचान?
कई बार ऐसा होता है किसी की भी फेक वीडियो या फोटो बना दी जाती है, लेकिन उसकी पहचान कर पाना मुश्किल होता है. अगर आप भी इसका शिकार हुए हैं, या डर है आपको तो कुछ बातों का ख्याल रखें.
ऐसी वीडियो में हाथ-पैर कि मूवमेंट पर रखें नजर
कुछ प्लेटफॉर्म AI जनरेटेड कंटेंट के लिए वॉटरमार्क या अस्वीकरण का करते हैं इस्तेमाल
ऐसे मार्क या डिसक्लेमर को ध्यान से करें चेक
कैसे बचें?
सोशल मीडिया पर पर्सनल फोटो-वीडियो अपलोड करने से बचें
प्रोफाइल को रखें प्राइवेट
सोशल मीडिया पर कभी न करें पर्सनल जानकारी शेयर
Deepfake पर लगाम लगाने के लिए टेक कंपनियां लगातार काम कर रही हैं. पॉलिसी मेकर, रीसर्चर्स और बड़ी टेक कंपनियां इस टेक्नोलॉजी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके गलत इस्तेमाल को दूर करने के तरीके ढूंढ़ने के लिए एक्टिवली काम कर रही हैं.
07:11 PM IST