FPIs ने बाजार को धो डाला! 10 साल में दूसरा सबसे बुरा साल रहा 2024, ₹1.2 लाख करोड़ निकाले
Year Ender 2024: इस साल FPI ने 1.2 लाख करोड़ की बिकवाली की है. 2024 भारतीय शेयर बाजार के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली के लिहाज से दशक का दूसरा सबसे खराब साल साबित हुआ.
Year Ender 2024: घरेलू शेयर बाजारों में साल 2024 बहुत अच्छा जा रहा था. निफ्टी ने 26,200 का लेवल छू लिया था, सेंसेक्स भी 86,000 के करीब जा रहा था, लेकिन सितंबर का महीना एक बड़ा करेक्शन लेकर आया. इस महीने से जो बिकवाली और गिरावट शुरू हुई कि बाजार 9-10% नीचे आ गए. अब नया साल शुरू हो रहा है और अभी भी ये गिरावट जारी है. बाजार में स्थिरता का इंतजार है और अगला बुल रन कब आएगा, इसपर साफ तस्वीर नहीं मिल पा रही.
साल 2024 में FPIs ने धो डाला
इस बिकवाली के चलते साल 2024 दशक का दूसरा सबसे खराब साल रहा है. इस साल FPI ने 1.2 लाख करोड़ की बिकवाली की है. 2024 भारतीय शेयर बाजार के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली के लिहाज से दशक का दूसरा सबसे खराब साल साबित हुआ. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक FPI ने कुल ₹1,20,598 करोड़ के शेयर बेचे हैं.
27 सितंबर से अब तक निफ्टी में 10% की गिरावट दर्ज की गई है. कैश मार्केट में बड़ी बिकवाली हुई है. सिर्फ अक्टूबर महीने में ही ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा की बिकवाली कैश मार्केट में देखी गई.
बाजार में क्या रहे बिकवाली के कारण?
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
खराब Q2 प्रदर्शन: कई कंपनियों का दूसरी तिमाही का प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहा.
अमेरिका में बढ़ती बांड यील्ड: अमेरिकी बांड यील्ड में वृद्धि ने निवेशकों को वहां निवेश करने के लिए आकर्षित किया.
चीन का आकर्षक बाजार: चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार और बेहतर संभावनाओं ने FPI का ध्यान खींचा.
अमेरिका की नयी सरकार की नीतियां: जनवरी 2025 में नई सरकार के आने से पहले नीतिगत अनिश्चितता भी बिकवाली का बड़ा कारण रही.
मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली का मुख्य कारण वैश्विक कारक हैं. हालांकि, भारत के मजबूत आर्थिक फंडामेंटल्स और आगामी नीति सुधारों के चलते 2025 में बाजार में स्थिरता और रिकवरी की संभावना है.
पिछले 10 सालों में FPIs का ट्रेंड
Year | FPI (in cr) |
2014 | 84,362 |
2015 | -3605 |
2016 | 10296 |
2017 | 11727 |
2018 | -53020 |
2019 | 72208 |
2020 | 100759 |
2021 | -54541 |
2022 | -150250 |
2023 | 132648 |
2024 | -120,598 |
निवेशकों के लिए सलाह
लॉन्ग टर्म के नजरिए से निवेशकों को बाजार में बनी अस्थिरता का फायदा उठाते हुए क्वॉलिटी स्टॉक्स पर ध्यान देना चाहिए. FPI के बाहर जाने के बावजूद, घरेलू निवेशक बाजार को सहारा दे रहे हैं, जो लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए एक पॉजिटिव संकेत है.
11:30 AM IST