शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बड़ी खबर! अब फिक्स्ड रेट से ज्यादा ब्रोकरेज नहीं लेंगे ब्रोकर, एक्सचेंज ने जारी किया नया नियम
ऑनलाइन शेयरों के सौदे करते समय अब और ज्यादा ट्रांसपैरेंसी आएगी. ब्रोकर्स (Brokers) को सौदा डालने के पहले ही साफ बताना होगा कि सौदे की रकम के अलावा उस पर कितना ब्रोकरेज है. कितना टैक्स और कितना रेगुलेटरी चार्ज है. ये नियम ब्रोकर्स को 31 दिसंबर तक लागू करना होगा.
31 दिसंबर तक ब्रोकर्स को सर्कुलर पर अमल करना होगा. (File Photo)
31 दिसंबर तक ब्रोकर्स को सर्कुलर पर अमल करना होगा. (File Photo)
Transparency in Brokerage Plan: ऑनलाइन शेयरों के सौदे करते समय अब और ज्यादा ट्रांसपैरेंसी आएगी. ब्रोकर्स (Brokers) को सौदा डालने के पहले ही साफ बताना होगा कि सौदे की रकम के अलावा उस पर कितना ब्रोकरेज है. कितना टैक्स और कितना रेगुलेटरी चार्ज है. ये नियम ब्रोकर्स को 31 दिसंबर तक लागू करना होगा.
तय रेट से ज्यादा न लें ब्रोकरेज
निवेशकों ने शिकायत की थी कि कई बार ब्रोकर उनसे पहले से तय रकम से ज्यादा ब्रोकरेज वसूलते हैं. एक्सचेंजेज ने इस मामले पर सर्कुलर जारी कर कहा है कि ब्रोकरेज तय रेट से अधिक रेट न लें. अभी ऑनलाइन सौदा डालते समय शेयर खरीद की ही रकम दिखती है. ब्रेक अप नहीं दिखता. हालांकि बाद में कॉन्ट्रैक्ट नोट में शेयर खरीद की रकम के साथ बाकी सारे चार्जेज का ब्यौरा मिलता है, लेकिन सौदा डालते समय एकमुश्त रकम ही दिखती है.
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सौदा डालने से पहले बताएं ब्रोकरेज फीस
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इस मामले पर एक्सचेंजेज ने मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) से सलाह के बाद ये निर्देश जारी किया है कि ब्रोकरेज और अन्य खर्चों को सौदा डालने से पहले ही प्रमुखता से निवेशकों को बताया जाए.
ब्रोकरेज निवेशकों की जरूरत के मुताबिक ब्रोकरेज के अलग-अलग प्लान लेकर आते हैं. ये प्लान दोनों पक्षों की सहमति से होते हैं. कई बार निवेशकों को शेयर खरीद का औसत भाव काफी महंगा लगने लगता है. क्योंकि सौदा डालते समय जो भाव होता है वो केवल शेयरों का ही दिखता है. बाद में ब्रोकरेज और बाकी खर्चे जुड़ते हैं. फिर निवेशकों की शिकायत होती है कि उनसे ज्यादा रकम वसूली गई.
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सौदा डालने से पहले ब्रोकरेज बताएंगे फीस
- एक्सचेंजेज का ब्रोकर्स का ट्रांसपैरेंसी लाने का निर्देश
- सौदा डालने से पहले प्रमुखता से दर्शाएं सारी फीस
- अभी सौदा डालते समय एकमुश्त रकम ही दिखती है
- हालांकि कॉन्ट्रैक्ट नोट में सारा ब्यौरा और ब्रेकअप
- सेबी से सलाह के बाद एक्सचेंजेज का आया सर्कुलर
- क्लाइंट की जरूरत के मुताबिक बनते हैं ब्रोकरेज प्लान
- 31 दिसंबर तक ब्रोकर्स को सर्कुलर पर अमल करना होगा
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07:22 PM IST