डॉलर के मुकाबले फिसलते रुपये को संभालने के लिए RBI ने लगाया पूरा जोर, विदेशों में जाकर कर रही है ये काम
रिजर्व बैंक ने पहले ही संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया और मालदीव के केंद्रीय बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि भारतीय रुपये सहित स्थानीय मुद्राओं में सीमा-पार लेनदेन को प्रोत्साहित किया जा सके.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को सीमा-पार लेनदेन में भारतीय रुपये और स्थानीय/राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उदार नियमों की घोषणा की. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब घरेलू मुद्रा में गिरावट हो रही है और सोमवार को यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 86.70 पर पहुंच गई.
इन देशों के साथ किया समझौता
रिजर्व बैंक ने पहले ही संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया और मालदीव के केंद्रीय बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि भारतीय रुपये सहित स्थानीय मुद्राओं में सीमा-पार लेनदेन को प्रोत्साहित किया जा सके.
विदेशी बैंकों के साथ खोले SRVA
भारतीय रुपये (INR) के अधिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जुलाई 2022 में एक अतिरिक्त व्यवस्था के रूप में स्पेशल रुपी वोस्ट्रो अकाउंट (SRVA) पेश किया गया. इसके बाद कई विदेशी बैंकों ने भारत में बैंकों के साथ SRVA खोले हैं.
विदेशों में खोल सकेंगे रुपये में खाता
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गुरुवार को घोषणा करते हुए आरबीआई ने कहा, "अधिकृत डीलर बैंकों की विदेशी शाखाएं भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों के लिए INR खाते खोल सकेंगी, ताकि भारत में रहने वाले व्यक्तियों के साथ सभी अनुमत चालू खाता और पूंजी खाता लेनदेन का निपटान किया जा सके."
उदार FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) नियमों के तहत, भारत के बाहर रहने वाले व्यक्ति अपने पुनर्प्रेषणीय INR खातों (जैसे स्पेशल नॉन-रेजिडेंट रुपी अकाउंट और SRVA) में रखी शेष राशि का उपयोग अन्य गैर-निवासियों के साथ वैध लेनदेन के निपटान के लिए कर सकेंगे.
इसके अलावा, भारत के बाहर रहने वाले व्यक्ति अपने पुनर्प्रेषणीय INR खातों में रखी शेष राशि का उपयोग विदेशी निवेश, जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और गैर-ऋण साधनों में निवेश शामिल है, के लिए कर सकेंगे.
भारतीय निर्यातक विदेशी मुद्रा में खोल पाएंगे खाता
आरबीआई ने यह भी कहा कि भारतीय निर्यातक विदेशी मुद्रा में खाते खोल सकेंगे, जिनका उपयोग व्यापार लेनदेन के निपटान, निर्यात आय प्राप्त करने और आय का उपयोग आयात के लिए भुगतान करने के लिए किया जा सकेगा.
भारतीय रुपये और स्थानीय/राष्ट्रीय मुद्राओं में सीमा-पार लेनदेन को बढ़ावा देने का यह निर्णय 1999 के FEMA नियमों की समीक्षा के बाद लिया गया है, जो केंद्रीय सरकार के साथ परामर्श में किया गया.
06:07 PM IST