Shark Tank India-4: विदेश की Job छोड़ी, बेचने लगे पौधे, पिता महीनों रहे नाराज, और बना किया ₹40 Cr. का बिजनेस!
शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) का 9वां एपिसोड बहुत ही अलग रहा. इस सीजन में एक ही तरह का बिजनेस करने वाले दो स्टार्टअप (Startup) पिच देने पहुंचे.
शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) का 9वां एपिसोड बहुत ही अलग रहा. इस सीजन में एक ही तरह का बिजनेस करने वाले दो स्टार्टअप (Startup) पिच देने पहुंचे. ऐसे में शो के फॉर्मेट में एक छोटा सा बदलाव किया गया और दोनों स्टार्टअप को एक के बाद एक पिच करने का मौका दिया गया. ये दो स्टार्टअप थे Nurturing Green और Kyari. पहले कौन पिच देगा, ये तय करने के लिए टॉस किया गया और Nurturing Green को पहले पिच करने का मौका मिला.
Nurturing Green की शुरुआत लखनऊ के अन्नू ग्रोवर ने की है. अन्नू बताते हैं कि उन्होंने एक बार अपनी मां को बुके भिजवाया था, जब वह विदेश में पढ़ रहे थे. उस दिन किसी वजह से वह मां को फोन नहीं कर पाए, लेकिन जब अगले दिन फोन किया तो मां ने बताया कि वह बुके फेंक दिया है. तब लगा क्यों ना कि बुके के बजाय प्लांट दिया जाए, ताकि उसे फेंकना ना पड़े.
और भारत आकर शुरू कर दिया ये बिजनेस
इसके बाद अन्नू भारत वापस आए और 2010 में प्लांट्स का बिजनेस शुरू किया. इस बिजनेस की शुरुआत प्लांट गिफ्टिंग की तरह हुई, लेकिन अब अब कंपनी होम डेकोर और होम गार्डनिंग में भी है. अन्नू ने बताया कि प्लांट्स का ये मार्केट करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये का है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
सारे जज कंपनी के प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग और क्ववालिटी से काफी खुश हुए. कुणाल ने बताया कि वह साइबर सिटी में 2010 में अन्नू से मिले थे. अन्नू 14 सालों से सारे अपडेट भेज रहे हैं, जिन्हें कुणाल जरूर पढ़ते हैं.
लखनऊ से हैं फाउंडर
लखनऊ में पैदा हुए अन्नू ने वहीं से पढ़ाई की है. उनके परिवार में सभी आंत्रप्रेन्योर हैं. लखनऊ से ग्रेजुएशन करने के बाद अन्नू ने ग्रेटर नोएडा के विमटेक से एमबीए किया और फिर उन्हें ऑस्ट्रिया जाकर ग्लोबल बिजनेस प्रोग्राम का हिस्सा बनने का मौका मिला. 2 महीने ऑस्ट्रिया में नौकरी करने के बाद ही अन्नू वापस भारत आ गए और तभी से ये बिजनेस कर रहे हैं. शुरुआत में तो उनका ये बिजनेस करना किसी को पसंद नहीं आया. उनके पिता ने तो कई महीनों तक उनसे बात तक नहीं की. वह नाराज थे कि उनका बेटा सब छोड़कर पौधे बेच रहा है, लेकिन अब सबको गर्व महसूस होता है.
देते हैं लाइफटाइम वारंटी
इनके बिजनेस की यूएसपी है प्लांट्स की क्वालिटी. सारे प्लांट एक टिश्यू कल्चर लैब में पैदा होते हैं और फिर करीब 70 एकड़ में फैले कंट्रोल पॉलीहाउस में 4 शहरों में ग्रो होते हैं. क्वालिटी के लिए कंपनी ने 8 स्टेप बनाए हैं. यह स्टार्टअप अपने ग्राहकों को लाइफटाइम वारंटी देता है, जिसके तहत अगर आपको पौधा कभी मर जाता है तो आप कभी भी 50 फीसदी पर प्लांट को रिप्लेस कर सकते हैं.
तगड़ी सेल कर रहा है स्टार्टअप
इस स्टार्टअप ने 2024-25 में अक्टूबर तक 17 करोड़ की सेल की है और साल भर में कम से कम 28 करोड़ पर पहुंचेंगे. इसे पिछले साल 13.8 करोड़ की सेल्स की और उससे पिछले साल 11.8 करोड़ की सेल. इससे पहले कंपनी ने 9 करोड़ और उससे पिछले साल 6 करोड़ की सेल की थी. अन्नू का विजन है कि वह 2026 तक 100 करोड़ का बिजनेस बना लें. कंपनी के प्रोडक्ट 99 रुपये से शुरू होते हैं और 4999 रुपये तक जाते हैं.
पहले भी उठा चुके हैं फंडिंग
इस स्टार्टअप में 2019 में पेटीएम के विजय शेखर शर्मा ने 37.5 करोड़ की वैल्युएशन पर 50 लाख रुपये डाले थे. वहीं फैमिली से भी कुछ पैसा लिया हुआ है. कंपनी में 68 फीसदी हिस्सेदारी अन्नू के पास है. इसके अलावा 8 फीसदी फैमिली, 22 फीसदी परिवार और 2 फीसदी विजय शेखर शर्मा के पास है. इनकी कंपनी में पहली एंजेल इन्वेस्टर रहीं उनकी गर्लफ्रेंड, जो अब उनकी पत्नी हैं और कंपनी में सीएचआरओ हैं. अन्नू अभी 3.5 लाख रुपये सैलरी लेते हैं और उनकी पत्नी 2.5 लाख रुपये सैलरी लेते हैं.
कितनी मिली फंडिंग?
अन्नू ने अपने स्टार्टअप की 1 फीसदी इक्विटी के बदले जजों से 1 करोड़ रुपये मांगे. उन्हें सिर्फ विनीता से 1.25 फीसदी के बदले 50 लाख रुपये और 50 लाख रुपये 10 फीसदी की दर पर 3 साल के लिए लोन मिला. यानी कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली. बाकी सभी शार्क इस डील से आउट हो गए. इस तरह विनीता ने इस कंपनी का वैल्युएशन 40 करोड़ रुपये लगाया.
09:54 PM IST