LIC IPO: 1 करोड़ से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खुलने का अनुमान; पॉलिसीहोल्डर जान लें ये जरूरी बातें
LIC ने अपने 25 करोड़ से ज्यादा पॉलिसी होल्डर्स को IPO में स्पेशल कोटे में शेयर आवेदन करने के लिए पॉलिसी को PAN के साथ लिंक करने के लिए कहा है.
(Image: Reuters)
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LIC IPO update: जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपने 25 करोड़ से ज्यादा पॉलिसी होल्डर्स को IPO में स्पेशल कोटे में शेयर आवेदन करने के लिए पॉलिसी को PAN के साथ लिंक करने के लिए कहा है. PAN और पॉलिसी को लिंक करने का मकसद यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर तय करना है. यानी, लिंक हुई पॉलिसी और PAN के बाद PAN ही यूनिक नंबर होगा और IPO में पॉलिसी कोटे के जरिए आवंटन तय करने का पैमाना होगा. LIC ने अपने पॉलिसीहोल्डर्स को शेयर धारक बनने के लिए PAN अपडेट और डीमैट अकाउंट तैयार रखने के लिए कहा है, इसलिए बड़े पैमाने पर नए डीमैट अकाउंट खुलने में भी तेजी आई है. एक अनुमान के मुताबिक, एलआईसी आईपीओ के चलते सिर्फ 1 करोड़ से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खुलेंगे.
PAN होगा यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर
पॉलिसीहोल्डर्स के रिजर्व कोटे में शेयर आवंटन के लिए स्टॉक एक्सचेंज PAN अपडेट के जरिए ही पॉलिसीहोल्डर की पात्रता को तय करेगा, क्योंकि डीमैट अकाउंट के लिए भी PAN होना जरूरी है. इसलिए PAN को ही यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर के रूप में तय किया गया है. PAN लिंक के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न की पात्रता जैसे कम्प्लायंस से कोई लेना-देना नहीं है.
LIC पॉलिसी, रिजर्व कोटे में शेयर की गारंटी नहीं
LIC के कई एजेंट्स LIC की पॉलिसी खरीदने पर IPO में शेयर मिलने की गारंटी की बात कर रहे हैं, लेकिन पॉलिसी होने पर शेयर मिलने की गारंटी नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक कुल रिजर्व शेयर का नंबर तय नहीं हुआ है और 25 करोड़ पॉलिसी होल्डर्स में कितने लोग पॉलिसी होल्डर्स कोटे के जरिए आवेदन करेंगे अभी इसका अनुमान लगाना मुमकिन नहीं है. हालांकि, पॉलिसी होल्डर्स के लिए स्पेशल रिजर्व हिस्सा होने से IPO में शेयर मिलने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है.
1 पॉलिसी या 10 पॉलिसी, पात्रता एक समान
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अगर आपके पास एक LIC की एक पॉलिसी है या 10 पॉलिसी है, IPO में आवेदन करने की पात्रता एक समान ही मानी जाएगी. कई लोगों के पास LIC की एक से ज्यादा पॉलिसी होती है, लेकिन पॉलिसी और PAN लिंक होने के बाद यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर से सिंगल बेनेफिशीएरी तय होगा. इसलिए LIC की पॉलिसी होने पर सिर्फ IPO में ज्यादा शेयर मिलने की उम्मीद में नई LIC पॉलिसी खरीदने का कोई फायदा नहीं है.
1 करोड़ नए अकाउंट का अनुमान
25 करोड़ से ज्यादा यूनिक पॉलिसी होल्डर्स के जरिए LIC की पहुंच अपने 13 लाख एजेंट्स के जरिए देश के गांव- गांव तक है. इसलिए एजेंट्स भी IPO में शेयर मिलने की बात से नई पॉलिसीज बेच रहे हैं और अपने ग्राहकों को बड़ी संख्या में नए डीमैट अकाउंट खोलने में मदद कर रहे हैं. HDFC बैंक, IDBI बैंक समेत कई बैंकों ने अपने ब्रांचों पर LIC IPO ऑफर के जरिए डीमैट अकाउंट खोले हैं.
जानकारों के मुताबिक, सिर्फ LIC के IPO के लिए 1 करोड़ से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खुलने का अनुमान है. पिछले 1.5 साल में 3 करोड़ नए डीमैट अकाउंट खुले हैं और देश में कुल डीमैट अकाउंट का आंकड़ा 7 करोड़ से पार हो गया है. LIC के IPO तक नए डीमैट अकाउंट में बंपर बढ़ोतरी होगी. डीमैट अकाउंट खुलवाने वाले लोग LIC IPO के बाद भी कैपिटल मार्केट के साथ जुड़े रह सकते हैं.
IPO में पॉलिसीहोल्डर के लिए 10% हिस्सा रिजर्व होगा. इसलिए LIC को एक बड़ा निवेशक उसके पॉलिसी धारक के रूप में मिल जाएगा. साथ ही कंपनी के 1.15 लाख कर्मचारी भी हैं, जिन्हें डिस्काउंट पर शेयर मिल सकता है.
वैल्यूएशन की प्रकिया से IPO में देरी
दुनिया भर में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का वैल्यूएशन Embedded value के मल्टीपल में होता है. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लंबी अवधि के लिए बेची जाती है. इसलिए EV का मतलब है अभी की बीमा पॉलिसी से भविष्य के मुनाफे की मौजूदा वैल्यू जिसमें कैपिटल भी शामिल है. देश में लिस्टेड HDFC लाइफ शेयर मार्केट में अपने एम्बेडेड मूल्य से 5 गुना से अधिक पर कारोबार करती है तो बाकी दो लिस्टेड लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां ICICI प्रू लाइफ और SBI लाइफ - एम्बेडेड वैल्यू का 3 गुना से अधिक का मार्केट वैल्यूएशन मिलता है.
LIC का वैल्यूएशन Embedded value का कितने गुना, ये सबसे बड़ी चुनौती है. क्योंकि, LIC के पास देश के कोने कोने में रियल एस्टेट प्रॉपर्टी के अलावा LIC म्युचुअल फंड और LIC कार्ड्स जैसी अनलिस्टेड कंपनियों और विदेशी सब्सिडियरी का स्वामित्व भी है जिसको Embedded value की कैलकुलेशन में शामिल करने का कोई पैमाना नहीं है.
देश का सबसे बड़ा IPO
चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही यानी मार्च 2022 तक LIC के इश्यू के बाजार में आने की उम्मीद है. सरकार की 10% तक हिस्सा बिक्री के जरिए 1 लाख करोड़ तक पूंजी जुटाने की योजना है. LIC लिस्टिंग के बाद मार्केट कैप के हिसाब से 8-10 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित वैल्यूएशन के साथ सबसे बड़ी घरेलू कंपनियों में से एक बनने की क्षमता रखता है.
04:24 PM IST