Foreign Portfolio Investment की रफ्तार हुई सुस्त, जानें अगस्त में कितना पैसा विदेशी निवेशकों ने लगाया
Foreign Portfolio Investment के निवेश की रफ्तार सुस्त हुई है. अगस्त महीने में आया कुल निवेश चार महीने के निचले स्तर पर रहा. जानिए आगे की चाल पर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है.
Foreign Portfolio Investment in India.
Foreign Portfolio Investment in India.
Foreign Portfolio Investment: लगातार छठे महीने फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने भारतीय बाजार में खरीदारी की लेकिन उनकी रफ्तार सुस्त हुई है. NSDL की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक, FPI ने अगस्त महीने में कुल 12262 करोड़ रुपए भारतीय बाजार में डाले. उससे पहले जुलाई में 46618 करोड़ रुपए, जून में 47148 करोड़ रुपए और मई में 43838 करोड़ रुपए की खरीदारी की गई. सितंबर में एक कारोबारी सत्र में 1259 करोड़ का निवेश किया गया.
वेट एंड वॉच स्ट्रैटिजी पर FPI
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफपीआई पूरी तरह ‘यू-टर्न’ लेने के बजाय ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना रहे हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है और अंतर्निहित परिदृश्य तेजी से बदल रहा है. इससे एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहेगा.’’
4 महीने में सबसे कम आया Foreign Portfolio Investment
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अगस्त में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 12,262 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इस आंकड़े में प्राथमिक बाजार और थोक सौदों के माध्यम से किया गया निवेश शामिल है. यह भारतीय शेयरों में निवेश का एफपीआई का पिछले चार माह का सबसे निचला आंकड़ा है. इससे पिछले तीन महीनों में एफपीआई ने शेयरों में लगातार 40,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया था. जुलाई में एफपीआई का निवेश 46,618 करोड़ रुपए, जून में 47,148 करोड़ रुपए और मई में 43,838 करोड़ रुपए रहा था. इससे पहले अप्रैल में उनका निवेश 11,631 करोड़ रुपए और मार्च में 7,935 करोड़ रुपए था.
महंगाई और क्रूड में उछाल का भी असर
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श्रीवास्तव ने अगस्त में एफपीआई निवेश में आई गिरावट के लिए कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और महंगाई के जोखिमों के फिर उभरने को प्रमुख कारक बताया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की वजह से भी एफपीआई जोखिम वाले बाजारों से अपना निवेश निकाल रहे हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तेजी की वजह से शेयरों का मूल्यांकन कुछ निवेशकों के संतोषजनक स्तर से ऊपर हो गया है.
बॉन्ड यील्ड में तेजी का दिख रहा असर
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘डॉलर में मजबूती तथा बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल की वजह से अगस्त में एफपीआई ज्यादातर उभरते बाजारों में बिकवाल रहे हैं.’’ एफपीआई ने शेयरों के अलावा पिछले महीने ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 7,732 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इसके साथ ही इस साल अब तक शेयरों में एफपीआई का कुल निवेश 1.35 लाख करोड़ रुपए और बॉन्ड बाजार में 28,200 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है.
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12:31 PM IST