रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर क्यों लिखी जाती है ‘समुद्र तल से ऊंचाई’, आखिर ये इतना जरूरी क्यों है
Indian Railways: रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर 'समुद्र तल से ऊंचाई' की जानकारी लिखी जाती है. खास बात ये है कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे बोर्ड पर नीचे की तरफ 'समुद्र तल से ऊंचाई' लिखी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है?
रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर क्यों लिखी जाती है ‘समुद्र तल से ऊंचाई’, आखिर ये इतना जरूरी क्यों है
रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर क्यों लिखी जाती है ‘समुद्र तल से ऊंचाई’, आखिर ये इतना जरूरी क्यों है
अगर आप ट्रेन में यात्रा करते हैं या फिर आप कभी किसी रेलवे स्टेशन (Railway Station) गए हों तो आपने एक चीज जरूर नोटिस की होगी. आपने देखा होगा कि रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर 'समुद्र तल से ऊंचाई' की जानकारी लिखी जाती है. खास बात ये है कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे बोर्ड पर नीचे की तरफ 'समुद्र तल से ऊंचाई' लिखी जाती है. लेकिन क्या आपने ये जानने की इच्छा जताई कि आखिर रेलवे स्टेशन पर समुद्र की ऊंचाई की क्या जरूरत पड़ती है और ये इतना जरूरी क्यों होता है कि इसे सभी रेलवे स्टेशनों पर लिखा जाता है. अगर आपके पास भी इस सवाल का जवाब नहीं है तो आज हम यहां आपको इस बड़े और महत्वपूर्ण सवाल का जवाब देने जा रहे हैं.
ट्रेन के लोकोपायलट और गार्ड के लिए जरूरी होती है जानकारी
यूं तो रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर नीचे लिखे गया 'समुद्र तल से ऊंचाई' का यात्रियों से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है. बोर्ड पर लिखी जाने वाली ये जानकारी यात्रियों के लिए कोई महत्व नहीं रखती लेकिन ये ट्रेन चलाने वाले लोको पायलटों और गार्ड के लिए बहुत जरूरी होती है. जैसा की हम सभी जानते हैं कि देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की धरती अलग-अलग जगह पर ऊंची-नीची होती रहती है.
यानी समुद्र तल से हमारी धरती की ऊंचाई अलग-अलग जगहों पर अलग होती है. अगर समुद्र से दिल्ली की ऊंचाई देखी जाए तो ये 207 मीटर के आसपास है, जबकि मुंबई की ऊंचाई करीब 7 मीटर है. यानी दिल्ली से मुंबई जाने के रास्ते में धरती और समुद्र तल के बीच का अंतर कम होता जाता है.
लोकोपायलट के लिए क्यों जरूरी होता समुद्र तल से ऊंचाई की जानकारी
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किसी भी जगह की ऊंचाई की जानकारी प्राप्त करने के लिए समुद्र तल सबसे प्रभावशाली तरीका माना जाता है. और यही चीज ट्रेन के पायलट और गार्ड के लिए जरूरी होती है. ट्रेन को चलाने वाला लोको पायलट जब किसी जगह से गुजरता है तो उसके लिए उस जगह की ऊंचाई की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है ताकि वह उस हिसाब से इंजन को पावर और टॉर्क जनरेट करने के लिए कमांड दे सके और ट्रेन आसानी से ऊंचे या नीचे सतह पर आसानी से अपनी साधारण स्पीड के साथ रफ्तार भर सके.
अब किसी ट्रेन के रूट पर सभी जगहों पर समुद्र तल से ऊंचाई की जानकारी देना संभव नहीं है, इसलिए रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर इसकी जानकारी लिख दी जाती है ताकि जब कोई लोको पायलट किसी रेलवे स्टेशन से गुजरे तो वह उस जगह की ऊंचाई को हिसाब लगाकर इंजन को सही कमांड दे सके.
06:48 PM IST