भ्रम या सच्चाई? आखिर दिन के मुकाबले रात में तेज क्यों चलती हैं Train? दिमाग हिल जाएगा ये जानकर!
Written By: शुभम् शुक्ला
Wed, Dec 11, 2024 02:32 PM IST
Indian Railways: जब भी हम ट्रेन में सफर करते हैं, कई बार हमारे मन में ये ख्याल आता है कि रात के वक्त ट्रेन की रफ्तार दिन के मुकाबले ज्यादा तेज लगती है. ऐसा क्यों होता है? क्या यह सिर्फ हमारा वहम है या इसके पीछे कुछ असली कारण हैं? भारतीय रेलवे से जुड़े नियमों और सच्चाई को समझने के बाद ही इसका जवाब मिल सकता है. तो आइए जानते हैं इसके पीछे छुपे दिलचस्प कारण.
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रात में कम ट्रैफिक, ज्यादा स्पीड
दिन के समय रेलवे ट्रैक पर ज्यादा ट्रेनें चलती हैं, जिनमें लोकल, पैसेंजर, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें शामिल होती हैं. यह ट्रैफिक रेलवे के टाइमटेबल पर असर डालता है और कई बार ट्रेनों को क्रॉसिंग्स या स्टेशन पर रुकना पड़ता है. लेकिन रात के समय ट्रैफिक कम हो जाता है. पैसेंजर ट्रेनें ज्यादातर दिन में ही चलती हैं, और लोकल ट्रेनों का भी शेड्यूल कम हो जाता है. ऐसे में लंबी दूरी की ट्रेनें बिना ज्यादा रुकावट के तेजी से आगे बढ़ सकती हैं.
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दूर से दिख जाते हैं सिग्नल
रात में ट्रेन के लोको पायलट को सिग्नल दूर से ही दिख जाते हैं. इससे उन्हें पहले से पता चल जाता है कि ट्रेन को रोकना है या नहीं. अंधेरे में ट्रेन चलाने का फायदा यह भी है कि लोको पायलट को ट्रेन की स्पीड कम करने की जरूरत नहीं पड़ती. इससे यात्रियों को लगता है कि रात में ट्रेनें तेज रफ्तार से चलती हैं. रात में ट्रैक पर आवाजाही कम होती है. रात में ट्रैक पर लोगों और जानवरों की आवाजाही नहीं होती और न ही कोई मेंटेनेंस का काम होता है. हालांकि, सर्दियों के मौसम में कोहरे की वजह से कई बार दूर से भी सिग्नल दिखाई नहीं देते. इसलिए सर्दियों में कई बार ट्रेन धीमी-धीमी चलती है.
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स्टेशनों पर कम रुकावट
दिन के समय रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की आवाजाही बहुत ज्यादा होती है. प्लेटफॉर्म पर चढ़ने-उतरने वाले यात्रियों की संख्या के चलते ट्रेनों को ज्यादा समय रुकना पड़ता है. रात के समय यह समस्या नहीं होती. ज्यादातर ट्रेनें सिर्फ जरूरी स्टॉप्स पर रुकती हैं और वह भी बहुत कम समय के लिए. इसका सीधा असर ट्रेन की औसत स्पीड पर पड़ता है.
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मालगाड़ियों का रूट क्लियर
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कम मानव हस्तक्षेप
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स्पीड का भ्रम
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