हेल्थ इंश्योरेंस खरीद रहे हैं तो इस बात को न करें इग्नोर, वरना बाद में पछताएंगे
आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस लोगों के लिए जरूरत बन चुका है. लेकिन अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने जा रहे हैं तो पहले इसका वेटिंग पीरियड जरूर देख लीजिएगा. तमाम लोगों को वेटिंग पीरियड के बारे में पता नहीं होता और वो इसे अनजाने में इग्नोर कर देते हैं. लेकिन बाद में ये गलती उन पर भारी पड़ती है.
हेल्थ इमरजेंसी कब किसके सामने आ जाए, कोई नहीं जानता. इससे निपटने के लिए हर किसी को तैयार रहना चाहिए. कोविड से कम से कम ये सबक तो सभी को मिल ही गया है. यही वजह है हेल्थ इंश्योरेंस की ओर लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस लोगों के लिए जरूरत बन चुका है. लेकिन अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने जा रहे हैं तो पहले इसका वेटिंग पीरियड जरूर देख लीजिएगा. तमाम लोगों को वेटिंग पीरियड के बारे में पता नहीं होता और वो इसे अनजाने में इग्नोर कर देते हैं. लेकिन बाद में ये गलती उन पर भारी पड़ती है. यहां जानिए क्या होता है वेटिंग पीरियड, ये कितनी तरह का होता है और इसे कम करने का क्या तरीका है.
पहले समझिए क्या होता है वेटिंग पीरियड
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का मतलब ये नहीं होता कि अगले दिन से ही आपकी तमाम समस्याओं को इंश्योरेंस कंपनी कवर करने लगेगी. आपको इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए थोड़े दिन रुकना पड़ेगा. पॉलिसी खरीदने के बाद से लेकर जब तक आप बीमा कंपनी से कोई लाभ का क्लेम नहीं कर सकते, उस अवधि को वेटिंग पीरियड कहा जाता है. वेटिंग पीरियड अलग-अलग अवधि के लिए हो सकते हैं.
स्टैंडर्ड कूलिंग-ऑफ
किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी का ये प्रारंभिक वेटिंग पीरियड होता है. आमतौर पर इसकी अवधि 30 दिनों की होती है. इस बीच अगर आप किसी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती होते हैं, तो उसके खर्च के लिए क्लेम नहीं कर पाएंगे. हालांकि दुर्घटना के कारण एडमिट होने पर क्लेम किया जा सकता है.
पहले से मौजूद बीमारियों का वेटिंग पीरियड
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अगर आपको पहले से कोई बीमारी है तो इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय उसके बारे में बताना होता है. पहले से मौजूद बीमारी का भी एक वेटिंग पीरियड होता है. ये वेटिंग पीरियड दो साल से लेकर चार साल तक हो सकता है. यानी इस वेटिंग पीरियड के दौरान आपकी उस बीमारी को इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता है.
विशेष रोग के लिए वेटिंग पीरियड
हर्निया, मोतियाबिंद और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, कैंसर सर्जरी जैसी तमाम बड़ी समस्याओं के लिए भी इंश्योरेंस कंपनी की ओर से वेटिंग पीरियड लगाया जाता है. ये वेटिंग पीरियड दो से चार सालों का हो सकता है. पॉलिसी डॉक्यूमेंट में इनका स्पष्ट रूप से जिक्र किया जाता है.
मैटरनिटी के लिए वेटिंग पीरियड
हेल्थ इंश्योरेंस आपको मैटरनिटी (मातृत्व) का फायदा नहीं देती हैं, और जो मैटरनिटी लाभ हैं वे वेटिंग पीरियड के साथ आते हैं. वेटिंग पीरियड 9 महीने से लेकर 3 साल तक भी हो सकता है. इसके अलावा मानसिक बीमारियों के लिए भी एक वेटिंग पीरियड होता है. ये अवधि दो साल तक की हो सकती है.
कैसे कम हो सकता है वेटिंग पीरियड
किसी भी इंश्योरेंस प्लान को खरीदते समय ही आपको वेटिंग पीरियड पर गौर जरूर करना चाहिए. इसके लिए इंश्योरेंस प्लान लेने से पहले कई कंपनियों के प्लांस का पता करें क्योंकि हर कंपनी के अपने अलग-अलग वेटिंग पीरियड होते हैं. इसके बाद ही कम वेटिंग पीरियड वाला प्लान खरीदें. इसके अलावा अगर आपको लगता है कि किसी विशेष बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड अवधि बहुत लंबी है, तो आप अपनी जेब से थोड़ा अतिरिक्त भुगतान करके भी इसे कम करवा सकते हैं.
01:35 PM IST