कुंभ में नहीं कटेगा नेटवर्क, दूरसंचार विभाग ने कसी कमर, जानिए क्या बनाया है प्लान
महाकुंभ मेला 2025 को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने लाखों श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए निर्बाध संचार सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण तैयारियाँ की हैं.
महाकुंभ मेला 2025 को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने लाखों श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए निर्बाध संचार सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण तैयारियाँ की हैं. इसके तहत शहर, मेला क्षेत्र और प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों में दूरसंचार बुनियादी ढाँचे को अपग्रेड करना शामिल है. दूरसंचार सेवा प्रदान करने वालों को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में भाग लेने वाले लोगों को भारी भीड़ से कोई कठिनाई पैदा ना हो, इसके लिए उन्नत तकनीक को तैनात करने और नेटवर्क को अनुकूलित करने का निर्देश दिया गया है.
सभी आगंतुकों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित करने के लिए प्रयागराज शहरी क्षेत्र में 126 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है, जो दूरसंचार बुनियादी ढाँचे की रीढ़ को मजबूत करता है. इसके अलावा, 328 नए टावर/मस्तूल लगाए गए हैं जो शहरी परिदृश्य में कवरेज को और मजबूत करते हैं. मेले के दौरान शहर में मजबूत और निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए, 1,462 मौजूदा बीटीएस इकाइयों के उन्नयन के अलावा सभी मोबाइल तकनीकों में कुल 575 नए बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) तैनात किए गए हैं.
मेला क्षेत्र में भक्तों की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ने के मद्देजर हाई-स्पीड, विश्वसनीय नेटवर्क कवरेज प्रदान करने के लिए 192 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाई गई है. भारी मांग को पूरा करने के लिए, 78 सीओडब्ल्यू (ट्रांसपोर्टेबल टावर) और 150 आउटडोर स्मॉल सेल समाधान तैनात किए जा रहे हैं, जिससे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुचारू संचार सुनिश्चित हो सके. 50 मौजूदा बीटीएस इकाइयों के उन्नयन के साथ-साथ 352 नई बीटीएस इकाइयों की तैनाती से मेला क्षेत्र में दूरसंचार सेवाओं को और मज़बूती मिलेगी, जिससे भक्तों और आगंतुकों के लिए कुशल कनेक्टिविटी की पेशकश होगी.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और हवाई अड्डों जैसे प्रमुख परिवहन केंद्रों के साथ-साथ होल्डिंग एरिया, पार्किंग स्थल और प्रयागराज में आने-जाने वाले राजमार्गों सहित प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर भी दूरसंचार सेवाओं का अनुकूलन किया जा रहा है. यातायात के सुचारू संचालन के लिए महत्वपूर्ण मार्ग के ग्रीन कॉरिडोर पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो उच्च यातायात वाले क्षेत्रों में निरंतर नेटवर्क सेवा सुनिश्चित करता है.
सार्वजनिक सुरक्षा और सुविधा बढ़ाने के मद्देनजर दूरसंचार सेवा प्रदान करने वालों ने मेला क्षेत्र में 53 हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं. ये संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्टिंग और खोए या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक करने जैसी सेवाओं का समर्थन करेंगे. यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी दूरसंचार टावर स्वीकार्य विकिरण सीमाओं के भीतर काम कर रहे हैं, सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए विद्युत-चुंबकीय विकिरण परीक्षण किया गया है. इसके अतिरिक्त मेला अवधि के दौरान आपातकालीन अलर्ट, आपदा चेतावनी और सामान्य सार्वजनिक जागरुकता संदेश भेजने के लिए एक सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सुविधा और एक कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग किया जाएगा.
चारों दूरसंचार सेवा प्रदाताओं यानी एयरटेल, बीएसएनएल, जियो और वीआई द्वारा संचालित तीन आपदा प्रबंधन केंद्र आपातकालीन संचार प्रदान करने और किसी भी संकट की स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मेला क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं. ये केंद्र प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं की स्थिति में महत्वपूर्ण संचार चैनल प्रदान करने के लिए नवीनतम तकनीक से लैस होंगे, जिससे उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
दूरसंचार अवसंरचना संवर्द्धन का उद्देश्य न केवल मेले के दौरान निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना है बल्कि मोबाइल-आधारित भुगतान से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों की लाइव स्ट्रीमिंग तक भक्तों के लिए डिजिटल सुविधओं को बढ़ाना भी है. कुंभ मेला एक प्रमुख वैश्विक आयोजन होने के कारण, डीओटी लाखों तीर्थयात्रियों, आगंतुकों और हितधारकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाली सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
महाकुंभ मेला एक ऐसी महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है जो दुनियाभर से करोड़ों लोगों को प्रयागराज की ओर आकर्षित करती है. यह आयोजन, जो हर 12 साल में होता है, आध्यात्मिक नवीनीकरण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है. वर्ष 2025 का मेला इतिहास के सबसे बड़े समारोहों में से एक होने की उम्मीद है, जिसकी सफलता के लिए अभूतपूर्व समन्वय और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी.
08:53 PM IST