क्या है Reinsurance प्रोसेस, कंपनियां कब हायर करती हैं रीइंश्योरेंस ब्रोकर- जानें फायदे
एक रीइंश्योरेंस कॅान्ट्रेक्ट एक बीमा कंपनी और एक रीइंश्योरेंस कंपनी के बीच होता है. रिस्क को कम करने के लिए रीइंश्योरेंस ब्रोकर को सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है.
कई मामलों में, बीमा कंपनियां रीइंश्योरेंस ब्रोकर की सेवाओं का यूज करके इन कंपनियों के साथ डील करती हैं. साधारण शब्दों में समझें तो रीइंश्योरेंस एक ऐसा इंश्योरेंस है जो एक इंश्योरेंस कंपनी खुद को रिस्क से बचाने के लिए खरीदती है. रीइंश्योरेंस की प्रोसेस मुश्किल हो सकती है. ये इंडिविजुअल पॉलिसी खरीदने जैसा नहीं है. जहां बहुत कम संख्या में ऑप्शन मिल जाते हैं. बीमा कंपनियों की बैलेंस शीट पर बड़े रिस्क होते हैं. इन रिस्क को कम करने के लिए रीइंश्योरेंस ब्रोकर को सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है. ये ब्रोकर बीमा करने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका खोजने में माहिर होते हैं. इसलिए कई बीमा कंपनियां अपनी सर्विस को ज्यादा अच्छा बनाने के लिए रीइंश्योरेंस ब्रोकरों को हायर करती हैं. इन ब्रोकरों का एक्सपीरियंस बीमा कंपनियों के बहुत काम आता है. ये ब्रोकर कमीशन के रूप में या फिक्स प्राइस के रूप में कमाई करते है. कभी-कभी रीइंश्योरेंस बिजनेस के लिए एक फिक्स राशि पर मिनिमम फिक्स प्राइस का भुगतान किया जाता है. और फिर रीइंश्योरेंस ब्रोकरों को उसी कंपनी के साथ अपना बिजनेस करने के लिए अच्छे-खासे कमीशन की पेशकश की जाती है.
रीइंश्योरेंस ब्रोकर कौन-कौन सी सुविधाएं देते हैं
पॅालिसी का सिलेक्शन
ऐसे कई तरीके हैं जिनमें अलग-अलग तरह की रीइंश्योरेंस पॅालिसी का इस्तेमाल करके एक ही रिस्क को कवर किया जा सकता है. रीइंश्योरेंस ब्रोकर को रीइंश्योरेंस पॅालिसी लेने का काफी एक्सपीरियंस होता है. अपने डेटा के आधार पर, वे बेहतर तरीके से जानते हैं कि किस तरह के रिस्क को कवर के लिए कौनसी पॅालिसी बढ़िया कवरेज देगी.
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नेगोशिएटिंग रेट
रीइंश्योरेंस ब्रोकर बड़ी संख्या में फर्मों के लिए रीइंश्योरेंस पॅालिसी खरीदते हैं. इसलिए रीइंश्योरेंस ब्रोकर बहुत सारे बिजनेस को कंट्रोल करते हैं. रीइंश्योरेंस कंपनियाँ इन ब्रोकर को स्पेशल रेट देती हैं. जो बीमा कंपनी के डायरेक्ट अपनी पॉलिसी को लाने पर उपलब्ध नहीं होती हैं.
प्रशासनिक कार्यों में सहायता
रीइंश्योरेंस पॉलिसी जारी करना एक पेंचीदा काम है. इसके लिए कागजी कार्रवाई के रूप में बहुत अधिक प्रशासनिक कामों की जरुरत होती है. इसलिए ब्रोकर का काम ये होता है कि वो रीइंश्योरेंस कॅान्ट्रेक्ट के पॅालिसी नियमों का ध्यान से इवेल्यूएशन करे. इन प्रशासनिक कामों के लिए बाजार से संबंधित बहुत ज्यादा स्किल्ड और एक्सपीरियंस वाले इंसान की जरुरत होती है.
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क्लेम करने के लिए असिस्टेंस मिलता है
रीइंश्योरेंस ब्रोकर बाजार को इतनी अच्छी तरह से जानते हैं, कि वे हर तरह के क्लेम के भुगतान रेशो को समझते हैं. इसलिए ब्रोकर अपने ग्राहकों को जितना हो सके उतनी जल्दी डेडलाइन के भीतर क्लेम दिलवाने में मदद करते हैं. ये जरुरी दस्तावेजों के बारे में भी जानते हैं जिनकी क्लेम करने की प्रोसेस में जरुरत होती है. हालांकि ये तय करना बीमा कंपनी का काम है कि प्रीमियम का भुगतान समय पर किया जाए. लेकिन बीमा कंपनियों के पास कई पॅालिसी होती हैं. इस कारण वे भुगतान करने से चूक सकती हैं. इसलिए ज्यादातर ब्रोकर कस्टमर के बिहाफ पर प्रीमियम को पे कर देते हैं. जिसका चार्ज वे बाद में ग्राहक से वसूल लेते हैं.
08:40 AM IST