विदेश में बच्चे की पढ़ाई के लिए लोन लेने का है प्लान? इन बातों का रखें खास ख्याल, आसान हो जाएगा लोन प्रोसेस
आज के समय में स्टूडेंट विदेशों में एक अच्छे कॉलेज से हायर एजुकेशन के मौके के साथ-साथ एक अच्छे एक्सपोजर के मिलने की उम्मीद करते हैं. इसके लिए पेरेंट्स इंटरनेशनल एजुकेशन लोन लेते हैं.
विदेश में जाकर पढ़ाई करना अब भारतीय छात्रों के लिए पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. लेकिन ये पहले से कहीं ज्यादा महंगा भी हो गया है. स्टूडेंट्स के बीच एकेडमिक कॅाम्पटीशन बढ़ने के कारण भी स्टूडेंट लोन लेना मुश्किल होता जा रहा है. हालाकि एनबीएफसी 84.8 प्रतिशत स्टूडेंट लोन को एक्सेप्ट करता है. ऐसे में एजुकेशन लोन के रिजेक्ट होने के कई कारण हो सकते हैं. आपके बच्चे के लोन एप्लीकेशन के रिजेक्ट होने में आपका एकेडमिक ट्रैक रिकॉर्ड भी एक वजह बनता है. अगर स्टूडेंट के रिकॅार्ड में एक साल की प्रवेश में देरी, एक सेमेस्टर के लिए रोके जाने, या कई बार इंटरनल एक्जाम देने के कारण हैं तो भी लोन की एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाती है. इसका कारण है कि बैंक हमेशा ये देखते हैं कि स्टूडेंट कॅालेज से पासआउट होने के बाद किस तरह से लोन चुका पाएगा.इसलिए स्टूडेंट के एकेडमिक रिकॅार्ड का बढ़िया होना एजुकेशन लोन लेने के लिए एक पॅाजिटिव एसपेक्ट है.
ये फैक्टर करते हैं लोन एप्लीकेशन अप्रूव होने में मदद
सही कॅालेज और यूनिवर्सिटी का चयन
जिस कॉलेज में आप प्रवेश लेते हैं, वे आपकी लोन लेने की संभावनाओं पर काफी असर डालता है. बैंक के नजरिए से देखा जाए तो हार्वर्ड में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट की एप्लीकेशन एक स्टेट यूनिवर्सिटी के एप्लीकेशन की तुलना में अधिक अच्छा समझा जाता है. इन बड़े इंस्टीट्यूट के अलावा बैंक एनुअल QS लिस्ट जैसी यूनिवर्सिटी रैंकिंग का उपयोग करते हैं. इसी तरह से एसटीईएम कोर्स आमतौर पर वहां से पढ़ कर निकलने वाले स्टूडेंट के लोन के भुगतान क्षमता के कारण पसंद होते हैं. ज्यादातर बैंक अंडरग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट, पीएचडी और सर्टिफिकेट कोर्स में पढ़ने वाले स्टूडेंट को आसानी से लोन देते हैं.
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क्रेडिट स्कोर का बढ़िया होना
किसी भी अन्य तरह के लोन या क्रेडिट एप्लीकेशन की तरह, इस लोन के लिए भी आपका क्रेडिट स्कोर बैंक या एनबीएफसी के लिए जरुरी होता है. आपके लोन की एप्लीकेशन पर 600 या उससे कम का CIBIL स्कोर नेगिटिव असर डाल सकता है. अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट के लिए लोन के लिए एक और इंसान का सिग्नेचर का लेकर इसकी लिमिट बढ़ाई जा सकती है. ये आमतौर पर उसी देश का निवासी होता है.
किस देश में करना चाहते हैं पढ़ाई
आप जिस देश में पढ़ाई करने का सोच रहें हैं, वो देश भी आपके लोन एप्लीकेशन की वाली शर्तों पर फर्क डालता है. अगर आप अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया आदि जैसे हाई स्टडी लेवल वाले देशों में पढ़ने के लिए लोन लेना चाहते हैं तो आपको मेक्सिको, जापान या चीन जैसे देशों की तुलना में आसानी से लोन मिल सकता है. क्योंकि स्थिर और अच्छी तरह से डेवलप पश्चिमी देशों को बेहतर रोजगार और विकास के अवसर देने वाला माना जाता है.
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सही तरह से मैनेज करें अपने डॅाक्यूमेंट
स्टूडेंट लोन के लिए के लिए छात्रों, पेरेंट्स, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य इंस्टीट्यूट से तमाम तरह के डॅाक्यूमेंट अरेंज करने पड़ते हैं. आइडी से लेकर क्रेडिट हिस्ट्री तक को सही से रखना कई बार मुश्किल हो जाता है. जिससे कई बार डॅाक्यूमेंट गुम हो जाते हैं. इसलिए सभी डॅाक्यूमेंट को सही से एक जगह सेफ रखना चाहिए ताकि लोन एप्लीकेशन के लिए प्रोसेस आसानी से हो सकें.
11:15 AM IST