PM Vidyalaxmi Scheme Vs Education Loan: एजुकेशन लोन से कितनी अलग है पीएम विद्यालक्ष्मी योजना? 5 पॉइंट्स से समझिए
PM Vidyalaxmi Scheme एक तरीके से Education Loa जैसी ही है, लेकिन फिर भी ये पारंपरिक एजुकेशन लोन से कई मायनों में अलग है. यहां 5 पॉइंट्स में समझिए इनके बीच क्या फर्क है.
इन दिनों पीएम विद्यालक्ष्मी स्कीम की काफी चर्चा है. कुछ समय पहले शुरू की गई ये स्कीम उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, जिनको हायर एजुकेशन के लिए फाइनेंशियल हेल्प की जरूरत होती है. ये स्कीम भी एक तरीके से एजुकेशन लोन जैसी ही है, लेकिन फिर भी ये पारंपरिक एजुकेशन लोन से कई मायनों में अलग है. आइए जानते हैं कि कैसे PM Vidyalaxmi Scheme और Education Loan में क्या फर्क है.
क्या है पीएम विद्यालक्ष्मी योजना?
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आसानी से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है. पीएम विद्यालक्ष्मी योजना न केवल छात्रों को लोन बल्कि छात्रवृत्ति भी प्रदान करती है. छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ अन्य फाइनेंशियल सर्विसेज भी इस योजना के तहत मिलती हैं, जैसे कि बैंक लोन, स्कॉलरशिप और लोन पर रियायत. ये स्कीम भारतीय छात्रों को विदेशों में और घरेलू स्तर पर भी उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अवसर देती है.
क्या है एजुकेशन लोन?
वहीं एजुकेशन लोन छात्रों को उनकी उच्च शिक्षा के लिए बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा दिया जाने वाला ऋण होता है. ये लोन तमाम शिक्षा संस्थानों से संबंधित ट्यूशन फीस, किताबों, रहने की व्यवस्था, यात्रा और अन्य खर्चों को कवर करने के लिए प्रदान किया जाता है. इस लोन को आमतौर पर निश्चित समय अवधि के भीतर ब्याज समेत लौटाना होता है. एजुकेशन लोन में छात्रवृत्ति की कोई व्यवस्था नहीं होती.
इन 5 पॉइंट्स से समझें दोनों के बीच का फर्क
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- पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों को विशेष रियायती ब्याज दरें मिल सकती हैं, क्योंकि इसे सरकार के द्वारा वित्तपोषित किया जाता है. इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को कम ब्याज दरों पर लोन प्रदान करना है, ताकि वे आसानी से अपनी शिक्षा को पूरा कर सकें. वहीं, एजुकेशन लोन में ब्याज दरें बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा तय की जाती हैं. हालांकि सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले लोन पर भी कुछ रियायतें हो सकती हैं, लेकिन आमतौर पर ब्याज दर अधिक होती है.
- पीएम विद्यालक्ष्मी योजना में छात्रों को एक ही जगह पर तमाम लोन और स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने का मौका मिलता है. इसके लिए एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की गई है, जहां से छात्र विभिन्न संस्थाओं के लोन और छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीं, एजुकेशन लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होती है. इसमें अधिकतर बैंक अपनी विशिष्ट पात्रता शर्तें और आवेदन प्रक्रिया रखते हैं. छात्रों को एक निश्चित बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए उसके नियमों और शर्तों का पालन करना होता है.
- पीएम विद्यालक्ष्मी योजना छात्रों को शिक्षा के विभिन्न खर्चों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें ट्यूशन फीस, रहने का खर्च, यात्रा खर्च, पुस्तकें, और लैपटॉप/ कंप्यूटर जैसी अन्य आवश्यकताओं को भी शामिल किया जाता है. वहीं, एजुकेशन लोन में बैंकों द्वारा छात्रों को मुख्य रूप से ट्यूशन फीस, कोचिंग फीस, किताबों के खर्च, हॉस्टल शुल्क, और अन्य संबंधित खर्चों को कवर किया जाता है. कुछ बैंकों द्वारा लैपटॉप और अन्य उपकरणों के लिए भी लोन प्रदान किया जाता है, लेकिन यह केवल कुछ बैंकों की नीतियों पर निर्भर करता है.
- पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत लोन चुकाने की प्रक्रिया सरल और लचीली होती है. इसके साथ ही छात्रों को शिक्षा पूरी होने के बाद, या कुछ मामलों में शिक्षा के दौरान, लोन चुकाने में आसानी मिलती है. कुछ योजनाओं में रियायत दी जाती हैं और लोन चुकाने की अवधि लंबी हो सकती है. वहीं, एजुकेशन लोन के तहत लोन चुकाने की प्रक्रिया आमतौर पर छात्र के शिक्षा पूरी करने के बाद शुरू होती है. इसमें कुछ बैंकों द्वारा छात्र को एक ‘कूलिंग पीरियड’ दिया जाता है, लेकिन यह लोन चुकाने के लिए कड़े नियमों के साथ आता है. इसके साथ ही ब्याज दरें भी लागू होती हैं.
- पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत लोन की राशि छात्रों के शिक्षा संस्थान और पाठ्यक्रम के अनुसार निर्धारित की जाती है. यह योजना अधिकतर शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त राशि प्रदान करती है. हालांकि, एजुकेशन लोन में लोन की राशि बैंक द्वारा तय की जाती है, और यह राशि आमतौर पर छात्रों की शैक्षिक जरूरतों के अनुसार होती है. कुछ मामलों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को अधिक लोन राशि मिल सकती है.
12:58 PM IST