Gratuity Calculation Formula: अगर आपने किसी कंपनी में 5 साल या इससे ज्यादा समय तक काम किया है तो आपको नौकरी छोड़ते समय ग्रेच्युटी दी जाती है. ग्रेच्युटी की रकम कंपनी की ओर से कर्मचारी को लंबे समय तक कंपनी में बेहतर सेवाएं देने के लिए एक रिवॉर्ड के तौर पर दी जाती है. नौकरी छोड़ते समय हर कोई ये कैलकुलेशन करता है कि उसे कितना पैसा मिलेगा. आइए आपको बताते हैं कि अगर आपने 15 साल तक किसी कंपनी में काम किया है और आपकी आखिरी सैलरी ₹75000 है तो आपको कितना पैसा ग्रेच्युटी के तौर पर मिलेगा.
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इस फॉर्मूले से कैलकुलेट होती है ग्रेच्युटी
आपको ग्रेच्युटी कितनी मिलेगी, ये एक फॉर्मूले के आधार पर तय किया जाता है. ग्रेच्युटी को कैलकुलेट करने का फॉर्मूला है- (आखिरी सैलरी) x (कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26).
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समझें फॉर्मूला
आखिरी सैलरी से मतलब, आपकी पिछले 10 महीने की सैलरी के औसत से है. इस सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन को शामिल किया जाता है. महीने में रविवार के 4 दिन वीक ऑफ होने के कारण 26 दिनों को गिना जाता है और 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है.
15 साल नौकरी और 75 हजार सैलरी, कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी फॉर्मूले के कैलकुलेशन के हिसाब से देखें तो अगर आपने किसी कंपनी में 15 सालों तक काम किया और आपकी आखिरी सैलरी 75,000 रुपए थी तो कैलकुलेशन का फॉर्मूला बनेगा (75000) x (15) x (15/26). कैलकुलेशन करने पर योग आएगा 6,49,038 रुपए, ये रकम आपको ग्रेच्युटी के तौर पर दी जाएगी. इस तरह से आप अपनी आखिरी सैलरी और नौकरी के साल के आधार पर इस फॉर्मूले से कैलकुलेशन कर सकते हैं.
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इस स्थिति में अलग होती है कैलकुलेशन
जब कंपनी या संस्थान Gratuity Act के तहत रजिस्टर्ड न हो तो कर्मचारी ग्रेच्युटी एक्ट के तहत नहीं आते हैं. लेकिन ऐसे में अगर कंपनी चाहे, तो स्वेच्छा से कर्मचारी को ग्रेच्युटी दे सकती है, लेकिन ऐसे में ग्रेच्युटी तय करने का फॉर्मूला अलग हो जाता है. ऐसे में Gratuity की रकम, हर साल के लिए आधे महीने की सैलरी के बराबर होगी. लेकिन महीने भर काम करने के दिनों की संख्या 30 दिन मानी जाएगी, 26 नहीं.
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