पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर से मिलते हैं लंबे रीपेमेंट टेन्योर जैसे कई फायदे -जानें इसके बारे में
एक कर्जदाता, बैंक और एनबीएफसी के मौजूदा पर्सनल लोन बोरोअर को कम इंटरेस्ट रेट पर उनके मौजूदा लोन को ट्रांसफर करने की फैसिलिटी देता है. इस फैसिलिटी को पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर कहते हैं.
पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर एक ऐसी प्रोसेस है जहां कस्टमर अपना बकाया सारा लोन अमाउंट एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं. पर्सनल लोन की तरह ही पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर (PLBT) को नए लेंडर के पास जमा करने के लिए किसी कोलेटरल या सिक्योरिटी की जरुरत नहीं होती है. इसके लिए कुछ नॅामिनल चार्ज पे किए जाते हैं. जिसमें आपके मौजूदा लेंडर के फोरक्लोजर चार्ज और लोन ट्रांसफर का चार्ज शामिल हैं. आपका नया लेंडर आपसे स्टांप चार्ज और दूसरे चार्ज के साथ लोन प्रोसेसिंग फीस भी ले सकता है. ये आम तौर पर एक नए पर्सनल लोन की एप्लीकेशन पर भी लगाया जाता है. पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर का यूज करने पर नया लेंडर जो नई इंटरेस्ट रेट लेता है वो आमतौर पर आपके मौजूदा लेंडर के इंटरेस्ट रेट से कम होती है. नए लेंडर की पर्सनल लोन की इंटरेस्ट रेट आपके मौजूदा बकाया लोन अमाउंट, क्रेडिट स्कोर, इनकम और आपके क्रेडिट प्रोफाइल के दूसरे पहलुओं पर भी डिपेंड करती है. Personal Loan Balance Transfer में लोअर इंटरेस्ट रेट जैसे कई तरह के बेनिफिट भी मिलते हैं.
Personal Loan Balance Transfer के बेनिफिट
लोअर इंटरेस्ट रेट
पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर का टारगेट कम इंटरेस्ट रेट का फायदा देना है. ये ओवरऑल इंटरेस्ट रेट को कम कर देता है.
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लॉन्गर रीपेमेंट टेन्यॅार
पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर सुविधा का यूज करने से भी आपको अपने मौजूदा पर्सनल लोन के रिजिड्युअल लोन ट्रांसफर की तुलना में लंबे टेन्योर का ऑप्शन चुनने में मदद मिल सकती है. एक लंबा टेन्योर उसके मंथली ईएमआई बोझ को कम कर देता है. हालांकि इससे आपको हायर इंटरेस्ट कॅास्ट देना पड़ सकता है.
टॉप-अप पर्सनल लोन
कई लेंडर अपने मौजूदा पर्सनल लोन को ट्रांसफर करने वालों को टॉप-अप पर्सनल लोन देते हैं. इस तरह पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर फैसिलिटी उन मौजूदा पर्सनल लोन बोरोअर के लिए फायदेमंद साबित होगी. जो टॅाप अप पर्सनल लोन का फायदा नहीं ले पा रहें हैं.
क्या है इसकी प्रोसेस
सबसे पहले आप मौजूदा इंटरेस्ट रेट की जांच करें जो आप दूसरे लेंडर के साथ अपने पर्सनल लोन पर ले सकते हैं और इंटरेस्ट सेविंग को केलक्यूलेट करें. फिर लागू होने वाले चार्ज को ध्यान में रखते हुए लोन ट्रांसफर के एस्टीमेट लागत को इवैल्यूएट करें. आप इसके नेट बेनिफिट को तय करें और डिसाइड करें कि आप बैलेंस ट्रांसफर का ऑप्शन चुनना चाहते हैं या नहीं. इसके बाद कुछ लेंडर को शॉर्टलिस्ट करें जिन्हें आप अपना मौजूदा लोन ट्रांसफर करना चाहते हैं. शॉर्टलिस्ट किए गए लेंडर की दी जाने वाली इंटरेस्ट रेट आपके लोन अमाउंट की एलिजीबिलीटी और उनके लोन प्रोसेस की तुलना करें. नए लेंडर को फाइनल करने और ट्रांसफर के साथ आगे बढ़ने का फैसला लेने के बाद, अपने मौजूदा लेंडर से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) और फोरक्लोजर के लिए एप्लीकेशन लें. अब नए लेंडर के साथ एप्लीकेशन प्रोसेस शुरू करें. और रीपेमेंट के पूरे रिकॉर्ड के साथ लोन डॅाक्यूमेंट जमा करें. आप एक सेंक्शन लैटर को लेकर नए लेंडर के साथ न्यू लोन एग्रीमेंट करें. नए लेंडर से पहले के लेंडर के पक्ष में चेक/डिमांड ड्राफ्ट से disbursement लें. एक बार जब पिछले लेंडर को बकाया लोन अमाउंट मिल जाएगा. तो वो सभी चेक और ईसीएस को कैंसल कर देगा और आपका पर्सनल लोन अकाउंट बंद कर देगा.
Personal Loan Balance Transfer के लिए क्या है एलिजिबिलिटी
इसके लिए मिनिमम एज 21 साल और मैक्सिमम 65 साल होनी चाहिए. इसे सेलरिड और सेल्फ इम्प्लॅाइड लोग ले सकते हैं. इसके लिए मौजूदा बकाया लोन अमाउंट कम से कम 50,000 रुपए होना चाहिए. आपकी क्लीन रीपेमेंट हिस्ट्री होना भी जरुरी है. इसके साथ ही आपको मौजूदा एम्पलॅायर के साथ कम से कम 1 साल से 2 साल तक का वर्क एक्सपीरियंस होना चाहिए. साथ ही आपकी मंथली इनकम मिनिमम 15,000 रुपए होना जरुरी है. और आपका सिबिल स्कोर 750 या उससे ऊपर होना चाहिए.
जरूरी डॉक्यूमेंट
इसके लिए बेसिक डॅाक्यूमेंट मांगे जाते हैं. इसके लिए पासपोर्ट साइज फोटो को साथ ड्युअल साइंड एप्लीकेशन फॅार्म, एक आईडी प्रूफ जैसे कि आधार कार्ड या पासपोर्ट, एज प्रूफ के लिए आधार कार्ड या पासपोर्ट, पेन कार्ड, और एक एड्रेस प्रूप होना जरुरी है. जिसमें आप आधार कार्ड या पानी, बिजली, टेलीफोन का बिल दे सकते हैं. सैलरी पाने वाले लोगों के लिए अपने पिछले 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप और करंट लेंडर से पर्सनल लोन के लिए स्टेटमेंट देना होता है. वहीं सेल्फ एंप्लॅाइड पर्सन के लिए बिजनेस पेन कार्ड, बिजनेस एड्रेस प्रूफ, पिछले 3 साल की बैलेंस शीट और पिछले 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट देना जरुरी है.
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11:28 AM IST