ELSS में निवेश को बनाएं अपनी आदत, टैक्स बचत के साथ फंड बनाने में मिलेगी मदद
ELSS: ईएलएसएस में पूरे साल एसआईपी के माध्यम से निवेश करने में लागत औसत हो जाती है और आपको समय के साथ बेहतर रिस्क एडजस्टेड रिटर्न मिलता है.
ELSS: अगर आप टैक्स बचत के विकल्प तलाश रहे हैं तो यहां टैक्स बचाने की एक नई आदत और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ईएलएसएस (ELSS) में नियमित रूप से निवेश के साथ दौलत बनाने का बेहतर अवसर है. एक आदत तब बनती है, जब एक व्यवहार बार-बार और लगातार किया जाता है. एक बार आदत बन जाने के बाद उसे बार-बार करना आसान हो जाता है. आदतें हमारे पूरे जीवन और कई ऐसी बातों में हमारी मदद करती हैं, जिन्हें हम हल्के में लेते हैं. जब बात हमारे वित्त की आती है, तो हमने कुछ बेसिक या अंतर्निहित आदतें हासिल कर ली हैं.
फिर भी, इस बात की संभावना है कि हमने बचत/निवेश पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय आसानी से खर्च करने की आदत विकसित कर ली है. इसका एक कारण यह है कि खर्च करने की प्रवृत्ति आसान, वास्तविक और हमें तुरंत संतुष्टि देने वाली होती है. दूसरी ओर, भविष्य के लिए कोई लक्ष्य बनाकर उसे पूरा करने के लिए बचत करने से हमें तुरंत कोई संतुष्टि नहीं मिलती है. इस तरह से अधिकांश टैक्सपेयर (Taxpayers) वित्त वर्ष के अंत में टैक्स बचत के लिए विकल्प तलाशना शुरू करते हैं. यह एक गलत आदत है, क्योंकि अंतिम समय में विकल्प तलाशने से वे सभी विकल्पों को अच्छी तरह से समझने में चूक जाते हैं.
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ELSS टैक्स सेविंग का लोकप्रिय विकल्प
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PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के CIO श्रीनिवास राव रावुरी का कहना है कि नौकरीपेशा टैक्सपेयर्स की बात करें तो प्रोविडेंट फंड डिडक्शन के माध्यम से टैक्स बचत का एक महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता है, जो नियोक्ता द्वारा हर महीने या पेंशन के किसी अन्य रूप में अनिवार्य रूप से स्वचालित होता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत पीएफ (PF) योगदान सहित टैक्स बचत के लिए और भी कई विकल्प मिलते हैं. टैक्स बचत के लिए निवेश के कई विकल्प हैं, जिससे अलग-अलग प्रकार के वित्तीय साधनों से एक विकल्प को किसी दूसरे के ऊपर चुनने में पक्षपात हो सकता है.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) एक ऐसा उत्पाद है, जो निवेशकों के बीच सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचाने का लोकप्रिय विकल्प बन गया है. ELSS किसी निवेशक को दोहरा लाभ प्रदान करता है. इसके जरिए आप टैक्स बचत करते ही हैं, साथ ही इक्विटी एक्सपोजर के चलते इसमें आपको बेहतर रिटर्न के जरिए दौलत बढ़ाने का भी अवसर मिलता है.
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एक एसेट क्लास के रूप में इक्विटी ने लंबे समय में अन्य एसेट क्लास की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है. निफ्टी 500 टीआरआई ने 15 मार्च, 2023 तक पिछले 10 साल में 13.32% CAGR रिटर्न देखा है. वहीं, ईएलएसएस (ELSS) में अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों की तुलना में 3 साल की सबसे कम लॉक-इन अवधि है. जो करदाता इक्विटी के साथ सहज हैं, वे इस अवसर पर विचार कर सकते हैं.
SIP के जरिए ELSS में करें निवेश
जिस तरह से आपको नियमित वेतन मिलता है और आपका पेंशन अंशदान हर महीने किया जाता है, ELSS में निवेश करते समय एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का विकल्प चुन सकते हैं. जब अपने लक्ष्य पूरे करने के लिए बचत करने की बात आती है, तो प्रक्रिया को स्वचालित करने से निवेश करने के लिए आवश्यक प्रयास समाप्त हो जाते हैं. जिस तरह से आप कमाते हैं, खर्च करते हैं, बचत करते हैं, यात्रा करते हैं और मेलजोल बढ़ाते हैं, उसी तरह टैक्स बचत को एक नियमित आदत बना लें.
ELSS में SIP के जरिए पूरे साल निवेश करने का विकल्प है, इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपके पास सिर्फ टैक्स बचाने के लिए किसी भी उत्पाद में निवेश करने की आखिरी मिनट की हड़बड़ी नहीं होती है. आखिरी मिनट में हड़बड़ी में किया गया निवेश आपके लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है.
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वित्त वर्ष की शुरुआत में अगर टैक्स बचत के लिए निवेश की योजना बनाते हैं तो आपके पास अपनी अन्य वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की चिंता किए बिना प्लानिंग करने का लाभ होता है. इसी तरह, हर महीने टैक्स बचत की एक स्वचालित प्रक्रिया से आप में नियमित निवेश की आदत भी विकसित होगी. इसलिए ELSS में एक एसआईपी शुरू करें और बाकी सब ठीक हो जाएगा.
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ELSS के फायदे
पूरे साल एसआईपी के माध्यम से निवेश करने में लागत औसत हो जाती है और आपको समय के साथ बेहतर रिस्क एडजस्टेड रिटर्न मिलता है. SIP के माध्यम से, आप निवेश करते समय और बाजार की टाइमिंग निर्धारण करते समय व्यवहार संबंधी पूर्वाग्रहों को दूर कर सकते हैं. अब जब हम टैक्स बचत के अंतिम दौर में हैं, तो आप 80C के तहत शार्टफॉल को भरने के लिए एकमुश्त निवेश पर विचार कर सकते हैं. फिलहाल अगले वित्त वर्ष के लिए, सेक्शन 80C के तहत अपने पैसे को एसआईपी के माध्यम से ईएलएसएस में लगाने के लिए आगे की योजना बनाना सही रणनीति है.
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दौलत बनाने में मिलेगी मदद
ELSS में निवेश करने से आपको जरूरत पड़ने पर अपना निवेश बढ़ाने की अनुमति मिलती है, जिससे आपको निवेश में बहुत जरूरी फ्लेक्सिबिलिटी का लाभ मिलता है. अभी एक नियमित राशि के साथ SIP शुरू कर सकते हैं, जो आपको टैक्स बचत के लिए चाहिए. जैसे-जैसे आप वित्त वर्ष के करीब आते हैं, अगर आपको सेक्शन 80C की सीमा के तहत 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा में कोई कमी दिखती है तो एसआईपी में योगदान बढ़ा सकते हैं.
ELSS में एसआईपी के माध्यम से नियमित निवेश के साथ टैक्स बचाने और दौलत बनाने की एक नई आदत विकसित करें. इससे आपको समय के साथ यह समझने में मदद मिलेगी कि टैक्स बचत, ELSS के माध्यम से दौलत बढ़ाने का बाई-प्रोडक्ट होगा.
07:00 AM IST