इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते वक्त भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां, आ जाएगा नोटिस
इनकम टैक्स रिटर्न सही तरीके से नहीं भरने का काफी नुकसान होता है. खासकर पहली बार रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के लिए ये काफी जरूरी है.
जरा सी चूक के चलते कई एप्लीकेशन रिजेक्ट (ITR application reject) हो जाते हैं. (Zeebiz)
जरा सी चूक के चलते कई एप्लीकेशन रिजेक्ट (ITR application reject) हो जाते हैं. (Zeebiz)
दिसंबर का महीना खत्म होने वाला है. 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return-ITR) भरने की आखिरी तारीख है. रिटर्न फाइल करते वक्त कई तरह की सावधानियां रखनी होती हैं. जरा सी चूक के चलते कई एप्लीकेशन रिजेक्ट (ITR application reject) हो जाते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न सही तरीके से नहीं भरने का काफी नुकसान होता है. खासकर पहली बार रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के लिए ये काफी जरूरी है. अगर गलती हुई तो न सिर्फ पेनाल्टी (Penalty) लग सकती है. बल्कि नोटिस (Income tax notice) भी आ सकता है. इसलिए जरूरी है समझा जाए कि इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय किस तरह की गलतियां होती हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है.
1. गलत व्यक्तिगत जानकारी के साथ फॉर्म भरना
ऑनलाइन रिटर्न फाइल (Online return filing) करने के लिए आपको पहले आयकर विभाग (Income tax) की ऑफीशियल वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा. ई-फाइलिंग (ITR e-Filing) करते समय गलती न हो इसके लिए अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आपका नाम, पता, जन्म तिथि, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर को निश्चित कॉलम में ठीक ढंग से भरें. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया थोड़ी सी जटिल है. किसी भी गलत सूचना की स्थिति में भविष्य में समस्याएं हो सकती हैं.
2. बैकिंग डिटेल में गलती (Bank details in ITR)
अगर आप रिफंड के लिए दावा नहीं कर रहे हैं तब भी आपको अपने बैंक खाते की सही जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है. ई-फाइलिंग करते समय अपने बैंक का नाम, खाता संख्या, IFSC और MICR कोड को दोबारा जरूर चेक कर लें.
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3. सभी बैंक खातों की डिटेल न भरना
बहुत से लोग अपने सभी बैंक खातों की जानकारी नहीं देते, जिनसे उन्होंने उस वित्तीय वर्ष में लेन देन किया है. ऐसा करना गैरकानूनी है, क्योंकि आयकर विभाग ने अपने अधिनियम में साफ तौर पर कहा है कि टैक्सपेयर्स को अपने नाम पर पंजीकृत सभी बैंक खातों की जानकारी देना जरूरी है.
4. ई-फाइलिंग करते वक्त TDS के आंकड़ों में अंतर
अगर आप डीटेल्स पर ध्यान नहीं देते तो आपका रिटर्न फॉर्म रद्द हो सकता है. ये ध्यान रखें कि आपके 26 एएस फॉर्म में आपकी इनकम पर जो TDS के आंकड़े दिए गए हैं वही आपने ITR फॉर्म में भरे गए हों.
5. गलत जानकारी देने से बचें (Mistakes in ITR)
गलत रिटर्न फाइल होने का सबसे बड़ा कारण है जब आप अपनी आमदनी की सही-सही जानकारी नहीं देते. अगर आपको सैलरी के अलावा दूसरे स्रोतों जैसे आपके घर के किराए, कमीशन, डोनेशन, शार्ट टर्म कैपिटल गेंस से इनकम होती है, तो इसकी जानकारी आईटीआर में जरूर देनी चाहिए. रिटर्न फाइलिंग के वक्त कई तरह की गलतियां होने की संभावना रहती है, ऐसे में टैक्स विशेषज्ञ का सलाह ले लेना बेहतर होगा.
6. छूट लेने के लिए इनकम छुपाना (Income source)
पहले के आईटीआर फॉर्म में दिए गए एक सिंगल कॉलम में आपको टैक्स पर मिले छूट की आय का ब्योरा देना होता था. लेकिन, अब नए फॉर्म में कई कॉलम है जहां डिविडेंड, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर मिलने वाली छूट का ब्योरा विशेष रूप से देना होता है. ऐसे में कोई भी इनकम छुपाने की गलती बिल्कुल न करें.
7. रिटर्न भरने के लिए गलत फार्म सबमिट करना (ITR Forms)
इस साल आयकर विभाग ने आईटीआर फार्म में कई तरह के बदलाव किए हैं. आईटीआर फार्म भी अलग-अलग तरह के होते हैं, उसमें अपने फार्म को सिलेक्ट करना है. कारोबारियों के लिए अलग से फॉर्म होता है. बतौर टैक्सपेयर आपको फॉर्म में हुए बदलावों को ध्यान में रखते हुए ई-फाइलिंग करनी है. गतली होने पर आपका फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाएगा और इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भी भेज देगा.
8. इनकम कैलकुलेशन में गलती (Income tax calculation)
अपनी इनकम की सही कैलकुलेशन करने के लिए आपको ई-फाइलिंग के दौरान फार्म में सभी कॉलम सावधानी से भरने होंगे. अगर कम्प्यूटर में दिया गया रिजल्ट आपके दिए गए आंकड़ो से मेल नहीं खाता है तो आप दी गई डिटेल्स को दोबारा चेक जरूर कर लें.
9. आखिरी तारीख का इंतजार करना (ITR last filing date)
ज्यादातर लोग इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने के लिए 31 दिसंबर तक का इंतजार करेंगे. आखिरी समय में जल्दबाजी के चक्कर में गलतियां होने की गुंजाइश ज्यादा रहती है. इतना ही नहीं किसी तरह की गलती होने पर आपको उसे सुधारने का समय नहीं रहता. सरकार ने रिटर्न भरने की ऑइनलाइन फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाया है, इसलिए आप किसी भी गलती से बचना चाहते हैं तो आखिरी तारीख का इंतजार न करें और पहले ही रिटर्न फाइल कर लें.
10. रिटर्न के ऑनलाइन-वेरिफिकेशन में देरी
रिटर्न भरने के बाद इसका ई-वेरीफिकेशन बहुत जरूरी होता है. जब तक आपका रिटर्न वेरीफाइड नहीं हो जाता तब तक रिटर्न की प्रक्रिया अधूरी रहती है. टैक्सपेयर्स के पास रिटर्न को वैरीफाई करने के लिए दो तरीके होते हैं. पहला या तो इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद इसकी वेरिफिकेशन रसीद आप 120 दिनों के भीतर सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) बंगलुरु को भेज दें. इसके अलावा अपने रिटर्न को ऑनलाइन वेरीफाई करने का आसान तरीका भी है, जिसे आप नेट बैंकिंग, डीमैट अकाउंट, आधार नंबर और बैंक अकाउंट डिटेल्स से कर सकते हैं.
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