आपको भी आ रहे हैं Income Tax की तरफ से SMS-EMail? डरें नहीं, शायद होने वाला हो आपका फायदा!
आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि वह आयकर रिटर्न (Income Tax Return) और वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में अंतर को लेकर करदाताओं और रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं करने वालों को एसएमएस और ई-मेल भेज रहा है.
आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि वह आयकर रिटर्न (Income Tax Return) और वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में अंतर को लेकर करदाताओं और रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं करने वालों को एसएमएस और ई-मेल भेज रहा है. ये एसएमएस और ई-मेल उन मामलों में भेजे जा रहे हैं, जहां वित्त वर्ष 2023-24 और 2021-22 के लिए एआईएस में लेनदेन के बारे में दी गई जानकारी और आईटीआर में बताई गई आय के बीच अंतर पाया गया है. यानी इन मैसेज या ई-मेल से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि यह आपके फायदे के लिए ही भेजे जा रहे हैं, इनसे आपको मदद मिलेगी.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि उसने वित्त वर्ष 2023-24 और 2021-22 के लिए एआईएस में रिपोर्ट की गई आय और लेनदेन और आयकर रिटर्न (आईटीआर) में आय और लेनदेन के बीच अंतर को हल करने में करदाताओं की सहायता को एक अभियान शुरू किया है. इसके जरिये उन व्यक्तियों को भी चिन्हित किया गया है जिनकी कर योग्य आय या महत्वपूर्ण उच्च-मूल्य लेनदेन उनके एआईएस में रिपोर्ट किए गए हैं, लेकिन उन्होंने संबंधित वित्त वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया है.
यह पहल ई-सत्यापन योजना, 2021 के कार्यान्वयन का हिस्सा है. इस अभियान के तहत उन मामलों में करदाताओं और आयकर रिटर्न जमा नहीं करने वालों को एसएमएस और ई-मेल के माध्यम से सूचनात्मक संदेश भेजे गए हैं, जहां वार्षिक सूचना विवरण में लेनदेन के बारे में दी गयी जानकारी और आईटीआर की सूचना के बीच अंतर है. वार्षिक सूचना विवरण एक करदाता के लिए सूचना को लेकर व्यापक दृष्टिकोण है.
As part of implementation of the e-Verification Scheme, 2021 , CBDT has launched an e-campaign to assist taxpayers in resolving mismatches between the income and transactions reported in the AIS and those disclosed in ITRs for the F.Y 2023-24 and 2021-22.
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) December 17, 2024
Key highlights:… pic.twitter.com/ia56ooVKNG
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करदाता आयकर विभाग के पोर्टल पर एआईएस को देख सकते हैं और उसमें दी गयी जानकारी पर अपनी राय दे सकते हैं. एआईएस रिपोर्ट किए गए मूल्य और संशोधित मूल्य (यानी करदाता प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद मूल्य) दोनों को दिखाता है.
सीबीडीटी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों जिन्होंने अपने आईटीआर में आय का पूरा तरह खुलासा नहीं किया है, को इस बारे में याद दिलाना और उनका मार्गदर्शन करना है. इससे वे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित आईटीआर दाखिल कर सकेंगे, जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर है.
वित्त वर्ष 2021-22 से संबंधित मामलों के लिए करदाता 31 मार्च, 2025 की समयसीमा तक अद्यतन आईटीआर दाखिल कर सकते हैं. सीबीडीटी ने पिछले महीने एक अभियान शुरू किया था. इसके तहत उन करदाताओं को संदेश भेजे गए थे जिन्होंने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपने आईटीआर में उच्च मूल्य वाली विदेशी आय या संपत्ति का खुलासा नहीं किया है.
08:18 PM IST