Exclusive: न्यू टैक्स रिजीम वालों को मिलेगी नई टैक्स छूट, स्लैब में जोड़ा जा सकता है EPF! जानें क्या है तैयारी Powered By:
Income tax new regime benefits: एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आने वाले समय में न्यू टैक्स सिस्टम (New tax regime) को ही इकलौता टैक्स सिस्टम बनाने की तैयारी है. लेकिन, इसमें अभी वो छूट नहीं मिलती हैं, जो ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलती हैं.
Income tax new regime benefits: साल 2020 के बजट में इनकम टैक्स के नियमों में कुछ बदलाव किए गए. नया टैक्स सिस्टम जोड़ा गया. इसे न्यू टैक्स रिजीम के नाम से जानते हैं. साल 2023 के बजट में इसी न्यू टैक्स रिजीम में कुछ नए बदलाव किए गए. स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard deduction) जोड़ा गया. साथ ही 7 लाख रुपए तक के इनकम वालों को टैक्स से छूट दी गई. मामला यहीं तक ही नहीं रुका. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 से न्यू टैक्स रिजीम को ही डिफॉल्ट टैक्स सिस्टम बना दिया. अब जब हम टैक्स इन्वेस्टमेंट भरेंगे या जब इनकम टैक्स रिटर्न भरेंगे तो न्यू टैक्स रिजीम ही इसमें डिफॉल्ट होगा. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आने वाले समय में न्यू टैक्स सिस्टम (New tax regime) को ही इकलौता टैक्स सिस्टम बनाने की तैयारी है. लेकिन, इसमें अभी वो छूट नहीं मिलती हैं, जो ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलती हैं. इसलिए इसे और आकर्षक बनाने की तरफ ध्यान दिया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो इस बार इसमें बदलाव किया जा सकता है.
जोड़ा जा सकता है EPF बेनिफिट
सूत्रों की मानें तो बजट में न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने की तरफ ध्यान दिया जा सकता है. नौकरीपेशा के लिए सबसे जरूरी इम्प्लाई प्रोविडेंट फंड (EPF) होता है. इसे न्यू टैक्स रिजीम में शामिल किया जा सकता है. अभी तक ओल्ड टैक्स रिजीम में EPF को सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे इम्प्लॉयर की तरफ से फॉर्म 16 में डिडक्शन के तौर पर शामिल किया जाता है. लेकिन, इसका फायदा सेक्शन 80C में ही मिलता है, जहां सिर्फ 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट है. न्यू टैक्स रिजीम में इसे जोड़ने पर 80C की विंडो खुलने के आसार हैं. हालांकि, अभी तक ये कन्फर्म नहीं है कि इसे 80C के तौर पर ही शामिल किया जाएगा या फिर अतिरिक्त टैक्स छूट के तौर पर मिलेगा.
80C का रास्ता खोलने की तैयारी
टैक्स एक्सपर्ट्स के मुतबाकि, न्यू टैक्स रिजीम को लागू करते वक्त ही इस बात का इशारा दिया गया था कि धीरे-धीरे इसी टैक्स सिस्टम को लागू किया जाएगा. इस कड़ी में सबसे पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़ा गया था. अब EPF की कैटेगरी को अगर जोड़ा जाता है तो टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त टैक्स छूट का फायदा मिलेगा. इससे एक और इशारा मिलता है कि टैक्स छूट में 80C के रास्ते खोले जा रहे हैं. अगर EPF को जोड़ा जाता है तो आने वाले समय में दूसरी डिडक्शन को भी जोड़ा जा सकता है. लेकिन, सीधे तौर पर सरकार सारे फायदा नहीं देगी क्योंकि, अभी ओल्ड टैक्स रिजीम सिस्टम में है.
क्या हैं नए टैक्स सिस्टम में छूट के प्रावधान?
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न्यू टैक्स रिजीम में साल 2023 में कुछ बदलाव किए गए. बेसिक छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया गया. वहीं, रिबेट के साथ टैक्स छूट की सीमा अब 5 लाख रुपए से बढ़कर 7 लाख रुपए है. टैक्स रिबेट को इस स्ट्रक्चर के लिए बढ़ाया गया था. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर 50,000 रुपए की टैक्स छूट है. ऐसे में नई टैक्स रिजीम में कुल 7.5 लाख रुपए तक की इकनम पर कोई टैक्स नहीं है.
न्यू टैक्स रिजीम 2023-24
आय | टैक्स दर |
0 से 3 लाख | शून्य |
3 से 6 लाख | 5 फीसदी |
6 से 9 लाख | 10 फीसदी टैक्स |
9 से 12 लाख | 15 फीसदी टैक्स |
12 से 15 लाख | 20 फीसदी |
01:07 PM IST