5 साल की नौकरी पूरी करने से पहले कर्मचारी की हो जाए मौत तो नॉमिनी को मिलती है Gratuity, जानें तब कैसे होती है कैलकुलेशन?
अगर किसी कर्मचारी की मौत 5 साल की नौकरी की अवधि पूरी करने से पहले हो जाए, तो 5 साल की नौकरी का नियम लागू नहीं होता. ऐसी स्थिति में कर्मचारी के नॉमिनी ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है. लेकिन ग्रेच्युटी की गणना अलग तरीके से की जाती है.
Gratuity का एक रूल है कि जब आप किसी संस्थान में 5 साल की नौकरी कर लेते हैं, तब ग्रेच्युटी पाने के हकदार बन जाते हैं. ग्रेच्युटी की रकम किसी भी कंपनी में लंबे समय तक अपनी बेहतर सेवाएं देने का रिवॉर्ड है. लेकिन अगर किसी कर्मचारी की मौत 5 साल की नौकरी की अवधि पूरी करने से पहले हो जाए, तो 5 साल की नौकरी का नियम लागू नहीं होता. ऐसी स्थिति में कर्मचारी के नॉमिनी ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है. नौकरी जॉइन करते समय Form F भरकर आप अपनी ग्रेच्युटी राशि के लिए नॉमिनी का नाम दर्ज करा सकते हैं. लेकिन मौत वाली स्थिति में ग्रेच्युटी की रकम के कैलकुलेशन का तरीका बदल जाता है. आइए आपको बताते हैं इस बारे में.
नौकरी की अवधि के आधार पर गणना
ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के अनुसार अगर किसी कर्मचारी की अनहोनी में जान चली जाए तो उसके आश्रित या नॉमिनी ग्रेच्युटी की रकम के लिए क्लेम कर सकते हैं. इस स्थिति में 5 साल वाला नियम लागू नहीं होता है. वहीं अगर कर्मचारी नौकरी के दौरान किसी हादसे में दिव्यांग हो जाए और दोबारा काम करने में असमर्थ हो, तो भी वो ग्रेच्युटी की रकम के लिए क्लेम कर सकता है. लेकिन इन दोनों स्थितियों में ग्रेच्युटी की रकम की गणना ग्रेच्युटी कैलकुलेशन के सामान्य फॉर्मूले से नहीं की जाती. ऐसे में नौकरी की अवधि के आधार पर कैलकुलेशन की जाती है.
ऐसे कैलकुलेट होती है रकम
1 साल से कम समय की नौकरी होने पर बेसिक सैलरी की दोगुनी रकम ग्रेच्युटी के तौर पर दी जाती है.
1 साल से ज्यादा, लेकिन 5 साल से कम होने पर बेसिक सैलरी की 6 गुना रकम दी जाती है.
5 साल से ज्यादा, लेकिन 11 साल से कम होने पर बेसिक सैलरी की 12 गुना रकम दी जाती है.
11 साल से अधिक, लेकिन 20 साल से कम होने पर बेसिक सैलरी की 20 गुना रकम तक ग्रेच्युटी के तौर पर दी जाती है.
20 साल या उससे ज्यादा समय तक नौकरी करने वालों को उनकी बेसिक सैलरी का 33 गुना पैसा दिया जाता है.
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
सामान्य तौर पर ऐसे होती है ग्रेच्युटी की गणना
सामान्य तौर पर ग्रेच्युटी की रकम तय करने का एक निश्चित फॉर्मूला होता है. ये फॉर्मूला है - (अंतिम सैलरी) x (कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26). अंतिम सैलरी से मतलब, आपकी पिछले 10 महीने की सैलरी के औसत से है. इस सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन को शामिल किया जाता है. महीने में रविवार के 4 दिन वीक ऑफ होने के कारण 26 दिनों को गिना जाता है और 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है.
05:03 PM IST