UP Assembly Elections 2022: योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा नोएडा का तीन दशक से ज्यादा पुराना मिथक, कई बार कर चुके हैं दौरा
UP Assembly Elections 2022: योगी आदित्यनाथ ने तीन दशक से ज्यादा समय से चले आ रहे नोएडा मिथक को भी तोड़ दिया है. जिसके मुताबिक, शहर का दौरा करने वाला कोई भी मुख्यमंत्री सत्ता खो देता है. 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ कई बार यहां आ चुके हैं.
यूपी में करीब 37 साल बाद बीजेपी लगातार दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी. (फाइल फोटो: ANI)
यूपी में करीब 37 साल बाद बीजेपी लगातार दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी. (फाइल फोटो: ANI)
UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे बीजेपी की उम्मीदों के मुताबिक रहे हैं. ऐसे में योगी आदित्यनाथ का एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की जीत ने उनके सियासी कद को और बड़ा कर दिया है. योगी ने यह मिथक भी तोड़ दिया है कि जो मुख्यमंत्री नोएडा जाता है, उसकी कुर्सी चली जाती है. कई बार नोएडा जाने के बावजूद वह लगातार पिछले पांच साल से सीएम बने हुए हैं.
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टूट गया तीन दशक पुराना मिथक
योगी आदित्यनाथ ने तीन दशक से ज्यादा समय से चले आ रहे नोएडा मिथक को भी तोड़ दिया है. जिसके मुताबिक, शहर का दौरा करने वाला कोई भी मुख्यमंत्री सत्ता खो देता है. 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ कई बार यहां आ चुके हैं. उन्होंने नोएडा में कई विकास परियोजनाओं और प्रशासनिक कार्यों का उद्घाटन, शिलान्यास भी किया है. दरअसल नोएडा का मिथक वर्षो से चर्चा का विषय रहा है. इसके तहत कहा जाता रहा है कि जो भी यूपी का सीएम यहां का दौरा करता है, वह अगली बार दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल नहीं कर पाता है.
उ.प्र. में भाजपा गठबंधन के विराट 'विजय पथ' के निर्माण में भाजपा के मा. प्रदेश अध्यक्ष श्री @swatantrabjp जी के साथ-साथ अनेक माननीय गणों के मार्गदर्शन का विशिष्ट योगदान है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 10, 2022
आप सभी के कुशल और ओजस्वी मार्गदर्शन में सुशासन को प्रदेश में प्रचंड बहुमत प्राप्त हुआ है।
सभी को बधाई! pic.twitter.com/6puz2I4kG2
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कई पूर्व सीएम ने नोएडा जाने से किया परहेज
वीर बहादुर सिंह को शहर से लौटने के कुछ दिनों के भीतर ही 1988 में पद छोड़ना पड़ा था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉरिडोर में नोएडा का विवाद चर्चा का विषय बन गया था. रुझानों पर गौर करें तो यह कहा जा सकता है कि योगी और पार्टी की जीत अब एक औपचारिकता भर रह गई है. इस तरह से योगी ने नोएडा का मिथक तोड़ दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्री काल में नोएडा जाने से परहेज किया था.
सीएम रहते अखिलेश भी नहीं आए नोएडा
बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 2007 में नोएडा का दौरा किया और वह 2012 में विधानसभा चुनाव हार गईं. समाजवादी पार्टी सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी 2012 से अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान कुर्सी जाने के डर से इसी प्रवृत्ति का पालन किया.
जनवरी में शहर की अपनी यात्रा के दौरान, आदित्यनाथ ने मायावती और अखिलेश पर यह कहकर कटाक्ष किया कि उनके लिए सत्ता अधिक महत्वपूर्ण थी. इसलिए वे नोएडा जाने से हिचकिचा रहे थे. विवाद के बारे में पूछे जाने पर नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत रूप से कई बार शहर और यहां के लोगों के विकास का ध्यान रखा है.
08:36 PM IST