Manish Sisodia Excise Policy: कोर्ट ने दिया मनीष सिसोदिया को झटका, 4 मार्च तक CBI रिमांड पर भेजा
Manish Sisodia Excise Policy Scam Case: दिल्ली की नई आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को चार मार्च तक सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है.
(Source: PTI)
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Manish Sisodia Excise Policy Scam Case: CBI ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सोमवार को यहां एक अदालत में पेश किया, जिसने उन्हें चार मार्च तक के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया. विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने CBI और सिसोदिया के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कुछ देर के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. CBI ने अदालत से आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को पांच दिनों की हिरासत में उसे सौंपने का अनुरोध किया था.
रविवार को हुई मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी
CBI ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इससे पहले, अदालत में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा कि (तत्कालीन) उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है. सिसोदिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी रिमांड के लिए CBI के अनुरोध का विरोध किया.
दिल्ली बजट पेश होने के पहले सिसोदिया गिरफ्तार
सिसोदिया के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए अदालत से कहा कि मैं वित्त मंत्री हूं. मुझे बजट पेश करना है...कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे? या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है. उन्होंने कहा कि यह रिमांड से इनकार करने का एक उपयुक्त मामला है.
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उन्होंने दलील दी कि सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के सदस्य के तौर पर कार्य किया और इसलिए फैसले के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, ना ही उस फैसले पर सवाल उठाया जा सकता है. वहीं, जांच एजेंसी के वकील ने दलील दी कि गिरफ्तार किये गये उपमुख्यमंत्री को हिरासत में रख कर मामले में पूछताछ करने की जरूरत है.
क्यों हुई सिसोदिया की गिरफ्तारी
CBI ने कहा कि सिसोदिया ने दावा किया है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से यह पता चला कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फैसले लिये थे. सिसोदिया के वकील ने हिरासत में सौंपने संबंधी जांच एजेंसी के अनुरोध का विरोध करते हुए दलील दी कि CBI ने कहा है कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन बदले थे, लेकिन यह अपराध नहीं है.
वकील ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल से सुझाव लेने के बाद नीति लागू की गई थी और चूंकि इसके लिए परामर्श की जरूरत थी, इसलिए साजिश की कोई गुंजाइश नहीं थी.
उन्होंने कहा कि मैंने हर चीज खुली रखने की कोशिश की. इससे पहले, CBI सिसोदिया को कड़ी सुरक्षा के बीच राउज एवेन्यू अदालत लेकर आयी. अदालत परिसर के अंदर और बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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06:50 PM IST