ED का एक्शन; M3M के प्रोमोटर रूप रुमार बंसल गिरफ्तार, धोखाधड़ी और मनी लॉड्रिंग का है आरोप
ये छापेमारी निवेशकों और फ्लैट खरीदारों के निवेश किए गए पैसों की धोखाधड़ी मामले में की गई थी. मामले में ईडी के राडार में काफी आरोपी शामिल हैं.
ED ने M3M के प्रोमोटर रूप रुमार बंसल को गिरफ्तार कर लिया है. ये गिरफ्तारी निवेशकों और फ्लैट खरीदारों से धोखाधड़ी और मनी लॉड्रिंग के आरोप में की गई है. इससे पहले ED ने IREO और M3M मामले में दिल्ली और गुरूग्राम में 7 जगहों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी निवेशकों और फ्लैट खरीदारों के निवेश किए गए पैसों की धोखाधड़ी मामले में की गई थी. इस छापेमारी में एजेंसी ने 17 मंहगी गाडियां जिसमें Lamborghini, Land Rover, Rolls Royce, Bentley, Mercedes Maybach शामिल है, जब्त की. इसके अलावा 5.75 करोड़ की ज्वैलरी और 15 लाख नकद भी जब्त किये गए.
मनी लॉड्रिंग मामले पर बड़ी कार्रवाई
ED ने IREO और M3M ग्रुप के खिलाफ गुरूग्राम में दर्ज मामलों के आधार पर मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया था और अपनी जांच शुरू की. जांच में एजेंसी को पता चला कि M3M ग्रुप ने गुरूग्राम में 4 करोड़ की जमीन को पांच फर्जी कंपनियां(Shell Companies) को डेवलेपमेंट के अधिकार 10 करोड़ में बेच दिये. लेकिन हैरानी की बात है कि इन पांच कंपनियों ने 4 करोड़ की जमीन के डेवलेपमेंट अधिकार IREO ग्रुप को 400 करोड़ में बेच दिये यानी 400 गुना अधिक दाम पर ये डील हुई.
आरोप: फर्जी कंपनियों में हो रहा था पैसा ट्रांसफर
IREO ग्रुप से 400 करोड मिलने के बाद इन पांचों कंपनियों ने ये पैसे M3M ग्रुप के पास दूसरी फर्जी कंपनियों के जरिये ट्रांसफर कर दिये. यानी सिर्फ ये दिखाने के लिये की इन कंपनियों का M3M से कोई कनेक्शन नहीं है जबकि M3M ने भी ये दावा किया था कि ये पांचों कपनियों के साथ भी उसका कोई संबध नहीं है लेकिन जांच में पता चला कि इन पांचों फर्जी कंपनियों को M3M के डायरेक्टर बसंत बंसल और रूप कुमार बंसल ही संभालते है. IREO ग्रुप ने भी इस 400 करोड़ को अपने खातों में डेवलेपमेंट के नाम पर खर्च दिखाया.
400 करोड़ के निवेश की कहानी
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जांच में ये भी पता चला कि M3M ग्रुप ने इस 400 करोड़ को दूसरी जगह निवेश करने, अपने खातों को ठीक करने और बकाया चुकाने में इस्तेमाल किया. वहीं दूसरी तऱफ 400 करोड़ में 4 करोड़ की जमीन खरीदने वाले IREO ग्रुप ने किसी तरह की डेवलेपमेंट नहीं की और ना ही कोशिश की.
इन आरोपियों पर है ED की नजर
इस मामले में ED ने IREO ग्रुप के डायरेक्टर ललित गोयल को नवंबर 2021 में गिरफ्तार भी किया था जो फिलहाल जेल में बंद है. इस मामले को लेकर बीजेपी नेता सुंधाशु मित्तल (Sudhanshu Mittal) ललित गोयल की पत्नी के साथ ED मामलों के जज सुधिर परमार से मिले थे और राहत देने की बात की थी. सुधांशु मित्तल ललित गोयल के रिश्तेदार है. जब एजेंसी को इस बात का पता चला कि आरोपी कहीं ना कही जज को भी अपने पक्ष में लेने की कोशिश कर रहे तो उसके बाद जांच की और छापेमारी की और 17 अप्रैल 2023 को हरियाणा एंटी करप्शन ब्रांच ने जज सुधीर परमार और M3M के डायरेक्टर रूप कुमार बंसल और दूसरे आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
दर्ज मामले में लिखा है कि M3M के डायरेक्टर ने भी जज सुधीर परमार को फायदा पहुंचा कर ED में चल रहे मामलों में फायदा लेने की कोशिश की थी जिसके बदले 5 से 7 करोड़ देने की बात तय थी. IREO ग्रुप की तरफ से भी 5 करोड़ देने की बात इस FIR में लिखी गयी है. ये पैसे सुधीर परमार के भतीजे अजय परमार के जरिये लिये जाते थे जिसे M3M में जज सुधीर परमार के कहने पर ही लीगल एडवाइजर के तौर पर रखा गया था.
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12:30 PM IST