मनी लॉन्ड्रिंग नियमों में बदलाव से विदेशी निवेश हो सकता है प्रभावित- चार्टर्ड अकाउंटेंट्स
Anti-Money Laundering Law: चार्टर्ड अकाउंटेंट ने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग लॉ के दायरे को बढ़ाने का ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) और विदेशी निवेश (Foreign Investment) पर विपरीत असर पड़ सकता है.
(File Photo)
(File Photo)
Anti-Money Laundering Law: चार्टर्ड अकाउंटेंट ने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग लॉ के दायरे को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की हालिया नोटिफिकेशन पर स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने आशंका जताई है कि इसका ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) और विदेशी निवेश (Foreign Investment) पर विपरीत असर पड़ सकता है.
चार्टर्ड अकाउंटेंट (CAs) और कंपनी सेक्रेटरी (CS) अक्सर भारत में व्यवसाय शुरू करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए एजेंट के रूप में काम करते हैं और आमतौर पर शुरुआत में पत्राचार के लिए अपना पता देते हैं.
ये भी पढ़ें- आपके पास है Tata Steel का शेयर? कंपनी के CEO ने दी बड़ी जानकारी
सोर्स को नहीं कर सकते हैं वेरिफाई
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार वे देश में उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही विदेशी कंपनी के निवासी निदेशकों के रूप में भी कार्य करते हैं और अपने ग्राहकों की ओर से बैंक खाते भी संचालित करते हैं. इंडस्ट्री सूत्रों ने कहा कि ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे एक लेखाकार यह जान सके कि एक निवेशक भारत में जो पैसा ला रहा है, वह वैध है या शोधित धन है. वे इसके स्रोत को सत्यापित नहीं कर सकते हैं.
सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट को किया सख्त
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने हाल के महीनों में प्रिवेशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के दायरे को कड़ा और विस्तारित किया है. आतंकवाद की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर ग्लोबल वॉचडॉग की इस साल होने वाली समीक्षा के मद्देनजर ऐसा किया गया है.
ये भी पढ़ें- Success Story: नर्सरी के बिजनेस से युवा किसान ने कमा लिया ₹10 लाख, जानिए कैसे कर सकते हैं शुरू
इस कवायद के तहत चार्टर्ड अकाउंटेंट, लागत लेखाकारों और कंपनी सचिवों को पीएमएलए के दायरे में शामिल किया गया है. अगर वे अपने ग्राहकों की ओर से लेनदेन करते हैं, तो उनपर यह कानून लागू होगा. इन लेनदेन में संपत्तियों की खरीद और बिक्री, बैंक खातों या अन्य संपत्तियों का प्रबंधन और कंपनियों का प्रबंधन शामिल है.
ये भी पढ़ें- नागपुर ही नहीं अब यहां भी होगा संतरे का उत्पादन, 1800 हेक्टेयर में होगी खेती
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
09:21 PM IST