सरकार की प्राइवेटाइजेशन की नीति से गदगद हुआ उद्योग जगत, कहा- अवसर पैदा होंगे, रोजगार बढ़ेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजीकरण का जोरदार शब्दों में समर्थन करते हुए कहा था कि सरकार का काम व्यवसाय करना नहीं है.
उद्योग जगत ने कहा है कि रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य के निजीकरण (Privatization) से रोमांचक अवसर पैदा होंगे और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा. साथ ही इससे रोजगार के अवसरों का भी पैदा होगा. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजीकरण का जोरदार शब्दों में समर्थन करते हुए कहा था कि सरकार का काम व्यवसाय करना नहीं है.
हालांकि, उद्योग जगत ने इसके साथ ही निजीकरण और संपत्ति मौद्रिकरण के क्रियान्वयन की रूपरेखा बनाने पर जोर देते हुए आगाह किया कि किसी तरह की नियामकीय या कानूनी अड़चनों से यह पूरी प्रक्रिया पटरी से उतर जाएगी.
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर (FICCI President Uday Shankar) ने कहा कि यदि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को अपने फैसलों को लेकर संरक्षण नहीं मिलेगा तो वे बेहद सतर्क रुख अपनाएंगे.
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शंकर ने कहा कि संपत्ति की गुणवत्ता प्रक्रिया की विश्वसनीयता की तरह ही महत्वपूर्ण है. यह प्रक्रिया पक्षपातरहित और पारदर्शी होनी चाहिए और इसकी समयसीमा का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मूल्य की खोज पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए.
एसोचैम (Asochem) के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान कि सरकार का काम व्यवसाय करना नहीं है, से नीति निर्माताओं के मन में किसी तरह का संदेह नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो मजबूत संदेश दिया है उससे वांछित नतीजे हासिल हो सकेंगे.
सूद ने कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया से वृद्धि की जबर्दस्त क्षमता को दोहन हो सकेगा जिससे देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर के स्तर पर ले जाने की आकांक्षा पूरी हो सकेगी.
भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मजबूत संदेश दिया है कि सरकार का काम व्यवसाय करना नहीं है, जिससे उद्यमियों का उत्साह बढ़ेगा. उनके शब्दों से सरकार की सोच में बदलाव का पता चलता है कि कारोबार और उपक्रमों को समर्थन देना उसका दायित्व है. उन्होंने विनिवेश, निजीकरण और मौद्रिकरण का जो एजेंडा पेश किया है उससे उद्योग का भरोसा कायम हुआ है.
बनर्जी ने कहा कि निजीकरण से उपक्रमों के भीतर दक्षता का सुधार हो सकेगा और उनके संसाधनों की क्षमता बढ़ सकेगी.
कारोबार करना सरकार का काम नहीं (government has no business to be in business)
बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गैर-रणनीतिक सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण (Privatization) का जोरदार तरीके से समर्थन करते हुए कहा कि व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार रणनीतिक क्षेत्रों में कुछ सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सरकारी इकाइयों का निजीकरण करने को प्रतिबद्ध है.
मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पर आयोजित वेबिनार में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की कम इस्तेमाल या बिना इस्तेमाल वाली संपत्तियों का मौद्रिकरण किया जाएगा. इनमें तेल एवं गैस और बिजली क्षेत्र की संपत्तियां हैं. इनके मौद्रिकरण से 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश के अवसर पैदा होंगे.
उन्होंने कहा व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं, सरकार का ध्यान जन कल्याण पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य आधुनिकीकरण और मौद्रिकरण है. प्रधानमंत्री ने कहा कि विनिवेश की प्रक्रिया को तेज करने के लिए सचिवों का अधिकार प्राप्त समूह निवेशकों के मुद्दों को सुलझाने का काम करेगा.
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08:00 AM IST